सोशल मीडिया पर काबा शरीफ के दरवाजे अपने आप खुलने के दावे के साथ एक वीडियो तेज़ी से वायरल किया जा रहा है। युजर्स ने इसे चमत्कार बताते हुए कहा है कि काबा मस्जिद का दरवाया अपने आप खुलने लगा, पर वहां कोई नहीं था। कोई मौलाना वहां नमाज नहीं पढ़ रहा था, बल्कि कुछ फरिश्तों द्वारा नमाज पढ़ी जा रही थी।

वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा गया है- काबा में आज चमत्कार। नमाज़ की मुस्लिम पुकार सुनी गई और इमाम और अज़ान के मौजूद रहने के दौरान 2 रकअत की नमाज़ अदा की गई। काबा का दरवाजा खुला लेकिन अंदर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उपस्थित मुसलमानों को अनदेखी मुसलमानों (जिन्नों और फ़रिश्तों) द्वारा की जा रही नमाज़ को रिकॉर्ड करते हुए देखा गया। यह शुक्रवार 13-05- 2022 को हुआ ।

फेसबुकआर्काइव

यह वीडियो को फेसबुक पर भी तेजी से शेयर की जा रही है।

अनुसंधान से पता चलता है कि…

वायरल वीडियो के तस्वीर को रिवर्स इमेज करने पर हमें वीडियो Will of Allah फेसबुक पेज पर मिला। जो की 20 मई 2022 को पोस्ट किया गया है। पोस्ट में साफ किया गया है कि वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा गलत हैं।

वीडियो रमजान का है जब हरम में आने वाले मुस्लिम नेताओं के लिए काबा का दरवाजा खोला गया था और पवित्र काबा का पवित्र दरवाजा खोलते ही लोग उत्साहित हो गए थे और लोग इसे रिकॉर्ड करने लगे थे।

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इसके अलवा यह खबर सऊदी अरब के एक न्यूज मीडिया ने वायरल हो रही वीडियो की पड़ताल की थी और पुष्टि की थी कि वायरल दावा झूठा है। वीडियो रमजान के दौरान लिया गया था। खबर के मुताबिक कार्यकर्ता तहज्जुद (रात) की नमाज के दौरान एक राजनीतिक मुस्लिम नेता के लिए काबा के प्रवेश द्वार खोला गया था। काबा का दरवाजा आमतौर पर दुनिया भर के नेताओं, प्रभावशाली हस्तियों के लिए 'उमराह' करने के लिए खोला जाता है।

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हरमाइन फेसबुक पेज पर वीडियो के साथ भी खबर का स्पष्टीकरण किया गया है।

इसका एक वीडियो डिजिटल दावा नेटवर्क नामके यूट्युब चैनल ने पोस्ट किया है। इसके अलवा अल फारूक एक बार यूट्यूब चैनल पर भी वीडियो की सच्चाई के बारे में बताया गया है। यह वीडियो 13 मई 2022 रमजान की रात की है।

वीडियो के मुताबिक रमजान के दिन कोई फरिश्तें नमाज नहीं पढ़ रहे थे बल्कि शेख बंदर बलीला पढ़ रहे थे। जो की इमामे काबा हैं। उनका यूट्यूब चैनल भी मिला। जसमें 13 मई 2022 रमजान को उन्होंने नमाज पढ़ा था। वायरल वीडियो में उनकी आवाज सुनी जा सकती है।

बता दें कि काबा का दरवाजा ऐसा नहीं है कि कई साल में एक बार खोला जाता है। यह दरवाजा साफ सफाई के लिए या तो किसी मशहूर हस्ती या फिर नेताओं के लिए खोला जाता है। इस खबर की पुष्टी द इस्लामिक इनफार्मेशन ने भी की है।

निष्कर्ष-

तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है। वीडियो में फरिश्तों के कारण काबा का दरवाजा नहीं खुला था, बल्कि मुस्लिम नेताओं के लिए खोला गया था।

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Title:वीडियो में फरिश्तों के कारण काबा का दरवाजा नहीं खुला था, बल्कि मुस्लिम नेताओं के लिए खोला गया था।

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False