
पूरी दुनिया में फैले कोरोनावायरस के चलते सोशल मंचों पर कई भ्रामक खबरें वायरल होती चली आ रही है। फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में व वर्तमान में भी कई ऐसी भ्रामक खबरों का अनुसंधान कर उसकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाई है। भारत में इन दिनों करोना लगभग हर राज्य में अपना विकराल रूप धारण कर चूका है जिसके चलते मृत्यु दरों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, इन्हीं सब के बीच इन्टरनेट पर कई ऐसे नुस्खे बताये जा रहें हैं जो कथित रूप से करोना का अंत कर सकते हैं, ऐसा ही एक पोस्ट सोशल मंचों पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें एक डॉक्टर के नाम से ये बताया जा रहा है कि कोरोना गर्म पानी की भाप से मर जाता है, इस खबर के मुताबिक,
“तमिल नाडू के मदुराई के डॉ. एन.एन कन्नप्पन ने बताया है कि कोरोनावायरस नाक के पैरानेजल साइनस में 3-4 दिनों के लिए छुपा होता है व उसके बाद वह फेफड़ो में चला जाता है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है। इसे सिर्फ गरम पाने पीने से खत्म नहीं किया जा सकता। कोरोनावायरस का अंत करने के लिए गरम पानी की भाप लेना ज़रुरी है। 50°C तापमान पर कोरोनावायरस निष्क्रिय हो जाता है, 60°C पर यह वायरस इतना कमज़ोर हो जाता है कि किसी भी शख्स की इम्यूनिटी सिस्टिम इसके खिलाफ लड सकता है और 70°C पर यह वायरस पूरी तरह से मर जाता है। इस वजह से भाप दिन में तीन बार लेनी चाहिये व इस अभ्यास को पूरा एक हफ्ता करने से कोरोना वायरस पूरी तरह मिट जाएगा।“
इस दावे को इंटरनेट पर काफी तेज़ी साझा किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही खबर गलत व भ्रामक है। तमिल नाडू के मदुराई के डॉ. एन.एन कन्नप्पन ने ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया है व गरम पानी की भाप लेने से कोरोनावायरस का अंत नहीं होता है।
जाँच की शुरुवात हमने तमिल नाडू में स्थित मदुराई के डॉ. एन.एन कन्नप्पन के दफ्तर से संपर्क कर की, उन्होंने हमें बताया कि डॉ. कन्नप्पन ने ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया है। डॉ. कन्नप्पन के दफ्तर ने कहा कि,
“वायरल हो रही खबर गलत है। डॉ. कन्नप्पन ने ऐसा सुझाव नहीं दिया है। यह मैसेज लगभग इस 4 अप्रैल से वायरल हो रहा है और हमें भी इसकी जानकारी मिली थी, जिसके बाद हमने इस मैसेज के खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने व साइबर क्राइम में भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी है। वायरल हो रही खबर एक समाचार पत्र में भी प्रकाशित की गयी थी व इसके बारे में उस समाचार पत्र द्वारा डॉ. कन्नप्पन को सूचित नहीं किया गया था, उनके नाम से गलत खबर प्रकाशित की गयी थी व यह लेख डॉ. साहब ने नहीं लिखा है। डॉ. एन.एन कन्नप्पन पेशे से एक सेक्स विशेषज्ञ है और इसलिए उनका कोरोनावायरस के विषय से कोई संबन्ध नहीं है, इस वजह से वे ऐसे कोई सुझाव नहीं दे सकते है।“
इसके बाद हमें डॉ. कन्नप्पन के दफ्तर ने शिकायत की कॉपी, समाचार पत्र की तस्वीर भी उपलब्ध करायी है।
इसके पश्चात हमने ये जानने की कोशिश की कि,
क्या गरम पानी की भाप लेने से कोरोनावायरस का अंत होता है।
हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें हेल्थलाइन.कॉम पर प्रकाशित किया हुआ एक लेख मिला जिसमें स्पष्ट रुप से लिखा कि, गरम पानी की भाप लेना, नाक के मार्ग को शांत करने और खोलने और सर्दी या साइनस संक्रमण के लक्षणों से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार है, परंतु भाप लेने से किसी संक्रमण को ठीक नहीं किया जा सकता है उदाहरण के लिये जैसे सर्दी या फ्लू, भाप उस दौरान आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है।
इस लेख में यह भी स्पष्ट रुप से लिखा है कि, गरम पानी की भाप लेने से कोई किसी भी वायरस का अंत नहीं हो सकता है।
इसके पश्चात अधिक जाँच करने पर हमें वरिष्ठ डॉ. फहीम युनुस द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने लिखा है कि,
“कोविड को रोकने या उपचार करने में भाप, गर्म पानी आदि की कोई भूमिका नहीं है। रोगसूचक राहत के लिए गरम पानी से कुल्ला कर सकते है लेकिन यह बीमारी को कम या ठीक नहीं करता है।“
आखिर में फैक्ट क्रेसेंडो ने इस विषय में अधिक जानकारी पाने के लिए हमदर्द इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सायन्सस एंड रीसर्च में सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग के एस.बी.बी.एस, एम.डी डॉ. यासिर अलवी से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि,
“वायरस भाप से मारा जाता है लेकिन उस तापमान और दाब पर नहीं जिस पर एक मनुष्य द्वारा भाप ली जा सके। आटोक्लेव मशीन वायरस सहित सभी रोगाणुओं को मारने के लिए कम से कम 30 मिनट के लिए 121 डिग्री सेल्सियस पर भाप का उपयोग करती है। इस वजह से जिस तापमान और दाब पर एक मनुष्य द्वारा भाप ली जा सके, उस तापमान और दाब से नाक म्यूकोसा में मौजूद वायरस नहीं मार सकता है। आपको ये भी बता दें कि उच्च तापमान नाक के श्लेष्म के लिए हानिकारक होगा।“
इसके बाद हमने डॉ. अलवी से इस बात की जानकारी ली कि क्या दिन में तीन बार गरम पानी की भाप लेना सेहत के लिए अच्छा है तो उन्होंने हमें बताया कि,
“रिसर्च में यह देखा गया है कि स्टीम इनहेलेशन कोरोना वायरस को नहीं मारता है। डब्लूएचओ या भारत सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं है जो कि कोविड को रोकने या उसके इलाज के लिए स्टीम इनहेलेशन की वकालत करता है। फिर भी, यह वायरल संक्रमण में नाक बंद होने के लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, परंतु यह करते वक्त सभी सावधानियों का ध्यान रखा जाए और चूंकि भाप के लिए उबले हुये पानी का इस्तेमाल किया जाता है तो सावधानी बरती जाये ताकि कोई भी जख्म प्राप्त न करें। दिन में 3 बार इसका उपयोग करना, जिनका नाक बंद नहीं है उनके लिये अधिक हानिकारक होगा क्योंकि यह गर्म भाप से म्यूकोसल चोट की संभावना को बढ़ा सकता है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत व भ्रामक है। तमिल नाडू के मदुराई के डॉ. एन.एन कन्नप्पन ने ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया है व गरम पानी की भाप लेने से कोरोनावायरस का अंत नहीं होता है।
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१. राजस्थान सरकार के नाम से अंतिम संस्कार को लेकर जारी सर्कुलर फर्जी है।
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Title:पानी की भाप लेने से कोरोना वायरस का अंत नहीं होता है।
Fact Check By: Rashi JainResult: Misleading
