क्या पहली बार मक्का मदीना का शिवलिंग गलती से दिखाया ? जानिये सच |

False International Social

१३ जुलाई २०१९ को हमारे whatsapp नंबर 9049053770 पर हमारे एक पाठक श्री क्रिशन गुप्ता द्वारा एक फ़ेसबुक लिंक भेजा गया व हमसे इसकी सत्यता जाँचने का निवेदन किया।

whatsapp में भेजे लिंक में हमें एक तस्वीर और यह दावा मिला, इस पोस्ट को आप नीचे देख सकतें हैं |

FacebookPost | ArchivedLink

यह पोस्ट ९ जुलाई २०१९ को फेसबुक पर ‘Satish Shukla’ नामक एक यूजर ने साझा किया था, जिसमे हम कई लोगों को एक पथरीले संरचना के साथ देख सकतें हैं | पोस्ट के विवरण में लिखा है – इतिहास में पहली बार मक्का मदीना का शिवलिंग दिखाया गया, शायद गलती से | इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि ‘यह तस्वीर मक्का मदीना के काबा में स्थित शिवलिंग की है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

हमने जब प्राप्त फैक्ट चेक के अनुरोध के ज़रिये फेसबुक पोस्ट के दावे के बारे में जांच की, तो हमें पता चला कि यह दावा २०१६ से फेसबुक व ट्विटर पर अलग-अलग तस्वीरों व वीडियो के साथ साझा हो रहा है और काफ़ी वाइरल है| हमें प्राप्त संशोधन आप नीचे देख सकतें हैं |

FacebookSearchResult | TwitterSearchResult 

इस संशोधन में दो तस्वीरें सामने आई, जिन्हें ऐसे ही दावों के साथ वाईरल किया गया है।  

संशोधन से पता चलता है कि

पहली तस्वीर : दावा – इतिहास मे पहली बार मक्का मदीना का शिवलिंग दिखाया गया हे सभी हिन्दू भाई देखे नही like comment or शेयर जरूर करे

दूसरी तस्वीर : दावा – इतिहास में पहली बार मक्का मदीना का शिवलिंग दिखाया गया, शायद गलती से |

इसी दावे के साथ ही हमें एक वीडियो भी हासिल हुआ, जो उपरोक्त तस्वीर से मिलता जुलता  है और इस वीडियो में सब इस पथरीले संरचना को छूने की कोशिश कर रहें हैं |

हमने सबसे पहले पाए गए पहली तस्वीर को ‘गूगल रिवर्स इमेज सर्च’ में ढूंढा, तो हमें प्राप्त परिणामों को आप नीचे देख सकतें हैं |

इस संशोधन में हमें ‘Mapsofindia’ नामक एक वेबसाइट मिली, जिसके मुताबिक राजस्थान के जयपुर शहर में विराटनगर नामक एक जगह है, विराटनगर में पांडू पर्वत नामक के पहाड़ में एक गुफा मंदिर है | यह तस्वीर इस मंदिर की है, जहां १२ चेहरे वाला यह शिवलिंग स्थापित है | हमारे द्वारा किये गए चित्र विश्लेषण को आप नीचे देख सकतें हैं |

फिर हमने पाए गए दूसरी तस्वीर को ‘बिंग इमेज सर्च’ में ढूंढा, तो हमें प्राप्त परिणामों को आप नीचे देख सकतें हैं |

इस संशोधन में हमें ‘islamicteachings.org’ नामक एक वेबसाइट मिली | इस वेबसाइट में मक्का-मदीना और उसमे स्थित काबा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है और एक तस्वीर उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीर से मिलती-जुलती है |

लिखा है कि काबा के चार कोनों में से यह एक कोना है, जिसे ‘रुक्न-ए-यामिनी’ कहते हैं | 

इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए हमने गूगल पर ‘rukn e yamani’ की वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें मिले परिणाम आप नीचे देख सकतें हैं |

इस संशोधन में हमें youtube का एक वीडियो मिला, जिसमें ०२:१९ से ०२:२५ के बीच में आप उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर देख सकतें हैं |

इस वीडियो के मुताबिक ‘रुक्न-ए-यामिनी’ काबा के चारों कोनों में से एक कोना है, जिसमें बार बार दरार पढ़ने की वजह से अक्सर मरम्मत  की जाती है |

इस वीडियो से यह बात साफ़ पता चलती है कि यह चित्र काबा के चारों कोनों में से एक कोने का है, और ये कोई शिवलिंग नहीं है | 

इस संशोधन में हमें यह साफ़ पता चलता है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीर व वीडियो और हमें पोस्ट में किया हुआ दावा असल में मक्का-मदीना के काबा के चारों कोनों मे से एक कोने का है | इस कोने को रुक्न-ए-यामिनी कहा जाता है | जांच का परिणाम : इस संशोधन से हम इस निष्कर्ष पर आते हैं कि उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘यह तस्वीर मक्का मदीना के काबा में स्थित शिवलिंग की है |’ ग़लत है |

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Title:क्या पहली बार मक्का मदीना का शिवलिंग गलती से दिखाया ? जानिये सच |

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False