इंटरनेट पर अकसर अनिल उपाध्याय नामक शख्स के नाम से कई वीडियो गलत दावों के साथ वायरल होते चले आ रहे है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसे कई वीडियो का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिकता अपने पाठकों तक पहुंचाई है। इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो सोशल मंचों काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है, इस वीडियो में आप सफेद रंग के कपड़े पहने एक शख्स को रेस्तरां में एक पुलिसकर्मी को बेरहमी से पीटते व उसे गालियाँ देते हुये देख/सुन सकते है। वीडियो के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक पुलिसकर्मी को पीटने वाला शख्स भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय है।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय की हिम्मत तो देखिये जब पुलिस का ये हाल है तो आम जनता का क्या होगा। इस वीडियो को इतना वायरल करो की ये पूरा भारत इसे देख सके।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा वीडियो तीन वर्ष पुराना है। इसमें दिख रहा शख्स भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय नहीं है, उनका नाम मनीष चौधरी है व उनका निधन हो चुका है।

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को ध्यान से देखकर गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की, परिणाम में हमें यही वीडियो N.D.T.V द्वारा उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 20 अक्टूबर 2018 को प्रसारित किया हुआ मिला। इस वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “भा.ज.पा नेता ने यू.पी में अपने रेस्तरां में "नशे में" एक पुलिसकर्मी की पिटाई की, हुआ गिरफ्तार” व इसके नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है, उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक भा.ज.पा पार्षद ने अपने रेस्तरां में वर्दी पहने हुये एक पुलिसकर्मी को जमकर पीटा व गाली-गलौच की। वह एक महिला मित्र के साथ उस रेस्तरां में गया था, जब कथित तौर पर भोजन परोसने में देरी को लेकर कर्मचारियों के साथ उनका विवाद हुआ था, यह वीडियो एक स्टाफ सदस्य द्वारा लिया गया था।

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इसके बाद उपरोक्त वीडियो में दी गयी जानकारी को ध्यान में रखते हुये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें इंडिया.कॉम द्वारा 20 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित किया हुआ एक समाचार लेख मिला जिसके मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के पार्षद मनीष कुमार को एक महिला वकील के साथ उनके (मनीष) होटल में आए सब-इंस्पेक्टर की पिटाई करते देखा गया। समाचार एजेंसी ए.एन.आई की रिपोर्ट के अनुसार, सब-इंस्पेक्टर की एक वेटर से बहस हो गई थी जिसके बाद मनीष कुमार को इंस्पेक्टर को गालियां देते हुए गुस्से में उनकी पिटाई करते देख सकते है। इस प्रकरण के बाद कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह घटना मेरठ-देहरादून बाईपास पर स्थित मनीष कुमार के हॉटेल में घटी थी।

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तदनंतर अधिक जाँच करने पर हमें ए.एन.आई न्यूज़ यू.पी द्वारा 20 अक्टूबर 2018 में किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें वायरल हो रहा वीडियो प्रसारित किया गया है। उस ट्वीट के शीर्षक में लिखा है, “बी.जे.पी पार्षद मनीष ने एक महिला वकील के साथ अपने (मनीष) होटल आए सब-इंस्पेक्टर की पिटाई कर दी जिनकी एक वेटर के साथ बहस हो गई थी। पार्षद को गिरफ्तार कर लिया गया है। (19-10-2018) (नोट- सशक्त भाषा)

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इसके बाद हमने उपरोक्त प्रकरण के सम्बंध में अधिक जानकारी हासिल करने के लिये व वायरल हो रहे दावे की सच्चाई को जानने के लिये मेरठ में स्थित कंकरखेड़ा पुलिस थाना के एस.एच.ओ तपेश्वर सागर से संपर्क किया व उन्होंने हमें बताया कि “वायरल हो रहे वीडियो में दिख रही घटना करीब तीन वर्ष पुरानी है, ये कांड एक रेस्तरां में हुआ था व जिस शख्स ने पुलिसकर्मी को पीटा था उसपर मुकदमा हुआ था व उसे जेल भी हुई थी। जो पीटने वाला शख्स था उसका नाम मनीष चौधरी था जो भा.ज.पा का एक पार्षद भी था उसने घरेलु कारणों की वजह से लगभग छ: माह पहले आत्महत्या करी है। जब मनीष चौधरी की मृत्यु हुई तब वह भा.ज.पा के सिटिंग पार्षद थे।“

