उत्तर प्रदेश में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और 10 मार्च को नतीजे आने वाले हैं। इस बीच नतीजे आने से पहले ही ईवीएम घोटाला होने का दावा किया जा रहा है।

सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल कर आरोप लगाया जा रहा है कि वाराणसी में ईवीएम बदलने की बड़ी साजिश पकड़ी गई। वायरल वीडियो में कुछ लोग ईवीएम के ट्रक पर चढ़कर ईवीएम घोटाला होने का दावा करते दिख रहे हैं।

इस वायरल स्क्रीनशॉट के साथ लिखा है कि, बनारस में ईवीएम बदलने की बड़ी साजिस पकड़ी गई चोरी।

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ईवीएम घोटाले का यह वीडियो सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा तेजी से वायरल की जा रही है। यहां पर वायरल वीडियो का लिंक देखें।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

जांच की शुरुआत हमने कीवर्ड्स सर्च से की। परिणाम में हमे 8 मार्च को आज तक पर एक रिपोर्ट मिली। खबर के मुताबिक वायरल वीडियो को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि वाराणसी में ईवीएम से लदी गाड़ियां पकड़ी गई है। नतीजे आने से पहले ही ईवीएम घोटाला शुरू हो गया है।

अखिलेश यादव के आरोप के जवाब में वाराणसी के डीएम ने कहा कि इन ईवीएम का चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। मतगणना कर्मियों को दी जाने वाले ट्रेनिंग में इन ईवीएम का इस्तेमाल होना था।

भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा 8 मार्च को किए गए ट्वीट में ईवीएम मूवमेंट पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसमें कहा गया है कि अप्रयुक्त ईवीएम को प्रशिक्षण के लिए ईवीएम गोदाम से यूपी कॉलेज ले जाया जा रहा था। जिसका उपयोग 9 मार्च को कॉलेज में मतगणना कर्मियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग में इस्तेमाल किया जाता।

रास्ते में लोगों ने गाड़ी को रोका और चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कह कर अफवाह फैलाई। 9 मार्च को काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की दुसरी ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग हेतु ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं।

जो ईवीएम चुनाव में प्रयुक्त हुई थीं वे सब स्ट्रांग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और CCTV की निगरानी में है। जिसे सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वार लगातार नजर रखी जा रही है।

एएसआई द्वारा की गई ट्वीट में वाराणसी के डीएम ने घटना के संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि गाड़ी में ली जा रही ईवीएम प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए थी।

हमने वाराणसी डीएम से संपर्क किया। उन्होंने हमें स्पष्ट किया की ईवीएस के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। यह खबर झूठी है।

वादमें हमने उप जिला निर्वाचन अधिकारी रणविजय सिंह से हमारी बात हुई। उन्होंने हमें बताया की इस खबर का डीएम सर ने खंडन किया है। आज उदय प्रताप डिग्री कॉलेज में मतगणना कार्मिकों की ट्रेनिंग हुई है। इसके लिए वह ईवीएम निकाली गई। वो ट्रेनिंग और अवेयरनेस की ईवीएम थीं। इन ईवीएम का रुम अलग होता है। साथ ही उनका चुनाव ईवीएम से कोई संपर्क नहीं है। जो ईवीएम चुनाव में इस्तेमाल किया गया है, उन्हें स्ट्रांग रूम में सीआरपीएफ की निगरानी में रखा गया है। वायरल हो रही खबरें झूठी हैं। चुनाव ईवीएम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।

निष्कर्ष:

तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि वाराणसी में EVM घोटाले का दावा झूठा है। ईसीआई और वाराणसी डीएम द्वारा स्पष्ट किया गया है कि चुनाव ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। मतगणना कर्मियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग के ईवीएम को ईवीएम घोटाला बताकर अफवाह फैलाई जा रही है।

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Title:वाराणसी में ईवीएम घोटाले का वीडियो भ्रामक; निर्वाचन आयोग ने बताया ट्रेनिंग हेतु ले जा रहे थे मशीन

Fact Check By: Saritadevi Samal

Result: False