
३० अगस्त २०१९ को फेसबुक पर ‘AIMIM Tiger’ नामक एक पेज पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें पुलिस जन-साधारण पर लाठीचार्ज करते हुए दिख रही है | वीडियो देखने से लगता है कि लोगों पर अत्याचार हो रहा है | इस पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “कश्मीर जल रहा है।मोदी और शाह दुनिया को दिखाने नही दे रहे आप दिखाये कम से कम दुनिया को बताएं।ये ज़ालिम ज़ुल्म की इन्तेहाँ कर रहे है।“ इस पोस्ट के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि, ‘इस वीडियो में कश्मीर की वर्तमान स्थिति दर्शायी गयी है |’
क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
उपरोक्त साझा वीडियो का जब हमने बारीकी से निरिक्षण किया, तो हमें इस वीडियो में ‘RK’ और #RisingKashmir का वॉटरमार्क मिला | फिर हमने YouTube पर ‘Rising Kashmir’ नाम को ढूंढा, तो हमें इस समाचार वेबसाइट का YouTube चैनल मिला |
इस चैनल में ढूंढने पर हमें १७ अप्रैल २०१७ को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसके शीर्षक में लिखा था कि “Student protests rock Kashmir valley” | हिंदी में अनुवाद – छात्र कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी का विरोध कर रहे हैं |
यह वीडियो उपरोक्त पोस्ट से हुबहू मिलता है, बस फरक सिर्फ़ इतना है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो असली वीडियो के तुलना में उल्टा रिकॉर्ड करके चलाया गया है |
जब हमने इस बारे में ख़बर ढूंढा, तो हमें के छात्रों द्वारा कश्मीर में किये गए इस विरोध प्रदर्शन पर कई ख़बरें मिली | SP कॉलेज के छात्रों ने अप्रैल २०१७ को पुलवामा में पुलिस द्वारा किये गए छापों के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया था | यह वीडियो उसी दौरान लिया गया था| इस घटना पर पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
Countercurrents.orgPost | ArchivedLink | Kashmirpost.orgPost | ArchivedLink | Oneindia.comPost | ArchivedLink |
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट में साझा वीडियो मे दर्शाए गए वीडियो १७ अप्रैल २०१७ में घटित वारदात की है, जिसमें श्रीनगर के SP कॉलेज के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था | वर्तमान में इस वीडियो का कश्मीर की मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं है | जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० के हटने पर कई पुराने वीडियो व तस्वीरें वर्तमान का बताकर गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘यह वीडियो में कश्मीर की वर्तमान स्थिति दर्शायी गयी है |’ ग़लत है |

Title:२०१७ में छात्रों द्वारा किये विरोध के वीडियो को कश्मीर की वर्तमान स्थिति का बताकर फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
