२८ अगस्त २०१९ को फेसबुक पर ‘Aimim Varanasi द्वारा की गई एक पोस्ट में एक वीडियो साझा किया गया है | इस वीडियो में पुलिसकर्मी कुछ लोगों के घरों पर छापा मारते हुए दिख रहे हैं | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, "गोदि मीडिया ये दिखाने में लगा है कि कश्मीर में लोग अमन से हैं |" केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाने को लेकर सोशल मंचों पर कई प्रकार के दावे हो रहे हैं | इस पोस्ट में भी कश्मीर की मौजूदा स्थिति के चलते यह दावा किया जा रहा है कि - 'यह वीडियो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में पुलिस द्वारा नागरिकों पर हो रहे अत्याचार का है |' क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले InVid Tool की मदद से उपरोक्त विडियो का स्क्रीन शॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च में ढूंढा | हमने पाया की यह वीडियो यू-ट्यूब पर २०१४ से अलग-अलग दावे के साथ अपलोड किया गया है | २०१४ को अपलोड एक वीडियो हमें मिला, जिसके शीर्षक में लिखा है कि, ‘पाकिस्तानी पुलिस नागरिकों को उनके घरों में घुसकर पीट रही है |’ इसके अलावा इस वीडियो को पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार व फैसलाबाद की घटना का होने के दावे के साथ भी वायरल किया गया है |

५ अक्टूबर २०१४ २५ मई २०१५ १६ जून २०१६२८ जून २०१६
२८ दिसम्बर २०१७३० दिसम्बर २०१७११ जनवरी २०१८५ फ़रवरी २०१९

फिर हमने इस वीडियो का बारीकी से आँकलन किया तो हमने में ००:३० सेकंड पर एक पुलिसकर्मी की वर्दी पर ‘एलीट पंजाब पुलिस’ लिखा पाया |

जब हमने गूगल पर ‘Elite Punjab Police’ की-वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें पाकिस्तान की ‘एलीट पंजाब पुलिस’ की वर्दी का फोटो मिली | जब हमने दोनों तस्वीरों की तुलना की, तो हमें दोनों वर्दियों में समानता देखने को मिली | इस तुलना तो आप नीचे देख सकतें हैं |

इस बात से यह तो साफ़ पता चलता है कि वीडियो में दिखाई देने वाली पुलिस भारत की नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की है | फिर हमने इस ख़बर के बारे में पाकिस्तान की समाचार वेबसाइट ‘SamaaTV’ की वेबसाइट पर अलग-अलग की-वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें ११ जून २०१३ को प्रसारित एक ख़बर मिली | इस ख़बर के मुताबिक फ़ैसलाबाद के सीपीओ रिफ़त मुख़्तार राजा ने आम नागरिकों के घर में घुसकर औरतों पर हाथ उठाने के जुर्म में एलीट फोर्स के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

SamaaTV | ArchivedLink

और ख़बरों के लिए जब हमने गूगल पर ‘cops suspended for torturing women in faisalabad, pakistan’ की-वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें पता चला कि, पाकिस्तान के कई समाचार वेबसाइट द्वारा जून २०१३ में काफी ख़बरें प्रसारित की थी | इन खबरों को पूरा पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

PaktribunePost | ArchivedLinkDunyanewsPost | ArchivedLinkRozetvPost | ArchivedLink
NationPost | ArchivedLinkTribunePost | ArchivedLinkDailymotionPost | ArchivedLink

इस शोध से प्राप्त Dailymotion द्वारा प्रसारित वीडियो की जब हमने उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो के साथ तुलना की, तो हमें उस वीडियो से मिलता-जुलता हिस्सा मिला | इस तुलना तो आप नीचे देख सकतें हैं |

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो ११ जून २०१३ को पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की एलिट पुलिस फ़ोर्स द्वारा आम नागरिकों के घरों पर किये गए छापेमारी का है और कश्मीर के साथ इस वीडियो का कोई संबंध नहीं है | यह वीडियो गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “'यह वीडियो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में पुलिस द्वारा नागरिकों पर हो रहे अत्याचार का है |” ग़लत है |

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Title:पाकिस्तान के एक पुराने वीडीयो को वर्तमान में कश्मीर का बता कर फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False