इंटरनेट पर अकसर राजनेताओं से सम्बंधित कई गलत व भ्रामक वीडियो व तस्वीरें वायरल की जाती रही है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसे कई वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाई है। इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है। इस वीडियो में आप महिला को ये कहते हुये सुन सकते है कि, “यू.पी के मेरठ में बिजौली गांव में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक गली से गुजरने की कोशिश कर रहे थे तो एक बुजुर्ग ने उन्हें उस गली में जाने से रोका क्योंकि इस महामारी के दौरान अच्छी व्यवस्था नहीं होने से लोग सरकार से नाराज़ है।“

वायरल हो रहे वीडियो के शीर्षक में लिखा है,

मुख्यमंत्री का रास्ता रोक दिया बुज़ुर्ग ने जनपद मेरठ के बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी एक गली में खाट खड़ी कर जाने से रोक दिया मुख्यमंत्री जी के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी जी को वापस जाना पड़ा!!”

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इस वीडियो को इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत व भ्रामक है। मेरठ के बिजौली गांव में जिस गली में खाट खड़ी रखी थी वह केंटोनमेंट झोन था व इसलिए योगी आदित्यनाथ द्वार उस गली का बाहर से ही निरीक्षण किया गया । वहाँ के किसी भी बुजुर्ग ने उनका विरोध नहीं किया व उन्हें अंदर जाने ने नहीं रोका था।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की, परिणाम में हमें ऐसा कोई समाचार लेख नहीं मिला जो इस बात की पुष्टि करता हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेरठ के बिजौली गांव के दौरे के दौरान किसी बुजुर्ग द्वारा गली को खाट से बाधित कर उन्हें अपनी गली में आने से रोका, जिसकी वजह से उन्हें वापस जाना पड़ा।

इसके बाद हमने वायरल हो रहे वीडियो को बारीकी से देखा तो हमें उसमें लोग योगी आदित्यनाथ की जय जयकार करते हुये सुनाई देतें है व योगी आदित्यनाथ वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग को मास्क लगाने व अपना ध्यान रखने के लिये कह रहे है। वीडियो में हमने उस बुजुर्ग को कही भी योगी आदित्यनाथ का विरोध करते हुये नहीं देखा।

इसके पश्चात हमने गूगल पर इससे सम्बंधित और कीवर्ड सर्च किया तो हमें अमर उजाला द्वारा प्रकाशित किया हुआ समाचार लेख मिला, जिसमें लिखा है, योगी आदित्यनाथ ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुये मेरठ जिले का दौरा किया। उन्होंने वहाँ के कोविड सेंटर का निरीक्षण किया, इसके पश्चात उन्होंने पुलिस व्यवस्था व अस्पतालों का जायजा लिया फिर उन्होंने वहाँ मौजूद मीडियाकर्मियों से बातचीत की, इसके बाद मुख्यमंत्री खरखौदा के बिजौली गांव पहुंचे जहां उन्होंने कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर पहुंचकर उससे बात की। इसके बाद मुख्यमंत्री गांव के पी.एच.सी पहुंचे जहां उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कोरोना संक्रमण की व्यवस्थाओं के बारे में बात की।

अमर उजाला का यह समाचार लेख इस वर्ष 16 मई को प्रकाशित किया गया था।

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इसके पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने उत्तर प्रदेश में स्थित मेरठ के एस.एस.पी अजय कुमार साहनी के दफ्तर से संपर्क किया व इस सम्बन्ध में बात की, उन्होंने इस खबर को भ्रामक बताते हुये कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोरोना वायरस की स्थिति का जायजा लेने मेरठ दौरे पर आये थे, उसी दौरान उन्होंने बिजौली गांव में एक बुजुर्ग से भेंट की जो कोरोना संक्रमित था, उसके गली के आगे एक खाट लगी हुई थी क्योंकि वो कंटेंमेंट झोन था। मुख्यमंत्री जी ने उस बुजुर्ग से बाहर खड़े रह कर ही बात की। यह खबर सरासर गलत है कि बुजुर्ग ने उनका रास्ता रोका व उन्हें अंदर जाने नहीं दिया व इस वजह से मुख्यमंत्री जी को वापस लौटना पड़ा।

इसके बाद उन्होंने हमें यह भी बताया कि, “हमने इस मामले में जिस शख्स ने वीडियो बनाकर गलत दावे के साथ इंटरनेट पर पोस्ट किया था उसे पकड़ लिया है व वह शख्स बिजौली गांव का ही रहने वाला है। इस मामले में हमने उसके खिलाफ खरखौदा पुलिस थाने में एफ.आई.आर भी दर्ज की है।

तदनंतर हमें एस.एस.पी अजय कुमार साहनी के दफ्तर से इस मामले में दर्ज हुई एफ.आई.आर उपलब्ध करायी गयी है।

इस सन्दर्भ में हमें मेरठ पुलिस द्वारा किया गया एक स्पष्टीकरण ट्वीट भी मिला। उसमें भी यही लिखा है कि वायरल हो रही खबर गलत व भ्रामक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजौली गांव में कोरोना संक्रमित बुजुर्ग से बातचीत की और कंटेनमेंट जोन होने के कारण गली के बाहर खाट रखी गयी थी। यह ट्वीट इस वर्ष 17 मई को किया गया था।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत व भ्रामक है। मेरठ के बिजौली गांव में जिस गली में खाट खड़ी रखी थी वह केंटोनमेंट झोन था, योगी आदित्यनाथ ने गली के बाहर खड़े हो कोरोना संक्रमित बुजुर्ग से बातचीत की जिसके बाद वे उस गली से लौट, वहाँ के किसी भी बुजुर्ग ने उनका विरोध नहीं किया व ना ही विरोध स्वरूप उनके कहीं आने से रोका गया।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. लाहौर के एक बाज़ार में उमड़ी भीड़ को नई दिल्ली का बता वायरल किया जा रहा है।

२. स्पेन के समुद्री तूफ़ान के पुराने वीडियो को भारत में आये चक्रवात तौकते का बता फैलाया जा रहा है।

३. पुराने व असम्बंधित वीडियो के संकलन को वर्तमान पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के पलटवार का बता भ्रामकता फैलाई जा रही है।

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Title:उत्तरप्रदेश के बिजौली गांव में बुजुर्ग द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रास्ता रोकने की ख़बर गलत व भ्रामक है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False