
गणेश चतुर्थी के चलते सोशल मीडिया पर कई प्रकार के दावे वायरल किये जा रहें हैं, इनमें से कुछ दावों को हिन्दू मुसलमान विवाद का बता सांप्रदायिकता के साथ जोड़ सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की मंशा से फैलायी जा रहीं है| ऐसा ही एक वीडियो जिसे कथित तौर पर हैदराबाद का बताया जा रहा है जिसमें हम गणपति की मूर्ति के पास हो रहे झगड़े को देख सकतें हैं, इस वीडियो को सोशल मंचो पर इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है कि यह विवाद हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच का है जहाँ मुस्लिम समुदाय के लोग गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति मूर्ति स्थापित करने का भरपूर विरोध कर रहें हैं| वीडियो में आगे कुछ लोगों को आपस में मारपीट करते हुये व एक पुलिसकर्मी को इन लोगों को अलग करते हुए देखा जा सकता है | इस वीडियो के माध्यम से यह भी दावा किया गया है कि मुसलमान समुदाय के लोगों ने मौके पर मौजूद गणेश मूर्ति को तोड़ने की कोशिश भी की थी |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “हैदराबाद में कुछ muल्ले गणेश प्रतिमा की स्थापना का विरोध कर रहे थे, मौके पर ही कूट दिए गए |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को बारीकी से देखने से की, कई सोशल मंचो के पोस्टों में इस वीडियो को हैदराबाद के लाल दरवाज़ा से होने का दावा किया गया है |
तद्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने मुघलपुरा पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ रवि कुमार जी से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि
“ यह घटना हमारे क्षेत्र से है और इस घटना के वक़्त हमारी टीम मौके पर मौजूद थी, घटना आपसी झगड़े से सम्बंधित है व वीडियो में दिख रहे लोग एक ही हिन्दू परिवार से जुड़े हैं, इस मामले को आपसी सुलह से मौके पर ही सुलझा दिया गया था, सोशल मीडिया पर इस झगड़े को साम्प्रदायिकता से जोड़ कर फैलाना गलत है, हम आपके माध्यम से ये स्पष्ट करना चाहते हैं कि सोशल मंचो पर इस वीडियो को लेकर किये जा रहे दावे सरासर गलत हैं और हम सोशल उपभोगताओं से ये गुजारिश करतें हैं कि इन फर्जी दावों पर विश्वास ना करें| उक्त २२ अगस्त २०२० की है, आगे उन्होंने उक्त प्रकरण के बारे में हमें विस्तार से बताया, उनके अनुसार:-
“मुरलीधर नाम के एक व्यक्ति के घर के बाहर कई सालों से सार्वजनिक गणपति स्थापित करने का क्रम चला आ रहा था, इस साल मुरलीधर द्वारा उन्हें गेट के बाहर पूजा करने से मना कर दिया जिसके चलते लोगों के बीच झगड़ा शुरू हो गया और वह मारपीट पर उतर आये, यह सारे लोग हिन्दू समुदाय से ही थे और एक ही परिवार से सम्बंधित हैं | यह सब एक दुसरे के दूर के रिश्तेदार लगते हैं | चूंकि मामले को आपसी सुलह से निपटा दिया गया था, इसी वजह से हमारे पास किसी भी पक्ष द्वारा शिकायत नहीं दर्ज की गई|
वीडियो में दिख रही टूटी हुई गणेश जी की मूर्ति असल में पहले से ही डिफेक्टिव थी | इस मूर्ति को ट्रक में लाते वक़्त मूर्ति का हाथ क्षतिग्रस्त हो गया था, इसे किसीने ज़बरदस्ती नही तोडा है | इस घटना के साथ किसी भी दुसरे समुदाय का कोई संबंध नही है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया वायरल वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है | यह एक समुदाय के व्यक्तियों का आपसी झगड़ा था जिसे बाद में सुलझा लिया गया था | इस घटना के साथ संप्रदायिकता का कोई संबंध नही है |

Title:हैदराबाद में एक आपसी झगड़े को गणेश मूर्ति की स्थापना को लेकर हुये झगड़े का बता फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
