६ अगस्त २०१९ को फेसबुक पर ‘Dhamaka News’ नामक फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, इस वीडियो में कई औरतें फूट-फूट कर रो रहीं है और कुछ लोग एक मृतक का जनाज़ा लेकर चल रहें हैं | इस पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, "जम्मू कश्मीर में मुसलमानों का ऊपर जुल्म सितम हो रहा है पूरा वीडियो देखें..." वर्तमान में सरकार द्वारा कश्मीर से धारा ३७० हटाने को लेकर सोशल मंचों पर कई प्रकार के दावे हो रहे है, इस पोस्ट में कश्मीर की मौजूदा स्तिथी के चलते यह दावा किया जा रहा है कि - 'वर्तमान में कश्मीर के मुसलामानों पर अत्याचार किया जा रहा है |' क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले उपरोक्त वीडियो का InVidtool की मदद से स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च में ढूंढा, तो हमें Youtube पर २५ फ़रवरी २०१८ को Aarish Bilal नामक एक यूजर द्वारा अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। यह वीडियो उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो से हूबहू मिलता है | इस प्राप्त वीडियो के शीर्षक में लिखा है, 'Kashmir- Hundreds attend funeral of cop killed by militants.' सरल अनुवाद : 'कश्मीर -आतंकवादियों द्वारा मारे गये एक पुलिसकर्मी के जनाज़े में हज़ारों लोग शामिल हुये”।

फिर हमने गूगल पर 'policeman farooq ahmed of keegam, shopian who was shot dead by militants at the residence of huriyat leader fazal haq qureshi' कीवर्ड्स से ढूंढा, तो हमें जम्मू-कश्मीर के कई समाचार वेबसाइट मिले | २७ फ़रवरी २०१८ को प्रसारित इन ख़बरों के अनुसार २५ फरवरी २०१८ की शाम को सौरा हमले में मारे गए पुलिसकर्मी फारूक अहमद याटू थे | फारूक की रविवार शाम को हत्या कर दी गई थी, जब आतंकवादियों ने श्रीनगर के सौरा इलाके में गोलीबारी की थी, वहाँ पर फारूक अहमद याटू हुर्रियत (एम) नेता, फजल-हक कुरैशी की सुरक्षा में तैनात थे। हमलावरों ने मौके से भागने से पहले पुलिसकर्मियों की सर्विस राइफल भी छीन ली थी| शवयात्रा में सैकड़ों स्थानीय लोगों और उनके रिश्तेदारों ने शिरकत की थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

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KashmirreaderPostArchivedLink
RisingkashmirPostArchivedLink
KashmirnewsobserverPostArchivedLink

इनमें से KashmirnewsobserverPost द्वारा प्रकाशित ख़बर में दी गयी तस्वीर उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो से हूबहू मिलती है | जब हमने ख़बर में मिली तस्वीर की तुलना वीडियो के स्क्रीनशॉट से की, तो हमें दोनों तस्वीरें समान पाया | इन तस्वीरों की तुलना आप नीचे देख सकतें हैं |

इन अनुसंधानों से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट में साझा वीडियो २५ फ़रवरी २०१८ की शाम को कश्मीर के सौरा हमले में मारे गए पुलिसकर्मी फारूक अहमद याटू के जनाज़े का है और कश्मीर की वर्तमान की घटनाओं से इस वीडियो का कोई सम्बन्ध नहीं है | यह वीडियो गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है।

जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘'वर्तमान में कश्मीर के मुसलामानों पर अत्याचार किया जा रहा है |’ ग़लत है |

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Title:पुलिसकर्मी फारूक अहमद याटू की शवयात्रा के पुराने वीडीयो को वर्तमान में कश्मीरी मुसलमानों पर अत्याचार के नाम से फैलाया जा रहा है।

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False