वीडियो 2022 का है और जिन महिलाओं को YPJ बलों ने अल-होल कैंप से बचाया था वो यज़ीदी थीं। न कि भारतीय या बांग्लादेशी।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सेना की वर्दी पहने महिलाओं को एक टेंट में प्रवेश करते देखा जा सकता है। जहां उन्हें दो लड़कियां जंजीरों से बंधी दिखाई देती हैं। जिनको सेना के जवानों द्वारा लड़कियों को जंजीरों से मुक्त किया जाता है,और सुनिश्चित करने के लिए जांच की जाती है कि उन्हें कोई चोट तो नहीं आई है। वायरल वीडियो के साथ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र की सेना ने ISIS के टेंट पर छापा मारा और भारत और बांग्लादेश की 38 हिंदू लड़कियों को बचाया, जिन्हें सेक्स स्लेव के रूप में रखा गया था।

इसके अलवा यूजर्स वीडियो को द केरला स्टोरी’ में दिखाए गए घटनाओं से जोड़ रहे हैं। और हिन्दू लड़कियों को सतर्क रहने की बात कर रहे हैं।

वायरल वीडियो के साथ यूजर्स ने लिखा है- UN सेना ने ISIS के तंबू पर हमला किया और भारत और बांग्लादेश की 38 सेक्स गुलाम महिलाओं - बहुसंख्यक हिंदू लड़कियों को बचाया। जो लोग द केरला स्टोरी’ फिल्म पर विश्वास नहीं करते, उनके लिए यह सबूत है। देखिए किस तरह लड़कियों को कैसे बांध कर रखा गया है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

जांच की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें वायरल वीडियो एसडीएफ प्रेस नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को छह महीने पहले पोस्ट किया गया था।

हमें मिले यूट्यूब चैनल के वीडियो में दिख रहा लाल रंग का लोगो वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है।

चैनल के टाइटल में लिखे शब्दों को हमने गूगल पर ट्रांसलेट किया। जिसका मतलब है - द YPJ अल-होल कैंप में कैद चार महिलाओं को आज़ाद कराने का वीडियो।

निम्न में पूरी वीडियो देखें। वायरल वीडियो को यूट्यूब वीडियो के 21 सेकेंड से देखा जा सकता है।

पड़ताल के आगे मिले क्लू से हमने YPJ अल-होल कैंप के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की।

YPJ क्या है-

द कुर्दिश प्रोजेक्ट‘ में प्रकाशित जानकारी के मुताबिक, YPJ, कुर्द में ‘वुमन प्रोटेक्शन यूनिट्स (Women’s Protection Units)’ का शॉर्ट फॉर्म है। ये कुर्दिस्तान के सीरियाई क्षेत्र की सशस्त्र बलों की एक महिला ब्रिगेड है जो ISIS से तुर्की-सीरियाई सीमा पर कोबानी का नियंत्रण वापस लेने की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अल-होल कैंप क्या है-

अल-होल उत्तरी सीरिया का एक रेफ्यूजी कैंप है। इस शिविर को 1991 में स्थापित किया गया था। और बाद में इराक पर 2003 के आक्रमण के बाद इराकी-सीरियाई सीमा पर इसे फिर से खोल दिया गया था । शिविर को अमेरिका समर्थित सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) द्वारा मुख्य रूप से नियंत्रित किया जाता है। शिविर में ज़्यादातर आबादी महिलाओं और बच्चों की है।

इतना समझने के बाद गूगल पर अलग-अलग की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 5 सितंबर 2022 को YPJ द्वारा किया गया एक ट्विट मिला जिसमें वायरल वीडियो अपलोड किया गया है।

वहीं ट्विट के चौथे ट्वीट में ज़िक्र किया गया है कि रेस्क्यू की गई महिलाएं शेंगल शहर की यज़ीदी (Yazidi) समुदाय की थीं।जो मुख्य रूप से उत्तरी इराक, दक्षिणपूर्वी तुर्की, उत्तरी सीरिया, काकेशस क्षेत्र और ईरान के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।

अल-होल शिविर में उस समये चल रहे ऑपरेशन में YPJ बलों ने कुल 4 महिलाओं को मुक्त कराया था। उनकी कम उम्र में शादी हो गई थी। बचाए जाने के बाद उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता दी गई।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद,हमने पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया गया दावा भ्रामक है। वीडियो 2022 का है और जिन-जिन महिलाओं को अल-होल कैंप से बचाया गया था, वे यज़ीदी थीं, न कि भारत या बांग्लादेश की। इन यजीदी महिलाओं को YPJ बलों ने बचाया था।

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Title:क्या ISIS के टेंट से रेस्क्यू की गईं महिलाएं भारत और बांग्लादेश की हिंदू हैं? नहीं दावा झूठा है..

Written By: Sarita Samal

Result: False