वर्तमान में देश में कोरोना महामारी के चलते सोशल मंचों पर कई वीडियो व तस्वीरें गलत व भ्रामक दावों के साथ वायरल होती चली आ रही हैं। फैक्ट क्रेसेंडो ऐसे कई वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाता आ रहा है। ऐसे में एक वीडियो इंटरनेट पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि कोरोनावायरस परीक्षण और टीकाकरण करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को ग्रामीणों ने ग्राम से बाहर निकाल दिया गया था क्योंकि गावं वालों को भी समझ मे आ गया है कि टीकाकरण केवल एक धोखा है | वीडियो में हम एक भीड़ को पुलिस कर्मियों का पीछा करते हुए व उनपर पथराव करते हुए देख सकते है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

“भारत: ग्रामीणों ने कोरोनावायरस का परीक्षण और टीकाकरण करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का पीछा करते हुए | वे भी वैक्सीन के नाम पर चल रहे धोखाधड़ी को देख सकते हैं |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया है कि वीडियो के साथ कोरोनावायरस के टीकाकरण का कोई संबंध नही है | यह वीडियो पुलिस द्वारा झारखण्ड के एक गाँव में हो रहे मेले को रोकने के प्रयास में ग्रामीणों द्वारा उनपर किये गये हमले का है |

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई टूल की मदद से छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर व गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, परिणाम में हमें NDTV द्वारा प्रकाशित एक खबर प्राप्त हुई जिसमे हम वायरल हो रहा वीडियो भी देख सकते है | २३ अप्रैल २०२१ को प्रकाशित की गई खबर के अनुसार यह वीडियो झारखण्ड स्थित सरायकेला से है | रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय प्रशासन और पुलिस झारखंड के सरायकेला के बामनी गांव में कोरोनावायरस संकट के बीच आयोजित एक भीड़ भरे मेले को रोकने के लिए गए थे | मेले में सैकड़ों लोग एकत्र थे और अधिकारियों ने आयोजकों को मेले को रोकने के लिए मनाने की कोशिश की, पर ये कोशिश विफल हो गई, और ग्रामीणों ने उन्हें लाठी और पत्थरों से लैश होकर ग्राम से बहार खदेड़ दिया |

आर्काइव लिंक

इस खबर से संकेत लेते हुए फैक्ट क्रेसेंडो ने सरायकेला के एस.पी मोहम्मद अर्शी से संपर्क किया हमने ये जानने की कोशिश की कि क्या जिले में किसी स्वास्थ्य कर्मचारी या पुलिस अफसर पर वैक्सीन के कारण हमला किया गया | उन्होंने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर इस वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है | जिले में टीकाकरण अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों और पुलिस पर कोई हमला नही हुआ था | सरायकेला में कोरोनावायरस परीक्षण या टीकाकरण अभियान के दौरान इस तरह के किसी भी भीड़ द्वारा किये गये हमले की सूचना हमें नहीं मिली है | इसके अलावा, ये वीडियो टीकाकरण ड्राइव से संबंधित नहीं है | यह मामला तब हुआ जब हमारे अधिकारियों ने एक मेले को रोकने की कोशिश की, जहां सैकड़ों स्थानीय लोग कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए एकत्र हुए थे | जब पुलिस ने मेले को रोकने की कोशिश कि तब लोगों ने इस बात का विरोध किया परंतु बाद में स्थिति को नियंत्रण में लाया गया | इस घटना के चलते हमने 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया है |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त वीडियो के साथ किये गये दावों को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का कोरोनावायरस के टीकाकरण से कोई संबंध नही है |

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Title:झारखण्ड में पुलिस व ग्रामीणों के बीच हुई एक झड़प को कोरोना टीकाकरण से जोड़ फैलाया जा रहा है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False