१६ जुलाई २०१९ को निर्देश सिंह नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “उंगली सामने करने पर जातिवादी हि,,, ने हाथ काट दिए घटना जैसलमेर की..राजस्थान के जैसलमेर में दलित समाज के ऑटो मकैनिक सुरेश ने बदमाशों से अपने आप को बचाने के लिए अपने हाथ आगे कर दिए और जातिवादी गुंडों ने अपनी तलवार से उसके दोनों हाथ काट दिए | भारत मे जाती कभी नही जाती” |

तस्वीर में हम एक घायल व्यक्ति को देख सकते है जिनके हाथों को उनकी कलाई से काट कर अलग कर दिया गया है | इस तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह घटना राजस्थान की है, कथित तौर पर जैसलमेर के दलित समाज के ऑटो मकैनिक सुरेश सैन के हाथ कुछ जाति के गुंडों द्वारा काट दिए गए है | यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफ़ी तेजी से फैलाया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट १२०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चूका था |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुआत हमने इस तस्वीर को गूगल सर्च पर अलग अलग कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढने से की, परिणाम में हमें दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | खबर के मुताबिक कुछ युवकों ने जैसलमेर की इंदिरा कॉलोनी में एक मिस्त्री के हाथों पर तलवार से वार कर दिया, मिस्त्री सुरेश सैन इंदिरा कॉलोनी में अपना काम कर रहा था, इतने में बोलेरो में सवार होकर आए कुछ युवकों ने सुरेश पर तलवार से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिए, जिसके चलते सुरेश ने अपने बचाव में हाथ आगे किये, जिससे उसके हाथ कट गए | किसी गाड़ी की आरसी को लेकर सुरेश सैन व आरोपियों के बीच हुए विवाद ने इस घटना को अंजाम दिया |

आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने जैसलमेर के एसपी डॉ. किरण कंग को संपर्क किया | उन्होंने हमें बताया कि “वायरल तस्वीर में दर्शाया गया आदमी, सुरेश सैन असल में ओबीसी समुदाय से ताल्लुख रखते है, पीड़ित सुरेश के साथ अरोपिओं का पूर्व में झगड़ा हुआ था और उन्होंने एक दुसरे को लाठियों से पीटा था | पीड़ित व आरोपी दोनों डीटीओ में आरसी की डिलीवरी एजेंट के रूप में कार्यरत थे | कथित आरोपी भले ही राजपूत जाति से था परंतु यह प्रकरण उनके बीच का एक आपसी झगड़ा था जो की किसी गाड़ी की आरसी के सम्बन्ध में हुआ था | इससे पूर्व के झगड़े में पीड़ित सुरेश ने कथित आरोपी को डंडों से पीटा था और उसी झगड़े को आगे बढ़ाते हुए कुछ दिनों के पश्चात कथित आरोपी ने अपने कुछ साथियों के साथ सुरेश सैन पर हमला कर उनके हाथ काट दिए | यह प्रकरण उनके निजी मतभेद व बदले की भावना के चलते घटित हुआ है और इसका जातिवादी हिंसा से कोई संबंध नही है | यह घटना बदले की भावना से की गई थी और तीनों कथित अपराधियों को गिरफ्तार क्र लिया गया है |

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे दावे गलत है क्योकि इस घटना को जातिवादी हिंसा का रंग देकर वायरल किया जा रहा है, हम यह स्पष्ट करना चाहते है कि यह घटना आपसी रंजिश के चलते घटी थी, गिरफ्तार किये आरोपियों का नाम श्याम सिंह, राजू सिंह व अखेराज सिंह है और उनको आईपीसी की धारा १४३, १४७, ३२३,३४१,३०७ और तलवार इस्तेमाल करने के कारण ४/२५ आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है” |

१५ जुलाई २०१९ को पत्रिका ने भी इस खबर को प्रकाशित किया | खबर अनुसार जैसलमेर मुख्यालय स्थित इंदिरा कॉलोनी में सोमवार दिन दहाड़े बोलेरो में सवार होकर आए लोगों ने तलवार के वार से युवक के हाथ काट दिए, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई |

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निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपोर्क्त पोस्ट को गलत पाया है | यह घटना किसी जातिवादी हिंसा का उदहारण नहीं है बल्कि यह घटना दो व्यक्तियों के बीच की आपसी मतभेद के कारण हुई है | सरेश सैन नाही दलित है या ऑटो मैकनिक है, वह ओबीसी समुदय से ताल्लुख रखते है और एक मिस्त्री है | उनके हाथ व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण बदले की आग में काट दिए गए थे |

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Title:जैसलमेर की यह घटना आपसी मतभेद के कारण हुई है इससे जातिवादी हिंसा का कोई संबंध नही है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False