
करोनावाईरस संक्रमण के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से आये दिन ऐसी ख़बरें आ रही हैं जहाँ संक्रमित लोगों को लेने या संगरोध व्यवस्था को लागू करने गये चिकित्सक दलों पर हमला किया जा रहा है, इसी सन्दर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक मस्जिद के इमाम में कोरोनोवायरस के लक्षण पाए जाने के बाद भीड़ ने डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की और डॉक्टरों पर हमला कर दिया | वीडियो में भारी भीड़ देखी जा सकती है जहां लोग पुलिस विरोधी नारे लगा रहे हैं | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “हल्द्वानी में मस्जिद के इमाम को कोरोना के लक्षण पाए गए जिसके बाद इमाम सहित लगभग 12 लोगों को भी कोरेन्टीन करने गई डॉक्टरों की टीम पर जिहादियों ने पत्थर बरसाना , गाली देना और लाठी डंडे से धावा बोल दिया! ऐसे लोगों को देश के लिए दीमक ना कहूँ तो क्या कहूँ |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच कि शुरुवात हमने उपरोक्त घटना से संबंधित खबरों को गूगल पर कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढने से की, जिसके परिणाम में हमें लाइव हिंदुस्तान की एक समाचार रिपोर्ट मिली | लेख के अनुसार, उत्तराखंड के हल्द्वानी में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, जब हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में एक मस्जिद के इमाम को क्वारंटाइन किया जा रहा था क्योंकि वह तब्लीगी जमात के सदस्यों के संपर्क में आए थे |
फैक्ट क्रेसेंडो ने नैनीताल के एस.एस.पी सुनील मीना से इस सन्दर्भ में संपर्क किया,उन्होंने हमें बताया कि-
“यह घटना लगभग १० दिन पूर्व की है | इस घटना में किसी भी डॉक्टर या पुलिसकर्मी पर लाठी, डंडे या पत्थर से हमला नही किया गया था | बंजारन मस्जिद में जामत से सदस्य रहने के लिए आये थे, सरकारी नियमों के अनुसार इस मस्जिद में मौजूद सबको क्वारंटाइन करना ज़रूरी था जिसके चलते चिकित्सको की टीम के साथ पुलिस के कुछ ऑफिसर मस्जिद के इमाम को क्वारंटाइन कराने की मंशा से पहुंचे, यह बात मोहल्ले में फैलने के बाद वीडियो में देखे गये लोग रस्ते में आकर इमाम को क्वारंटाइन करने का विरोध करने लगे | परंतु इस घटना के चलते किसी भी डॉक्टर पर हमला नही किया गया था | विरोध करने के लिए इलाके में एक बड़ी भीड़ एकत्र हुई लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से मामला जल्द ही सुलझ गया | इमाम और उलेमाओं ने उन्हें वापस लौटने की अपील की जिसके बाद अपने घरों में चले गए | उन्होंने अपील यह कहते हुए की कि क्वारंटाइन होना उनके स्वयं के स्वास्थ्य के साथ-साथ आसपास के लोगों के लिए भी सही है और इसमें कुछ गलत नहीं है | मस्जिद में इमाम को मस्जिद में ही क्वारंटाइन किया गया है |”
निष्कर्ष: तथ्यों कि जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है | हल्द्वानी में लोगों की भीड़ ने इमाम को क्वारंटाइन करने गये डॉक्टरों पर हमला नही किया | इस क्षेत्र के लोग इमाम को क्वारंटाइन करने के विरोध में थे व उनके द्वारा नारेबाजी की गई थी परंतु किसी ने भी डॉक्टर या पुलिसकर्मी पर हमला नही किया | पुलिस के हस्तक्षेप और इमाम के अपील के बाद लोग अपने अपने घर चले गये थे |

Title:क्या उत्तराखंड में इमाम को क्वारंटाइन करने पर भीड़ ने चिकत्सा टीम पर हमला किया ? जानिये सच |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
