१४ सितम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘हिंद के मुसलमानों कि आवाज़’ नामक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट के माध्यम से यह बताया गया है कि “असम में आधी रात को चोरी छिपे ISIS के समर्थन वाले पोस्टर चिपका रहे 4 लोगों को ARMY ने पकड़ा चारों BJP के जिला-स्तरीय पदाधिकारी थे | चारों हिंदू थे और इनके घरों में भारी मात्र में ISIS की प्रचार सामग्री जप्त की गयी थी |” क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

सबसे पहले हमने इस बारे में गूगल खोज की मगर इस दावे के समर्थन में हमें कोई भी राष्ट्रीय व राजकीय समाचार पत्रिकाओं में या समाचार चैनलों में इस दावे का उल्लेख नहीं मिला | फिर हमने उपरोक्त पोस्ट मे किये गए दावे की सत्यता जानने के लिए हमने असम के ADGP(स्पेशल ब्रांच) गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर श्री दीपक कुमार से संपर्क किया और उपरोक्त पोस्ट में किये गए दावे की सत्यता के बारे में पूछे | उन्होंने इस ख़बर के बारे में हमसे कहा कि, “मेरे इलाके में तो ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है | फिर भी मैं इस बारे में और जानकारी लेकर आपको जानकारी देता हूँ |”

इसके बाद उन्होंने इस बारे में ४ घंटे बाद पुष्टि की कि, “वर्तमान में ऐसी कोई भी घटना असम में नहीं घटी है | यह अफवाह है और लोगों को भ्रमित करने के लिए फैलायी जा रही है |”

हमने करीमगंज के SP मानबेन्द्र देव रे से भी इस बारे में संपर्क साधा और उन्होंने भी कहा कि उनके क्षेत्र में इस प्रकार की कोई भी घटना नहीं घटी है |

सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारीयों के स्पष्टीकरण से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट मे किया गया दावा सिर्फ़ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘“असम में ४ BJP कार्यकर्ता ISIS का पोस्टर लगाते हुए ARMY द्वारा पकड़े गए हैं |” गलत है | असम में वर्तमान में ऐसी कोई भी घटना नहीं घटी है |

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Title:अफवाह फैलाई जा रही है कि असम में आर्मी ने ४ बीजेपी के जिला स्तरीय पधादिकारीयों को ISIS के पोस्टर लगाते हुए पकड़ा |

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False