FactCheck:- उन्नाव के एक वीडियो को हाथरस पुलिस द्वारा पीड़िता के घर की तलाशी का बता वायरल किया जा रहा है |

False Political

सोशल मीडिया पर एक वीडियो जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को किसी ग्रामीण क्षेत्र के एक घर की तलाशी लेते व कुछ कागज़ातों को लेकर निकलते हुए देखा जा सकता है, इस वीडियो को यह कहकर वायरल किया जा रहा है कि वीडियो हाथरस पीड़िता के घर का है जहाँ उत्तर प्रदेश की पुलिस घर में घुस कर कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जबरन अपने कब्ज़े में ले रही है | हाथरस की घटना को लेकर देश व्यापी रोष के चलते नागरिक अधिकार एनजीओ ने इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में स्थानांतरित करने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, और वर्तमान में इस प्रकरण की जाँच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई है |

इसी सब के बीच इस वीडियो का सोशल मंचों पर फैलना कहीं ना कहीं लोगों के मन में संशय की स्थिति पैदा करता है, वीडियो में एक शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कैसे पुलिस ने उनके घर में घुसकर महत्वपूर्ण दस्तावेज छीन लिए |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “हाथरस मे मिर्तक मनीषा के घर पर police की बर्बरता धिक्कार हैं |”

https://www.facebook.com/Rashmudn/videos/376964533688714/

फेसबुक पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि..

घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव से है जहाँ इस प्रकरण में अभियोग पंजीकृत किया गया है, वीडियो का हाथरस पुलिस व हाथरस पीड़िता के परिवार से कोई सम्बन्ध नहीं है| 

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई टूल के मदद से छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम में हमें यह वीडियो समाजवादी पार्टी के बिरेन्द्र कुमार यादव के ट्वीटर अकाउंट पर १ अक्तूबर २०२० को प्रकाशित मिला | इस वीडियो को साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि 

उन्नाव में एक परिवार को अपनी जमीन पर पुलिस चौकी बनाने का विरोध करना भारी पड़ गया, विरोध करने पर पुलिस ने घर में घुसकर जरूरी कागज अपने साथ ले गई पुलिस, 

माखी थानाक्षेत्र के चकलवंशी कस्बे का मामला,घटना |”

https://twitter.com/BirendraYdvSP/status/1311536523393687552

आर्काइव लिंक

इस वीडियो के नीचे उन्नाव पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो स्पष्टीकरण जारी किया है, वीडियो स्पष्टीकरण में पुलिस अधिकारी को साफ़ रूप से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यह वीडियो उन्नाव से है |

आर्काइव लिंक 

तत्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने उन्नाव के एस.पी आनंद कुलकर्णी से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि 

यह वीडियो उन्नाव से है और घटना मनखी पुलिस स्टेशन से संबंधित है | यह घटना परिवार और ग्राम पंचायत के बीच जमीन की लड़ाई से संबधित है | मामले को निपटाने के लिए मनखी थाने के एस.आई स्वदेश यादव ने घटनास्थल का दौरा किया | इसी के बीच  इस छानबीन के दौरान पुलिस अधिकारियों और परिवार के बीच झड़प हुई | दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है | इस मामले के साथ हाथरस पीड़ित व उसके परिवार का कोई संबंध नही है |”

गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें पत्रिका की एक रपोर्ट मिली जिसके अनुसार, परिवार को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि मानखी पुलिस अपनी जमीन पर एक पोस्ट बनाना चाहती थी। परिवार ने इसके खिलाफ स्थगन आदेश प्राप्त किया, जिससे पुलिस में खलबली मच गई | नीचे आप पत्रिका उत्तर प्रदेश द्वारा प्रसारित वीडियो भी देख सकते है जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “दलित परिवार ने पुलिस पर लगाया घर के अंदर घुस कर मारपीट तोड़फोड़ व अश्लीलता का आरोप |”

आर्काइव लिंक 

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उर्पोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो हाथरस पुलिस द्वारा पीड़िता के घर की तलाशी का नहीं है, बल्कि उन्नाव में एक परिवार और पुलिस अधिकारीयों के बीच हुई झड़प का है |

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Title:उन्नाव के एक वीडियो को हाथरस पुलिस द्वारा पीड़िता के घर की तलाशी का बता वायरल किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False