
सोशल मंचो पर अकसर पुराने वीडियो व तस्वीरों को वर्तमान में घट रही घटनाओं के साथ जोड़कर वायरल किया जाता रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी ऐसी कई खबरों का अनुसंधान किया है। सोशल मंचो पर कई समय पहले से एक वीडियो अलग-अलग दावों के साथ वायरल होता चला आ रहा है। वीडियो में आपको एक रेल्वे स्टेशन का प्लैटफोर्म देखेगा जिस पर बहुत बड़ी संख्या में लोग खड़े हुए नज़र आ रहे है। कुछ समय बाद एक ट्रेन प्लैटफोर्म पर आती हुई दिखायी दे रही है। वीडियो के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक वीडियो में दिख रहा दृष्य वर्तमान का है।
वायरल हो रहे वीडियो के शीर्षक में लिखा है,
“छठ पूजा बैन कर दी भीड़ होती है पटाखे बैन कर दिए प्रदूषण होता है लेकिन बाकी वह खुद जो जिम्मेदारी सरकार की है वहां चाहे कितनी भी भीड़ चाहे कितना भी प्रदूषण हो किसी को कुछ नहीं होता यह हालत बंगाल की लोकल ट्रेन की है यहां कोई कोरोना नहीं कुछ और नहीं।“
उपरोक्त वीडियो को सोशल मंचो पर 11 नवंबर 2020 का बता वायरल किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल वीडियो 2018 से है। इसका वर्तमान में हुई किसी भी घटना से कोई संबद्ध नहीं है।
जाँच की शुरूवात हमने इनवीड- वी वैरिफाइ टूल के माध्यम से की, जिसके परिणाम में हमें एक फेसबुक पेज मिला जिसमें वायरल हो रहा वीडियो प्रसारित किया हुआ था। उस वीडियो के शीर्षक में लिखा है,
रणघाट रेल्वे स्टेशन, आज सुबह 8:30 बजे कृष्णनगर बोनगाँव लोकल। श्रेय: अभिनंदन भट्टाचारजी।
इसके पश्चात हमने इससे सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया तो हमें इंटरनेट पर कई ऐसे यूट्यूब व फेसबुक पेज मिले जहाँ पर इस वीडियो को प्रसारित किया गया है।
इस वीडियो को एक आधिकारिक यूट्यूब चैनल ने 16 अक्टूबर 2018 को प्रसारित किया था। इस वीडियो के साथ दी गयी जानकारी में लिखा है,
“22 सितंबर, 2018 / राणाघाट, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ “यह कांस्टेबल पद के लिए नौकरी की परीक्षाओं के लिए इतनी भीड़ है।”
इसके पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने पश्चिम बंगाल पुलिस से उनके आधिकारिक फेसबुक अकाउंट के माध्यम से संपर्क किया तो उन्होंने हमने बताया कि वायरल हो रहा यह वीडियो सितंबर 2018 का है। इसके बाद उन्होंने स्पष्टीकरण के तौर पर हमें उनके द्वारा किये गये ट्वीट का लिंक भेजा जिसमें लिखा है कि,
वायरल हो रहा वीडियो पुराना है। इस वीडियो में पश्चिम बंगाल का राणघाट रेल्वे स्टेशन दिख रहा है। यह वीडियो 23 सितंबर 2018 का है। किसी परीक्षा के कारण स्टेशन पर उस दिन काफी भीड़ थी। गलत खबर फैलाने के चलते कानूनी कार्रवाई जारी है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि वीडियो के साथ किया जा रहा उपरोक्त दावा गलत है। वायरल हो रहा ये वीडियो 2018 का है। इसका वर्तमान में हुई किसी भी घटना से कोई संबद्ध नहीं है।

Title:पुराने वीडियो को वर्तमान बंगाल का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
