सोशल मीडिया पर अलग अलग समय पर देश के दिग्गज व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयान वायरल होते आ रहे है | कई बार यह वायरल बयान फ़र्ज़ी साबित हुए है | इसी बीच सोशल मीडिया पर देश के बड़े व्यवसायी रतन टाटा द्वारा कथित तौर पर दिए गए वक्तव्य को साझा किया जा रहा है | इस वक्तव्य के अनुसार रतन टाटा ने कहा है कि शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य कर देना चाहिए | इसके पहले भी रतन टाटा के नाम से कई फ़र्ज़ी बयान सोशल मीडिया पर साझा किये गये है जिसकी प्रमाणिकता फैक्ट क्रेसेंडो ने अपने पाठकों तक पहुँचाई है |

वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि,

“शराब की बिक्री सिर्फ आधार कार्ड के माध्यम से होनी चाहिए शराब खरीदने वालों को कोई भी सरकारी सब्सिडी या सुविधाएं नहीं देनी चाहिए | अगर किसी के पास शराब खरीदने के लिए पैसे हैं, तो वो राशन खरीदने में भी सक्षम है | यहां हम लोगों को मुफ्त का राशन दे रहे हैं, वहीं वो शराब में पैसे उड़ा रहे हैं |-रतन टाटा.”

फेसबुक पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि...

फैक्ट क्रेसेंडो ने शोध कर जाँच में पाया कि रतन टाटा ने उनके इंस्टाग्राम अकाउंट द्वारा इस बयान का खंडन करते हुए इसे फ़र्ज़ी बताया है |

जाँच की शुरुवात हमने इस बयान को रतन टाटा के नाम से जोड़कर कीवर्ड सर्च करने से की जिसके परिणाम से हमें कोई भी विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जो इस बात की पुष्टि करे की रतन टाटा ने ऐसा कोई बयान दिया है | इसके बाद हमने रतन टाटा के सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला, हमने रतन टाटा के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर उनके द्वारा पोस्ट की गई स्टोरीस को देखा | इस बयान के स्क्रीनशॉट को उन्होंने उनकी स्टोरी में पोस्ट करते हुए उन्होंने इसे "फेक न्यूज़" बताया | साथ ही उन्होंने लिखा है कि उन्होंने ऐसी कोई बयान नहीं दिया है |

इसके पहले भी रतन टाटा ने खुद उनके नाम से चल रहे कुछ फ़र्ज़ी पोस्टों का खंडन स्वयं किया है |

तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है |

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट के माध्यम से किये गए दावों को गलत पाया है | रतन टाटा ने शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने से सम्बंधित कोई भी बयान नहीं दिया है | सोशल मीडिया पर उनके नाम से चल रहा दावा गलत है |

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. असम के एक पानी पूरी विक्रेता द्वारा पानी में मूत्र मिलाने के प्रकरण को फर्जी सांप्रदायिक रंग दे सोशल मंचों पर फैलाया जा रहा है।

२. पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई ने नाम से फिरसे बना फर्जी अकाउंट जिससे सांप्रदायिक ट्वीट किये गये|

३. बिहार के कटिहार में मुर्हरम जुलूस के दौरान घटी मारपीट की घटना को हिन्दू-मुस्लिम कोण दे सांप्रदायिकता से जोड़ साझा किया जा रहा है|

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Title:शराब खरीदने को लेकर रतन टाटा द्वारा कोई वक्तव्य नहीं दिया गया है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False