३० जनवरी १९४८ को नथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गाँधी की हत्या कर दी गई थी | महात्मा गांधी के १५० वें जन्मदिन पर, राष्ट्र पिता, महात्मा गाँधी की हत्या से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहीं है | ३० सितंबर २०१९ को “इफ्तिखार चौधरी” नामक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट कर उसके शीर्षक में लिखा कि “महात्मा गांधी की हत्या का एक दुर्लभ चित्र - हिंदू अतिवादी आरएसएस कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे, गांधी की हत्या करने वाला व्यक्ति, - दो हिंदुओं द्वारा आयोजित किया गया था, जबकि गांधी का मृत शरीर फर्श पर पड़ा हुआ था | (३० जनवरी १९४८) RSS को तुरंत भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था” |

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर तेजी से साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी की हत्या की हैं, जहां गाँधी जी ज़मीन पर गिरे हुए है और हत्यारा नथूराम गोडसे को दो लोगों ने पकड़ा हुआ है | कहा जा रहा है कि यह ३० जनवरी १९४८ की यह असली तस्वीर है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ३२० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमने IMDB के वेबसाइट का लिंक मिला जहां यह तस्वीर उपलब्ध थी | वेबसाइट के अनुसार यह तस्वीर “नाइन ऑवर टू रामा” नामक फिल्म का हिस्सा है | साथ ही लिखा गया है कि जे.एस कश्यप इस फिल्म में महात्मा गाँधी का भूमिका निभा रहे हैं |

इसके पश्चात हमने यूट्यूब पर “Nine Hours to Rama” नामक फिल्म को ढूँढा, परिणाम से १६ नवंबर २०१६ को अपलोड किया हुआ एक लिंक मिला जहां पर पूरी फिल्म उपलब्ध है | १ घंटे ५५ मिनट ३२ सेकंड में हमें वायरल तस्वीर से मिलता जुलता एक सीन मिला | नीचे आप वायरल तस्वीर और फिल्म के दृश्य की तुलना देख सकते है |

नीचे आप Nine Hours to Rama का पूरा विडियो देख सकते है जहाँ १:५५:३२ सेकंड पर वायरल तस्वीर के दृश्य को देखा जा सकता है |

BBC न्यूज़ ने यूट्यूब पर महात्मा गाँधी के आखरी दिनो की कुछ तस्वीरें को एक वीडियो के माध्यम से अपलोड की हैं| वीडियो के विवरण में लिखा गया है कि “१९४० के दशक में, फ्रांसी फोटोग्राफर हेनरी कार्टियर-ब्रेसन ने गाँधी की हत्या से पहले गांधी की अंतिम तस्वीरें ली थीं |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर असल में “Nine Hours to Rama” नामक एक फिल्म का दृश्य है जो १९६३ को प्रकाशित की गयी थी | वायरल तस्वीर ३० जनवरी १९४८ की नहीं है|

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Title:फिल्म के एक दृश्य को महात्मा गाँधी की हत्या के वक़्त की असली तस्वीर बता के वाइरल किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False