तालिबान विद्रोहियों ने रविवार, १५ अगस्त २०२१ को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश किया और इसके पश्चात उन्होंने सम्पूर्ण अफगानिस्तान पर अपने कब्ज़े को घोषित कर दिया | इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर विभिन्न तस्वीरें और वीडियो देखने को मिल रहें है जिनमें अफगानिस्तान की आम जनता के दर्द व विवशता दर्शित है जिससे स्पष्ट जाहिर होता है कि कैसे वहां लोगों के ऊपर रातोरात संकट आ गया है | तालिबान के कब्ज़े के बाद हज़ारों लोग देश के भागने के कोशिश में है, सोशल मंचों पर वायरल हो रहे वीडियो में एक अन्य चौंका देने वाला वीडियो भी वायरल होता दिख रहा है, जिसके माध्यम से दावा किया जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद वहां पर महिलाओ की नीलामी सरेआम सड़कों पर की जा रही है | साथ ही दावा किया जा रहा है कि किस तरह मुस्लिम महिला उस देश में असुरक्षित है |

इस वीडियो में कुछ लोगों को सड़क पर एक महिला को घेर कर खड़े हुए हैं और कहा जा रहा है कि इस महिला को बेचने के लिए उनकी नीलामी की जा रही है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

“वक़्त बदलते देर नहीं लगती। जो लोग बोल रहे थे कि हिन्दुओं की बहन, बेटी और बहु 2-2 दीनार बेची थी, अब उन लोगों की खुद की उसी बाज़ार मे आज बिक रही हैं और वो खुद बेच रहे हैं उसी बाज़ार में |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि....

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया है कि यह वीडियो २०१४ में लंदन में हुये एक नुक्कड़ नाटक का है जिसे "कम्पैशन 4 कुर्दिस्तान" के अभिनेताओं द्वारा किया गया था | इस वीडियो का वर्तमान अफ़ग़ानिस्तान के साथ कोई संबंध नही है |

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई टूल के मदद से छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर व गूगल पर कीवर्ड्स के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने से की | इस सर्च के परिणाम में हमें 1 जून २०१६ को हुफ्फिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित लेख मिला | इस खबर में वायरल वीडियो के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए लिखा गया है कि यह वीडियो सीरिया से नही और ना ही यह लंदन में हुई किसी वास्तविक घटना का है | हफिंगटन रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ब्रिटेन की सड़कों पर विरोध कर रहे युवाओं द्वारा किये गये एक नुक्कड़ नाटक का वीडियो है | वीडियो दरअसल २०१४ में कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक नुक्कड़ नाटक 'इस्लामिक स्टेट सेक्स स्लेव मार्केट' में अभिनय का है | खबर के अनुसार विरोध में भाग लेने वालों में से एक व्यक्ति ने २०१४ में न्यूज़वीक यूरोप को दिए एक इंटरव्यू में "इराक और सीरिया में आईएसआईएस द्वारा किए जा रहे अपराधों" को उजागर करने के लिए इस नुक्कड़ नाटक द्वारा किये गए विरोध के बारे में जानकारी दी थी | इस इंटरव्यू में इस व्यक्ति ने कहा कि "हम इस नुक्कड़ नाटक से यह दिखाना चाहते थे कि ऐसी घटनायें एक दिन लंदन में हो सकतीं है, तथाकथित इस्लामिक स्टेट द्वारा तस्करी की गई महिला सेक्स गुलामों का मुद्दा बहुत ही वास्तविक है, ये केवल लंदन में नहीं है पर कही भी हो सकता है |”

