यह वीडियो शिवलिंग पर टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर “रतन लाल” के गिरफ्तारी का नहीं; जानिए सच
चंडीगढ़ पुलिस द्वारा किये गये मॉक ड्रिल के पुराने वीडियो को वर्तमान से जोड़ा जा रहा है। इसका प्रोफेसर रतन लाल से कोई संबन्ध नहीं है।
दिल्ली में स्थित प्रोफेसर रतन लाल को शिवलिंग पर टिप्पणी करने के लिये दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसको जोड़कर एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो प्रोफेसर रतन लाल के गिरफ्तारी का है।
वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है, “शिवलिंग पर घटिया और बेहूदा बयान देने वाला दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर "रतन लाल" को दिल्ली पुलिस ने धरदबोचा।‘
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अनुसंधान से पता चलता है कि...
जाँच की शुरूवात हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च कर की। परिणाम में यही वीडियो 27 अप्रैल 2020 को रिपब्लिक वर्ल्ड के चैनल पर प्रसारित किया हुआ मिला। उसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि चंडीगढ़ पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए एक उपकरण तैयार किया है।
इस वीडियो में आप देख सकते है कि पुलिस वैन पर चंडीगढ़ पुलिस लिखा हुआ है और जानकारी से भी हमें पता चलता है कि ये प्रकरण पुराना है और चंडीगढ़ का है।
इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। 26 अप्रैल 2020 को प्रकाशित ट्रिब्यून के समाचार लेख में बताया गया है कि इस वीडियो में चंडीगढ़ पुलिस उनके बनाये हुये यंत्र का डेमो दिखा रहे है।
उन्होंने लॉकडाउन के समय सोशल डिस्टन्सिंग का पालन न करने वाले व लॉकडाउन की गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिये पांच फीट लंबी छड़ी से ये यंत्र बनाया था।
इस वीडियो को उस समय चंडीगढ़ पुलिस के महानिदेशक संजय बनिवाल ने अपने ट्वीटर पर पोस्ट किया था। उस ट्वीट में उन्होंने बताया है कि इस वीडियो में पुलिस उनके द्वारा बनाये गये यंत्र का डेमो दिखा रहे है।
इससे हम कह सकते है कि यह एक मॉक ड्रिल का वीडियो है। इसका वर्तमान में घट रही घटनाओं से कोई संबन्ध नहीं है।
क्या है प्रोफेसर रतन लाल के गिरफ्तारी का मामला?
हिंदू कॉलेज में इतिहास के सहयोगी प्रोफेसर रतन लाल ने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था। इसके चलते उनको 20 मई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। दिल्ली के एक वकील ने 17 मई को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके आधार पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली कोर्ट ने 21 मई को उन्हें बेल दे दी है।
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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो दो साल पहले लॉकडाउन के समय चंडिगढ़ पुलिस ने किये एक मॉक ड्रिल का वीडियो है। इसका दिल्ली पुलिस व प्रोफेसर रतन लाल से कोई संबन्ध नहीं है।
Title:यह वीडियो शिवलिंग पर टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर “रतन लाल” के गिरफ्तारी का नहीं; जानिए सच
Fact Check By: Samiksha KhandelwalResult: False