ओडिशा पुलिस ने एक ट्वीट के जरिए स्पष्ट किया कि दुर्घटनास्थल पर मस्जिद नहीं है। ट्रेन हादसे में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। यह दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुई है।

ओडिशा के बालेश्वर जिले में बीते शुक्रवार यानी 2 जून को तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गईं। 2 जून की शाम को हुए इस हादसे में तकरीबन 237 यात्रियों की मृत्यु हो चुकी है।इतना ही नहीं बल्कि 900 से अधिक यात्री घायल हैं। जहां विपक्षी दल सरकार व जनता हादसे के पीछे का कारण जानने के लिए सवाल पूछ रही है।तो वहीं सोशल मीडिया पर कुछ यूजर यह दावा कर रहे हैं कि जिस जगह पर ये ट्रेन हादसा हुआ उसके पास ही एक मस्जिद है। हादसे के पीछे मुस्लिम समुदाय का हाथ हो सकता है।

वायरल पोष्ट के साथ यूजर्स ने लिखा है- उड़ीसा ट्रैन हादसा शुक्रवार को हुआ घटनास्थल के पास एक मस्जिद भी है संयोग या प्रयोग...?

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल दावे के बारे में जानने के लिए गूगल पर अलग-अलग की-वर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। परिणाम में हमें रॉयटर्स खरब पेज में प्रकाशित तस्वीर मिली। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि तस्वीर में मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद नजर आ रही है।

हमने वायरल तस्वीर और हमें मिले तस्वीर का विश्लेषण किया। जिसमें साफ तौर पर दिखाया जा सकता है कि वायरल तस्वीर में दिख रही सफेद इमारत कोई मस्जिद नहीं बल्कि एक मंदिर है।

घटना बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार रेलवे स्‍टेशन के पास हुई थी। आगे की पड़ताल में हमने गूगल सर्च के जरिए दुर्घटना स्थल का पता लगाने की कोशिश की। गूगल मैप पर साफ देखा जा सकता है कि जिस जगह पर हादसा हुआ वहां कोई मस्जिद नहीं है। लेकिन दुर्घटना स्थल पर एक इस्कॉन मंदिर है। निम्न में मैप देखे।

इस बात के स्पष्टीकरण के लिए हमने बालेश्वर के लोकल रिपोर्टर श्विनी से संपर्क किया । उन्होंने हमें स्पष्ट किया कि वायरल दावा पूरी तरह गलत है। मैं दुर्घटना के दिन से वहां रिपोर्टिंग कर रहा हूं। हादसे में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल तस्वीर में दिख रहा सफेद रंग का घर कोई मस्जिद नहीं बल्कि इस्कॉन मंदिर है। साथ ही उन्होंने हमें यह भी स्पष्ट किया कि जिस जगह पर हादसा हुआ, उसके पास कोई मस्जिद नहीं है

इसके अलवा हमारी बात मंदिर में मौजूद कुछ लोगों से हुई ।मंदिर के छत से ट्रेन दुर्घटना की जगह और मंदिर को भी देखा जा सकता है।

निम्न में वीडियो देखें।

सांप्रदायिक दावों के बारे में पुलिस का बयान-

ओडिशा पुलिस के आधिकारीक ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट मिला। जिसमें पुलिस ने स्पष्ट किया कि बालेश्वर में हुए दुखद ट्रेन दुर्घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग दुर्घटना को झूठा साम्प्रदायिक नैरेटिव देकर दावे साझा कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निम्न में ट्वीट देखें।

इस कारण हुआ हादसा-

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है। हादसे के कारण का पता लग गया है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह दुर्घटना हुई है।' बकौल रेल मंत्री, 'अब तक जो जानकारी मिली है उसके बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से इस मामले की CBI जांच की सिफारिश की गई है।

निष्कर्ष-

तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा गलत है। दुर्घटना स्थल के बगल में जो ढांचा है, वह मंदिर है न कि मस्जिद। ट्रेन हादसे में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। यह दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुई है।

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Title:ओडिशा ट्रेन दुर्घटना स्थल पर मस्जिद नहीं है,इस्कॉन मंदिर को मस्जिद बताकर नफरत फैलाई जा रही है।

Written By: Saritadevi Samal

Result: False