भारत में कोरोना के विकराल रूप से बदहाल होती स्वास्थ्य व्यवस्था व उपचार उपकरणों की कमी के चलते कई देशों ने भारत में इस महामारी से निपटने के लिये सहायता के रुप में ऑक्सीजन सांद्रता व अन्य चिकित्सकीय संसाधन भेजे हैं। विदेशों द्वारा जारी इस सहायता के चलते सोशल मंचों पर एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है व उसके साथ यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अमेरिका से भेजी गई ऑक्सीजन सांद्रता व अन्य चिकित्सकीय संसाधन के कंसाइनमेंटो को वापस भेजने का इंतजाम किया है क्योंकि वह केंद्र सरकार के लिये नहीं बल्की राज्य सरकार के नाम पर आयी है

वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है,

अमेरिका ने भेजी मदद, मोदी सरकार ने उतारने तक नहीं दिया। अब वापस भेजने की तैयारी। क्योंकि यह सब केंद्र के लिए नहीं राज्यों के नाम लिखकर भेजी है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही खबर सरासर गलत है, अमेरिका से आये कंसाइनमेंट को भारत सरकार ने स्वीकार किया है। प्रोटोकॉल के अनुसार विदेश भेजी गई कोई भी सहायता सामग्री केवल केंद्र सरकार के नाम पर ही आ सकती है, इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। वायरल हो रही तस्वीर का अमेरिका से भेजी मदद से कोई संबन्ध नहीं है।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की तो हमें ऐसा कोई भी समाचार लेख नहीं मिला जो इस बात की पुष्टि करता हो कि अमेरिका से आई ऑक्सीजन सांद्रता व अन्य चिकित्सकीय संसाधन के कंसाइनमेंट को केंद्र सरकार वापस भेज रही है क्योंकि वह राज्य सरकार के नाम पर आये है।

अमेरिका से भेजी गई सहायता से संदर्भित हमें टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख मिला जिसमें लिखा है कि 545 ऑक्सीजन सांद्रता का पांचवा कंसाइनमेंट भारत पहुंच गया है। लेख में यह भी लिखा है कि, पहले भी अमेरिका से एक एंटी वायरल ड्रग रेमेडिसविर की 1.25 लाख शीशियों को लेकर भारत में एक फ्लाइट उतरी। उसके पहले अमेरिका से एक उड़ान, 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर, नियामक और अन्य चिकित्सा उपकरण भारत में उतरे। पिछले हफ्ते, अमेरिका ने अपने पहले दो विमानों को ऑक्सीजन सिलेंडर, नियामकों और पल्स ऑक्सीमीटर सहित प्रारंभिक आपातकालीन राहत आपूर्ति के लिए तैनात किया था ।

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आपको बता दें कि हम उपरोक्त समाचार लेख में कही भी ऐसा लिखा हुआ नहीं मिला कि केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका से आयी मदद को वापस भेजने की तैयारी कर रही है।

इसके बाद हमने पी.आई.बी में वित्त मंत्रालय के मीडिया और संचार अधिकारी कुश मोहन नाहर से संपर्क किया व उनसे वायरल हो रहे दावे की पुष्टि की, उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रही खबर सरासर गलत है। पहली बात, विदेश से कोई भी कंसाइनमेंट एक विशेष राज्य के नाम पर नहीं आ सकती, विदेश से आ रहा कंसाइनमेंट क्रेंद्र सरकार के नाम पर ही आता है व उसके बाद उसे बांटा जाता है। दूसरी बात, जो कुछ भी विदेश से आयात होता है उसके पीछे कोई खास वजह, लक्ष्य व उद्देश्य होता है व उसे ऐसे ही किसी भी वजह से वापस नहीं भेजा जा सकता है।

तदनंतर और अधिक जाँच करने पर हमें वायरल हो रही यही तस्वीर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इस वर्ष 3 मई को रीट्वीट की हुई मिली। ट्वीट के शीर्षक में लिखा है, “समाचार मदद के संदर्भ में, छवि में दिखाई गई खेप को 30.04.2021 को इंडिगो की उड़ान से हांगकांग से 842 पैकेटों का आयात किया गया, जिसमें 300 ऑक्सीजन सांद्रता शामिल हैं और इसे दिल्ली कस्टम द्वारा कुछ रही घंटों पर स्वीकार किया गया था।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत है। अमेरिका से आये कंसाइनमेंट को भारत सरकार ने स्वीकार किया है व उसे वापस नहीं भेजा जा रहा है। विदेश से आई मदद (कंसाइनमेंट) प्रोटोकॉल के तहत केंद्र सरकार के नाम पर ही आती है, इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। वायरल हो रही तस्वीर का अमेरिका से आई कोई कंसाइनमेंट से कोई संबन्ध नहीं है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. राजस्थान सरकार के नाम से अंतिम संस्कार को लेकर जारी सर्कुलर फर्जी है।

२. CLIPPED VIDEO: तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार कौशानी मुख़र्जी के वीडियो को सन्दर्भ से बाहर फैलाया जा रहा है|

३. गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर प्रतिबंध वाली ख़बरें गलत व भ्रामक है|

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Title:केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका से प्राप्त हुई मदद को वापस भेजने की ख़बरें फर्जी व भ्रामक हैं।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False