यह 16 साल पुराना है। इस अभी के उत्तर प्रदेश चुनाव और वर्तमान में यू.पी के राजिनीतिक माहौल से कोई संबन्ध नहीं है।

आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव के पृष्ठभूमि पर ब.स.पा प्रमुख मायावती का एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है। इसमें आप उनको कहते हुये सुन सकते है कि “कट्टरपंथी मुसलमान चुनाव न जीत जाये तो मैंने बोला बी.जे.पी को वोट ट्रास्फर कर दो। तो मेरठ के अंदर सुन कास्ट, बैकवर्ड क्लास और अपर कास्ट के वोट बी.जे.पी को हमने ट्रास्फर करा दिया। तो कही वो कट्टरपंथी चुनाव न जीत जाये।“

इस वीडियो को इस तरह से वायरल किया जा रहा है कि यह वर्तमान में चल रहे यूपी चुनाव का है।

वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है, “आज बहन जी ने सच बोल ही दीया। मुसलमान कट्टरपंथी हैं, चुनाव ना जीत जाए इसलिए मैने अपना वोट BJP को ट्रांसफर कर दिया। "मायावती"”

(शब्दश:)

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यह वीडियो इस दावे के साथ भी वायरल हो रहा है कि “मायावती ने बीएसपी को बीजेपी की B-टीम करार दिया इसलिए बीएसपी को वोट देकर अपना वोट खराब न करें।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरूआत हमने इस वीडियो को ध्यान से देखकर की। इसमें चैनल का नाम IBN7 लिखा हुआ है। आपको बता दें कि IBN7 चैनल का नाम 2006 में बदलकर नेटवर्क 18 कर दिया गया था। इसका मतलब यह है कि यह वीडियो 2006 के पहले का है। साथ ही वीडियो में तारीख 10 नवंबर है। आप नीचे दी गयी तस्वीर में यह देख सकते है।

फिर इस जानकारी को ध्यान में रखकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें 11 नवंबर 2006 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया का समाचार लेख मिला। उसमें बताया गया है कि 10 नवंबर 2006 को मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फरेंस में कहा था कि मुसलमान कट्टरपंथियों को पसंद करते है इसलिये ब.स.पा के कार्यकर्ताओं ने मेरठ, गाज़ियाबाद, आगरा और मुरादाबाद में भा.ज.पा के उम्मीद्वारों को समर्थन दिया था।

यह तब की बात है जब सितंबर 2006 में उत्तर प्रदेश में नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव हुये थे।

मायावती के इस बयान की वजह से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मेरठ, वाराणसी और भी कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया और मायावती के पुतले जलाये थे। उनका कहना था कि मुसलमानों को कट्टरपंथी कहकर मायावती ने समाज का अपमान किया है। दूसरी ओर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने भी मायावती के खिलाफ प्रदर्शन किया व उनके पुतले जलाये।

यह सब देखने के बाद मायावती ने बयान दिया था कि वे किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं।

11 नवंबर 2006 को हिंदुस्तान टाइम्स के लेख में बातया गया था कि राज्य में हर जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन को देख ब.स.पा की आपातकालीन मीटिंग बुलाई गयी और फिर दूसरी प्रेस कॉन्फरेंस आयोजित कर मायावती ने स्पष्ट किया था कि वे मुसलमानों को कट्टरपंथी नहीं कह रही थीं।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। इसमें मायावती ने दिया गया बयान 16 साल पुराना है। इतना पुराना वीडियो हालिया यूपी चुनाव के दौरान गलत संदर्भ के साथ वायरल हो रहा है।

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Title:क्या मायावती ने यूपी में मुसलमानों को हराने के लिये भाजपा को वोट देने के लिये कहा? जानिये सच

Fact Check By: Rashi Jain

Result: Missing Context