२००८ से एक जादू के खेल को सांप्रदायिक रूप दे वाईरल किया जा रहा है |
सोशल मीडिया एक वीडियो जिसमें चार लोगों को जंजीरों में जकड़े हुये देखा जा सकता है, साथ ही लोगो की भारी भीड़ भी देखी जा सकती है | सोशल मंचों पर इस वीडियो को साझा करते हुये दावा किया जा रहा है कि वीडियो में जंजीरों में जकड़े युवकों को गोहत्या के लिए दंडित किया जा रहा है, इस २६ सेकंड के वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाते हुए यह भी दावा किया जा रहा है कि ज़ंजीर में बंधे लोग वास्तविकता में मुसलमान समुदाय से है जिन्हें गौ हत्या करने के कारण जिंदा जला दिया जा रहा है |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें २५ अगस्त २०१७ को एम्.एम् पुथियाथ नामक एक यूजर द्वारा अपलोड किया गया हुबहू वीडियो मिला | यह वीडियो ६ मिनट ३० सेकंड का है ज्सिके शीर्षक में लिखा गया है कि “दुनिया का पहला सामूहिक आग से बचने का खेल | मलप्पुरम कोट्टापडी स्टेडियम | २००८ में आग से बचने का खेल |” अगस्त २०१७ में अपलोड किए गए वीडियो ने इस घटना को २००८ में चार जादूगरों द्वारा केरल के मलप्पुरम कोट्टापडी स्टेडियम में एक जादू शो के रूप में वर्णित किया गया है |
तद्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने एम्.एम् पुथियाथ से संपर्क किया जिन्होंने हुमें बताया कि
“इस वीडियो के साथ किये गये दावे सरासर गलत है | यह वीडियो २००८ में एक जादू के खेल के रूप मे मेरे आलावा और ३ तीन जादूगरों के मदद से किया गया था | इस वीडियो को अगर ध्यान से देखा जाये तो आपको पुलिस वालें भी नज़र आएंगे | हमने इस खेल को दिखाने के लिए पुलिस से पहले अनुमति ली थी और साथ ही अग्निशामक दल,डॉक्टर और सभी सुरक्षा के उपाय व्यवस्थित कराये हुये थे | इस वीडियो को आज के दौर मे संप्रदायिकता से जोड़कर फैलाना नही चाहिए |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो २००८ का है जो एक जादू के खेल के रूप में सुनियोजित रूप से प्रदर्शित किया गया था | इस वीडियो को वर्तमान में सांप्रदायिक कथन से साथ फैलाया जा रहा है |
Title:२००८ से एक जादू के खेल को सांप्रदायिक रूप दे वाईरल किया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False