
सोशल मीडिया पर एक वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, दिलीप घोष को दार्जीलिंग के लोगों ने इसलिए पीटा क्योंकि वे वहां एनआरसी के पक्ष में अभियान करने गये थे |
वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “पूर्वोत्तर भारत में भाजपा के अच्छे दिन | सीएए एनआरसी एनपीआर के पक्ष में अभियान के दौरान भाजपा नेताओं का स्वागत करने वाले लोग कैसे हैं।
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को सम्बंधित कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल सर्च करने से की, परिणाम में हमें ६ अक्टूबर २०१७ को ABP News द्वारा प्रसारित एक खबर मिली | खबर के अनुसार यह घटना २०१७ को दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में हुई थी | भाजपा बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष को कथित रूप से पीटा गया था और गोरखा प्रादेशिक प्रशासन के अध्यक्ष बिनय तमांग के समर्थकों द्वारा उनका पीछा किया गया था | दिलीप घोष ५ अक्टूबर, २०१७ को दार्जिलिंग में थे, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा अलग गोरखालैंड की मांग के लिए चले १०४ दिनों की हड़ताल के ठीक बाद |
इस खबर को ५ अक्टूबर २०१७ को रिपब्लिक वर्ल्ड ने भी प्रसारित किया था | इस बुलेटिन में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाए गये दृश्यों को देखा जा सकता है |
इकनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार दिलीप घोष -गुरुंग के गुट के नेताओं से मिलने और विजया सम्मिलानी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए दार्जिलिंग में थे। राज्य अध्यक्ष पर मोर्चा समर्थकों के एक समूह द्वारा कथित तौर पर बिनय तमांग के गुट द्वारा हमला किया गया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो ३ साल पुराना है और CAA और NRC से कोई संबंध नही रखता है | पश्चिम बंगाल से एक तीन साल पुराने वीडियो को इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि सी.ए.ए और एन.आर.सी के लिए डोर-टू-डोर अभियान के दौरान पूर्वोत्तर में भाजपा नेताओं को पीटा गया है |

Title:दिलीप घोष के पिटने का ३ साल पुराना वीडियो वर्तमान CAA और NRC का बता हुआ वाईरल |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
