सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी तेजी से फैलायी जा रही है, जिसमे एक बड़ी भीड़ को हथियार लेकर किसी प्रदर्शन के बीच देखा जा सकता है | इस तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि यह दृश्य केरल से है | पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “सोचिए इस तरह की भीड़ आपके इलाके सोसायटी कॉलोनी पर बिल्कुल ऐसे ही पहुंच जाएं तो आपके पास इन के स्वागत का इंतजाम की व्यवस्था है या नहीं यह दृश्य केरल का है |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

https://twitter.com/ANDHBHAKT_VASU/status/1281158195625422850

आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें ७ मई २०१३ को टाइम तुर्क द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली, जिसमें इस तस्वीर का उपयोग करते हुए लिखा गया है कि “बांग्लादेश में कल दोपहर शुरू हुई लड़ाई में १०० से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए | जैसा कि पहले योजना बनाई गई थी, कल सुबह की प्रार्थना के बाद सैकड़ों हजारों हिफाज़त-ए-असलम के सदस्यों द्वारा ढाका को अवरुद्ध कर दिया है | उन्होंने ढाका में प्रवेश करने के दरवाजों को बंद कर दिया है | कोई भी वाहन ढाका में प्रवेश करने या बाहर निकलने में सक्षम नहीं है | हिफ़ाज़त-ए इस्लाम ने बाद में ढाका में बेयुत मुल्करम मस्जिद के उत्तरी द्वार पर एक रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी |”

आर्काइव लिंक

बीबीसी के अनुसार, ६ मई २०१३ को आयोजित विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था और २६ लोगों की मौत हो गई व दर्जनों लोग घायल हो गए, ये तब हुआ जब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं |

तद्पश्चात हमने उपरोक्त ख़बरों से मदद लेते हुए गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से इस प्रदर्शन की दुसरे तस्वीरों को ढूँढा | जिसके परिणाम से हमें ५ मई २०१३ को अलामी पर इस प्रदर्शन के दुसरे एंगल से ली गयी तस्वीरें प्राप्त हुई | इस तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “बांग्लादेश के पोस्तागोला, ढाका के पास बांग्लादेश-चीन मैत्री पुल पर एक हेफाजत-ए इस्लाम रैली में शामिल होने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े, क्योंकि उन्होंने उन लोगों के लिए "अवरोध" का विरोध करने के लिए एक दिन का बंद बुलाया, जिन्होंने ढाका में एक हेफजत रैली में शामिल होने की कोशिश की थी |”

अलामी फोटो

अलामी फोटो

नीचे आप सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर और अलामी स्टॉक इमेज पर उपलब्ध तस्वीरों के बीच समानतायें देख सकते है जिससे यह स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर भारत के केरल से नहीं बल्कि २०१३ को बांग्लादेश के ढाका में हुए प्रदर्शन की है |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | २०१३ में बांग्लादेश के ढाका में हुई एक हिंसक विरोध प्रदर्शन की एक तस्वीर जिसमें लकड़ी के डंडे से लैस प्रदर्शनकारियों को देखा जा सकता है, को सोशल मीडिया पर केरल के नाम से फैलाया जा रहा है |

Avatar

Title:२०१३ को बांग्लादेश में हुये हिंसक विरोध की तस्वीर को केरल के नाम से फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False