सोशल मीडिया पर राजधानी दिल्ली के आसपास किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आन्दोलनों को लेकर तरह तरह के अफवायें फैलाई जा रहीं है | कई मनगड़ंत, असंबंधित व पुराने वीडियो और तस्वीरों को वर्तमान में चल रहे किसान आन्दोलनों से जोड़कर सोशल मंचो पर फैलाया जा रहा है | फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी वर्तमान किसान आन्दोलनों को लेकर कई ऐसे दावों का खंडन किया है | इन्ही आंदोलनों की पृष्टभूमि पर, एक विशाल सब्जी मार्किट की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ फैलाई जा रही हैं कि किसानों ने बेंगलुरु में अपना सुपरमार्केट खोला है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

“बेंगलुरु के किसानों ने अपना खुद का सुपर मार्केट तैयार कर लिया है इन किसानों से हमें भी कुछ सीखना होगा |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि यह तस्वीरें बेंगलोरू में एक दम्पति द्वारा स्थापित किये गये सुपरमार्केट की है ना कि किसानों द्वारा स्वचालित मार्किट की |

जाँच की शुरुवात हमने इन तस्वीरों को ध्यान से देखने से की, जिसके परिणाम से हमें एक तस्वीर पर हमस लिखा हुआ नज़र आया है | वायरल तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च कर कुछ कीवर्ड के साथ ढूँढा | जिसके परिणाम से हमें यह तस्वीरें बैंगलोर के एक हमस नामक एक सुपरमार्केट की वेबसाइट पर मिली | यह मार्किट सब्जियों और फलों को सीधे किसानों से लेता हैं और इसे बेंगलुरु में ग्राहकों को बेचते हैं |

फैक्ट क्रेसेंडो ने तद्पश्चात मंजुनाथ टी.एन से संपर्क किया जो इस मार्किट के संथापक है जिन्होंने २०१९ में इस सुपर मार्किट को स्थापित किया था | उन्होंने हमें बताया कि

“फिलहाल, बेंगलुरु में किसानों द्वारा विशेष रूप से कोई सुपरमार्केट नहीं चलाये जा रहे हैं। किसानों के लिए शहर में आके ग्राहकों को सामान बेचना कोई आसान काम नहीं है | हमस मैं और मेरी पत्नी शिल्पा गोपालैया द्वारा 2019 में स्थापित किया गया था। हम बेंगलुरु के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हमारे संग्रह केंद्रों के माध्यम से उचित मूल्य पर किसानों से सीधे फल और सब्जियां खरीदते हैं और फिर इसे शहर में हमारे स्टोर पर ग्राहकों को बेचते हैं। वर्तमान में, हमारा अपना स्टोर केवल बेंगलुरु में है। आगे बढ़ते हुए, हम पूरे भारत में हमस उचित मूल्य की दुकानों का निर्माण करेंगे और किसानों और उपभोक्ताओं के बीच बिक्री की सुविधा प्रदान करेंगे | सोशल मीडिया पर वायरल दावे के अनुसार हमस किसानों द्वारा स्थापित बाज़ार है, यह सरासर गलत है | मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट हूँ और शिल्पा आईबीएम इंडिया में एक टीम लीडर के रूप में काम करती थीं | हमस हमारे द्वारा शुरू किया गया मार्किट है |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | बेंगलुरु में किसानों द्वारा चलाए जा रहे एक सब्जी सुपरमार्केट की तस्वीरें वास्तव में एक स्टार्ट-अप हैं जिसे बैंगलोर स्थित दम्पति ने शुरू किया है |

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Title:वायरल तस्वीरें बेंगलुरु में किसानों द्वारा चलाए गये सुपरमार्केट की नहीं है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False