सोशल मीडिया पर एक भीड़भाड़ वाले अस्पताल के एक क्लिप को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (एम्स), पटना में वर्तमान स्थिति को दर्शाता है जहाँ सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन नही किया जा रहा है |

सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “विक्टोरिया अस्पताल बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एक सरकारी अस्पताल है जिसका नाम अब बंगलौर मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान रखा गया है। यह बैंगलोर, भारत का सबसे बड़ा अस्पताल है | यह स्थिति का छोटा उदाहरण है, बाहर मत जाओ। अधिकतम बचने की कोशिश करें। हमारे पड़ोस के साथ आप और पूरी तरह से परिवार के साथ सुरक्षित रहें | #NoBedsAvailable”

https://www.facebook.com/100003503800558/videos/2975837845876313/?t=0

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

इसी वीडियो को सोशल मंचो पर अलग अलग जगह का भी बताया जा रहा है, कहीं इसे दिल्ली से तो कहीं इसे पटना के A.I.I.M.S का बता लोगो को सावधान रहने की हिदायत दी जा रही है

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आइये जानते हैं क्या है इस वाईरल वीडियो की सच्चाई...

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त वीडियो को इन्विड की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें फेसबुक और यूट्यूब पर यह वीडियो उपलब्ध मिला, साथ ही १७ जुलाई २०२० को आई.बी टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक खबर भी मिली जिनके अनुसार यह वीडियो पटना के कैंसर अस्पताल का बताया गया है |

अधिक जाँच करने पर हमें बैंगलोर के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव द्वारा इसी सन्दर्भ में एक प्रकाशित ट्वीट मिला जिसके अनुसार ये स्पष्ट किया गया है कि यह वीडियो बैंगलोर के विक्टोरिया हॉस्पिटल का नहीं है | इस दावे को फर्जी बताते हुए उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया जो गलत दावे के साथ इस वीडियो को प्रसारित करने में शामिल था |

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फेसबुक पर वायरल वीडियो को जांचने पर हमें राणा सिंह नामक एक यूजर का कमेंट नज़र आया जिसमे उन्होंने लिखा है कि

“मेरा नाम डॉक्टर राणा सिंह है और यह वीडियो मैंने खुद ने बनाया है | महावीर कैंसर संसथान में मैं डॉक्टर हूँ और मेडिकल ऑफिसर के पोस्ट पर हूँ | यह वीडियो मैंने कल १५ जुलाई २०२० को लिया जब मरीजों की भीड़ कोरोना स्क्रीनिंग OPD नंबर 5 के पास हाथ से बहार चला गया (डॉक्टर राणा सिंह, मेडिकल ऑफिसर, महावीर कैंसर संसथान, पटना)”

फैक्ट क्रेसेंडो ने तद्पश्चात महावीर कैंसर संसथान के डॉक्टर राणा सिंह से संपर्क किया जिन्होंने पुष्टि की कि वीडियो उनके द्वारा १५ जुलाई को शूट किया गया था जब महावीर कैंसर संस्थान में कोरोना स्क्रीनिंग ओपीडी में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई थी |

उन्होंने बताया कि “ओपीडी में कोरोना स्क्रीनिंग के चलते स्थिति बेकाबू होने पर मैंने यह वीडियो मैनेजमेंट को दिखाने के लिए रिकॉर्ड किया था | यह वीडियो पटना के महावीर कैंसर संस्थान से है और बैंगलोर, दिल्ली या फिर पटना AIIMS से इस वीडियो का कोई सम्बन्ध नहीं है | इस वीडियो को केवल मैनेजमेंट को दिखाने के लिए रिकॉर्ड किया गया था | हॉस्पिटल में कुछ मरीज़ और स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव होने पर हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया था | ठीक से सैनीटाईज व स्वस्छता होने के पश्चात हॉस्पिटल को वापस खोल दिया गया था जिसके पश्चात मरीजों की भीड़ बढ़ गई थी | मैं लोगों को आग्रह करना चाहता हूँ कि इस वीडियो को सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ ना फैलाये | महावीर कैंसर संसथान कोविड हॉस्पिटल नही है परंतु हम सभी रोगियों की स्क्रीनिंग करते है ताकि अगर कोई कोरोनावायरस के लक्षण दिखे तो हम उस मरीज को कोविड हॉस्पिटल भेज सके |”

अचार्य किशोर कुनाल ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से भी इस घटना का स्पष्टीकरण देते हुए लिखा है कि “महावीर कैंसर संस्थान में दिनांक 15 जुलाई 2020 को काफी भीड़ हो गयी थी, उसके बाद अस्पताल को बन्द कर दिया गया है, उस भीड़ का कारण यह था कि आठ दिनों की बन्दी के बाद कैंसर संस्थान खुला था और एम्स तथा सभी बड़े कैंसर अस्पतालों के लगातार बन्द होने के कारण अचानक मरीजों की भीड़ बढ़ गयी |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो जिसमे भाड़ी भीड़ देखी जा सकती है असल में पटना के महावीर कैंसर संस्थान से है और इसका एम्स पटना, दिल्ली या बैंगलोर के विक्टोरिया हॉस्पिटल से कोई सम्बन्ध नहीं है |

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Title:सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन करते हुए भीड़ का वीडियो पटना से है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False