आर्काइव लिंक

आगे हमने २०१४ में कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित इस 'इस्लामिक स्टेट सेक्स स्लेव मार्केट' नुक्कड़ नाटक से संबंधित ख़बरों को ढूँढा जिसके परिणाम से हमें हफिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित एक और लेख मिला जिसमें वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे दृश्यों की तस्वीरें भी उपलब्ध है | खबर में लिखा गया है कि “विरोध में जंजीर से बंधी महिलाओं के एक समूह को रास्ते पर ले जाया जा रहा था, और इन्हें ले जा रहे पुरुषों द्वारा जनता को इन महिलाओं पर बोली लगाने का आग्रह करते हुए देखा जा सकता है | आगे एक आदमी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "यह इराक और सीरिया में हर दिन होता है। हम आपको यह दिखाने के लिए इन्हें यहाँ लेकर आये है |" इसके पश्चात जंजीरों से बंधी ये महिलाएं मदद के लिए चिल्लाती हैं | इस रिपोर्ट के अनुसार यह नाटक लीसेस्टर स्क्वायर और डाउनिंग स्ट्रीटमें स्थित हाउस ऑफ़ पार्लियामेंट के सामने किया गया था |

आर्काइव लिंक

और अधिक शोध करने पर हमें २० अक्टूबर २०१४ को इस सम्बन्ध में बीबीसी द्वारा प्रकाशित की हुई खबर मिली | इस खबर में वायरल वीडियो के दृश्यों को दर्शाते हुए लिखा गया है कि यह वीडियो 14 अक्टूबर, 2014 को शूट किया गया था, इस नाटक का आयोजन कमपैशन 4 कुर्दिस्तान नामक संस्था द्वारा किया गया था | ये संस्था कुर्द प्रवासीयों का एक समूह हैं जो इराक में इस्लामिक स्टेट की कथित कार्रवाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करतें हैं | इस लेख में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह वीडियो लंदन के सड़कों पर हुए एक नुक्कड़ नाटक का है |

जाँच में आगे बढ़ते हुए हमें वायरल वीडियो में दिख रही एक सफ़ेद रंग की बस जिसपर नीले अक्षर में “WINDSORIAN” लिखा हुआ को देखा व इस शब्द को गूगल पर सर्च करने पर फ्लिकर पर हमें ऐसी ही एक बस की तस्वीर मिली | इस वेबसाइट के अनुसार यह बस लंदन में मिनी कोच के नाम से जानी जाती है | नीचे आप वीडियो में दिख रहे बस और फ्लिकर की वेबसाइट में उपलब्ध तस्वीर की तुलना देख सकते है |

इसके पश्चात जब हमने “विंडसोरियन कोचेस” वेबसाइट के बारे में जाना तो हमें इस वेबसाइट पर लिखा मिला कि यह कंपनी लंदन, सरे, मिडलसेक्स और बर्कशायर के लिए कोच और मिनी कोच की सेवा देतीं है | ये कंपनी वर्ष 1997 से पूरे यूके और यूरोप में अपनी सेवायें संचालित कर रहीं हैं |

तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है |

निष्कर्ष : तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त वीडियो के माध्यम से किये गये दावे को गलत पाया है | उपरोक्त जाँच के यह स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो वर्तमान का अफ़ग़ानिस्तान में हुई महिलाओं के नीलामी का नहीं है | यह वीडियो २०१४ का लंदन से है | यह वीडियो किसी वास्तविक घटना का नहीं है, वीडियो २०१४ में लंदन में हुये एक नुक्कड़ नाटक का है | यह नाटक २०१४ में "कम्पैशन 4 कुर्दिस्तान" के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था, इस नुक्कड़ नाटक का आयोजन इराक में आईएसआईएस की गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था |

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. महिलाओं द्वारा फिल्म डायरेक्टर की पीटाई के वीडियो को भा.ज.पा से जोड़ गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

२. मेक्सिको में मगरमच्छ के महिला पर हमला करने के वीडियो को भारत का बताकर फैलाया जा रहा है |

३. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा राम मंदिर पर किया कथित विवादित ट्वीट का स्क्रीनशॉट ट्वीट फर्ज़ी है।

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Title:ब्रिटेन में हुये २०१४ के एक नुक्कड़ नाटक वीडियो को अफगानिस्तान में मुस्लिम महिलाओं की सरेआम नीलामी का बता फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False