जबलपुर में हुई पुलिस की लाठीचार्ज के वीडियो को बनारस का बता गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Communal False

यह वीडियो मध्य प्रदेश के जबलपुर का है। ईद-ए-मिलाद उन नबी दिन शहर में लगी धारा 144 का उल्लंघन करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। 

इन दिनों सोशल मंचों पर एक वीडियो काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है। उसमें आप काफी बड़ी संख्या में पुलिस को रास्ते पर तैनात देख सकते है। वे लोगों पर लाठीचार्ज करने हुये नज़र आ रहे है। इसके साथ दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश के बनारस का है। वहाँ रास्ते पर लोग नमाज़ पढ़ रहे थे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दावे में इस प्रकरण के लिये योगी सरकार का धन्यवाद भी किया जा रहा है।

वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है, “बनारस में रोड पर नमाज पढ़ने का अंजाम देख लो ,क्या ये और किसी के राज में सम्भव है। धन्यवाद योगी जी का।“

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https://twitter.com/Sanni40529080/status/1480019206955433985

अनुसंधान से पता चलता है कि…

इस वीडियो को ध्यान से देखकर व उसके साथ किये गये दावे को ध्यान में रखकर हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया। परिणाम में हमें क्विंट हिंदी के चैनल पर एक वीडियो पिछले साल 19 अक्टूबर को प्रसारित किया हुआ मिला। इसके साथ दी गयी जानकारी में लिखा है, मध्य प्रदेश के धार, जबलपुर और बड़वानी में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दिन बिना अनुमति के रोड़ पर जुलूस निकाला गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन और मुस्लिम लोगों में झड़प हुई। नतीजन पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया।

आर्काइव लिंक

इस वीडियो को देखने पर हमने पाया कि इसमें कई ऐसे दृश्य है जो वायरल हो रहे वीडियो से मिलते- जुलते है।

इस वीडियो में दी गयी जानकारी के अनुसार ये तस्वीरें जबलपुर की है। इसमें यह भी लिखा हुई है कि जबलपुर में तय रास्ते से भटकने पर पुलिस ने जुलूस को रोका तो भीड़ ने उनपर जलते हुये पटाखें फेंके।

इससे हमें समझ आया कि वायरल वीडियो जबलपुर का है।

फिर फैक्ट क्रेसेंडो ने उपर दिख रही तस्वीर में एस दीन टेलर्स नामक दुकान की खोज कीवर्ड सर्च कर की। हमें गूगल पर इस दुकान के मालिक का नंबर मिला। फिर हमने उनसे संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि, “यह वीडियो पुराना है। पिछले वर्ष 19 अक्टूबर को जबलपुर में ईद- ए-मिलाद उन नबी के दिन जूलुस निकाला गया था। उसमें शामिल लोगों ने पटाखें जलाये थे व उनमें से कुछ वहाँ तैनात पुलिस पर गिरे। इसको लेकर भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गयी। भीड़ को शांत करने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस वीडियो में हमारी दुकान भी दिख रही है, जो कि जबलपुर के गोहलपुर इलाके में स्थित है। तो हम कह दावे के साथ कह सकते है कि ये वीडियो जबलपुर का है, उत्तर प्रदेश का नहीं। यहाँ सड़क पर नमाज़ नहीं पढ़ी जा रही थी, केवल जुलूस निकाला गया था।

आगे बढ़ते हुये हमने इस बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश की। 19 अक्टूबर 2021 को  ई.टी.वी भारत ने अपने समाचार लेख में इस बारें में जानकारी दी है। उसमें लिखा है कि जबलपुर में ईद-ए-मिलाद उन नबी के त्यौहार के दिन गोहलपुर थाना क्षेत्र के मछली मार्केट में जुलूस में शामिल भीड़ ने धारा 144 का उल्लंघन किया। वहाँ लोगों की भीड़ जमा हुई व डी.जे बजाया गया। जैसे ही पुलिस को इसकी खबर मिली उन्होंने वहाँ पहुंचकर डी.जे बन करवाने की कोशिश की। उस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव किया व इसके बाद दोनों में झड़प हो गयी। पुलिस को भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिये लाठीचार्ज करनी पड़ी व आशु गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

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फिर फैक्ट क्रेसेंडो इस बारे में जबलपुर के गोहलपुर क्षेत्र के टी.आईअरवींद चौबे से संपर्क किया। उनसे सारे सबूतों कि पुष्टि की। उन्होंने हमें बताया कि “यह वीडियो जबलपुर का ही है। ईद-ए-मिलाद उन नबी के दिन लोगों ने जूलुस निकाला था व उसमें लोगों व पुलिस के बीच झड़प हो गयी थी, ये उसी का वीडियो है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। इस वीडियो में घट रही घटना मध्य प्रदेश के जबलपुर की है। पिछले वर्ष ईद-ए-मिलाद उन नबी के दिन लोगों ने जुलूस निकाला व धारा 144 का उल्लंघन किया। इस लिये पुलिस ने लोगों पर लाठी भांजी।

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Title:जबलपुर में हुई पुलिस की लाठीचार्ज के वीडियो को बनारस का बता गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False