गाजा के खान यूनिस में इजरायली सेना के 7वीं ब्रिगेड के तहत काम कर रही 202वीं बटालियन के ऑपरेशन का फुटेज हल्द्वानी हिंसा के नाम पर वायरल।

उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर उस वक़्त हिंसा की आग में झूलस गया। जब बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हुआ। दरअसल प्रशासन की टीम अतिक्रमण किये अवैध मदरसे को तोड़ने गयी थी। जिसके बाद पुलिस तथा स्थानीय लोगों के बीच भयंकर झड़प हुई। इसके बाद से लेकर अब तक क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने हिंसा भड़काने वाले उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश दिए हैं। आलम यह है कि प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं झड़प के दौरान हुई आगजनी तथा पत्थरबाजी के सैकड़ों वीडियो और तस्वीरें सोशल मंचों पर वायरल हुए हैं। इसी पृष्ठभूमि में एक वीडियो साझा किया जा रहा है। जिसमें कुछ जवानों को आबादी वाले इलाके में चल कर घरों में घुस कर फायरिंग करते दिखाया गया है। यह वीडियो इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि अब हल्द्वानी में पुलिस आम नागरिकों के घरों में घुसकर फायरिंग कर रही है। वीडियो को जिस कैप्शन के साथ दर्शाया गया है वो यह है…

क्या #हल्द्वानी में पुलिस सिविलियनस के घरों में भी घुस कर फायरिंग कर रही है… #हल्द्वानी बर्निंग्स

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत के लिए वीडियो से तस्वीर लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च से खोजना शुरू किया। परिणाम में हमें msn की वेबसाइट पर पूरा वायरल वीडियो मिला। इस वेबसाइट पर राइटर्स के हवाले से दो वीडियो को साझा किया गया है जो इसी साल जनवरी महीने का है। जानकारी यह दी गयी है कि वीडियो इजराइली सेना द्वारा जारी किया गया है। जो गाजा के खान यूनिस में संचालित ऑपरेशन का हिस्सा है। यहां ये भी बताया गया है कि इजरायली सेना को ऑपरेशन के दौरान सुरंगें मिली थीं। जिनको ढूंढ कर नष्ट कर दिया गया।

आगे जा कर इसी जानकारी के साथ हमें यही वीडियो एक और न्यूज़ वेबसाइट पर साझा किया हुआ मिला। जो इजरायल गाजा युद्ध से जोड़ कर दर्शया गया है।

इसे हम इतना समझ गए कि वीडियो भारत का नहीं है।

मिली जानकारी की मदद से हमने आगे की पड़ताल को जारी रखा। जहां हमें इजरायल के रक्षा मंत्रालय द्वारा हमास इजरायल युद्ध से जोड़ कर एक प्रेस रिलीज़ जारी किया हुआ मिला।

बताया गया है कि पश्चिमी खान यूनिस में ऑपरेशन के दौरान, 7वीं ब्रिगेड ने इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन द्वारा हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुविधा पर लक्षित छापा मारा। सैनिकों ने लंबी दूरी के रॉकेट, टैंक रोधी मिसाइलों, बारूदी सुरंगों और विस्फोटक उपकरणों सहित हथियार बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक कार्यशाला का पता लगाया और उसे नष्ट कर दिया। इसके अतिरिक्त, परिसर में एक भूमिगत सुरंग मार्ग की पहचान की गई और उसे नष्ट कर दिया गया। बलों के अभियानों ने इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन की रॉकेट बनाने की क्षमता पर काफी प्रभाव डाला। इसके साथ ही, सैनिकों को कई हथियार मिले, जिनमें यूएनआरडब्ल्यूए बैग के अंदर विस्फोटक उपकरण, कलाश्निकोव राइफलें, आरपीजी हथियार, हथियार पत्रिकाएं, आईईडी, हथगोले और बहुत कुछ शामिल थे।

इस प्रेस रिलीज़ में हमने उसी वीडियो को साझा किया हुआ देखा जो वायरल वीडियो वाला था। इसे इजरायली सेना द्वारा अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 31 जनवरी 2024 को अपलोड किया गया है।

एक इजरायली वेबसाइट द्वारा इसी वीडियो को एक लेख में साझा किया गया है। जो यह बताते हैं कि किस प्रकार से इजरायली सेना के 202वीं बटालियन के जवानों के सातवें ब्रिगेड ने खान यूनिस शहर में ऑपरेशन चलाया।

इसलिए हम यह कह सकते हैं कि हल्द्वानी हिंसा के नाम पर फैलाया गया यह वीडियो पूरी तरह से फेक है।

निष्कर्ष-

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा के नाम पर भ्रामक है। असल में वीडियो इजरायली सेना के 202वीं बटालियन के जवानों का है, जिसका सातवां ब्रिगेड गाजा के खान यूनिस शहर में ऑपरेशन के तहत तैनात हैं।

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Title:क्या हल्द्वानी में पुलिस लोगों के घरों में घुसकर फायरिंग कर रहे है?

Written By: Priyanka Sinha

Result: False