
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है, जिसमें वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ माँ सरस्वती के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हैं।
प्रशांत भूषण इस तस्वीर को शेयर कर लिखा कि द्रौपदी मुर्मू ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में मोहन भागवत से मुलाकात की। इसमें कोई संदेह नहीं कि मुर्मू सिर्फ एक रबर स्टैंप होंगी और स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाएंगी.
इस तस्वीर के जरिए द्रौपदी मुर्मू पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने गूगल पर द्रौपदी मुर्मू की मोहन भागवत के साथ मुलाकात की खबर ढुंढा। लेकिन वायरल खबर की पुष्टि करने वाली कोई आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट हमें नहीं मिली।
इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज करने पर पता चला कि यह दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गई है।
पहली तस्वीर गुजरात के कर्णावती में 11 मार्च 2020 को आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की है। मोहन भागवत द्वारा सभा का उद्घाटन करते समय की यह तस्वीर है।
ट्वीट की गई तस्वीर में मोहन हाथ जोड़कर फोटो के सामने खड़े नजर आ रहे हैं। लेकिन असली तस्वीर में मोहन भागवत के साथ द्रौपदी मुर्मू नहीं, बल्कि आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसाबोले नजर आ रहे हैं।
दूसरी तस्वीर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मिली। यह तस्वीर 29 दिसंबर 2020 को पोस्ट की गई थी।
कैप्शन के अनुसार झारखंड सरकार के लिए एक वर्ष पूरा होने पर, सोरेन ने झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से राजभवन में मुलाकात की थी।
हमने वायरल तस्वीर और हमें मिली तस्वीर का विश्लेषण किया। जिससे साफ होता है कि वायरल तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किय़ा जा रहा है।
हमने आरएसएस ऑफिस में संपर्क किया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की खबर झूठी है।

निष्कर्ष-
तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि द्रौपदी मुर्मू ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में मोहन भागवत से मुलाकात की खबर झूठी है। एडिट् तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Title:द्रौपदी मुर्मू और मोहन भागवत की एडिट की हुई तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल
Fact Check By: Saritadevi SamalResult: Altered