इसके बाद उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुये हमने अधिक जानकारी पाने के लिये गूगल पर अधिक कीवर्ड सर्च किया व हमें इस वर्ष 16 अप्रैल को टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख मिला जिसमें लिखा है कि, मेरठ में स्थित भा.ज.पा पार्षद मनिष चौधरी जिसे एक पुलिसकर्मी को पिटने के जुर्म में जेल हुई थी, वह गोली के घाव के साथ गाड़ी में मृत पाया गया। पुलिस के अनुसार मनीष चौधरी ने आत्महत्या की है।

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उपरोक्त अनुसंधान से ये तो स्पष्ट होता है कि वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा शख्स भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय नहीं बल्की भा.ज.पा के दिवंगत पार्षद मनीष चौधरी है।

तदनंतर हमने ये पता लगाने की कोशिश की कि भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय कौन है?

हमने सबसे पहले इंटरनेट पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें किसी भी वेबसाइट या समाचार लेख में भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय नामक शख्स नहीं मिला। तदनंतर हमने MyNeta.info के वेबसाइट पर भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय को खोजा तो हमें MyNeta डेटाबेस पर अनिल उपाध्याय नामक कोई भी भा.ज.पा विधायक नहीं मिला।

इसी नाम से हमें दो व्यक्तियों के प्रोफाइल मिले, पहला- जोधपुर के एक बी.एस.पी नेता डॉ. अनिल उपाध्याय, जिन्होंने 2018 में राजस्थान से चुनाव लड़ा था| दूसरा प्रोफाइल लखनऊ से निर्दलीय उम्मीदवार अनिल कुमार उपाध्याय, जिन्होंने 2007 और 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था|

इसके बाद हमने इस सम्बंध में मेरठ के भा.ज.पा के जिलाध्यक्ष विमल शर्मा से संपर्क किया व उनसे जानने की कोशिश की कि क्या वे किसी अनिल उपाध्याय नामक भा.ज.पा के विधायक को जानते है व वायरल हो रहे वीडियो के बारे वे क्या जानते है, उन्होंने हमें बताया कि “वायरल हो रहे वीडियो में दिख रही घटना वर्तमान की नहीं है ये लगभग तीन वर्ष पुरानी घटना है व पश्चिम यू.पी में 71 विधायक होते है उसमें अनिल उपाध्याय नाम का कोई भी विधायक नहीं है।“

जाँच के दौरान हमने मेरठ के भा.ज.पा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल से भी संपर्क किया व उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रहे वीडियो में दिख रही घटना तीन साल पुरानी है। वीडियो में दिख रहे शख्स मनीष चौधरी कि हाल ही में मृत्यु हो गयी है। जब उनकी मृत्यु हुई तब वह भा.ज.पा के पार्षद थे।“

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो तीन वर्ष पुराना है। इसमें दिख रहा शख्स भा.ज.पा विधायक अनिल उपाध्याय नहीं है, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का नाम मनीष चौधरी है व उनका निधन हो चुका है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. असम के एक पानी पूरी विक्रेता द्वारा पानी में मूत्र मिलाने के प्रकरण को फर्जी सांप्रदायिक रंग दे सोशल मंचों पर फैलाया जा रहा है।

२. पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई ने नाम से फिरसे बना फर्जी अकाउंट जिससे सांप्रदायिक ट्वीट किये गये|

३. बिहार के कटिहार में मुर्हरम जुलूस के दौरान घटी मारपीट की घटना को हिन्दू-मुस्लिम कोण दे सांप्रदायिकता से जोड़ साझा किया जा रहा है|

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Title:काल्पनिक चरित्र अनिल उपाध्याय के नाम से फिर हुआ एक वीडियो वायरल, इस बार उन्हें भा.ज.पा से जोड़ा गया ।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False