
बच्चों के शवों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि बच्चों के शव तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर में मिले है। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि बच्चों के अंग चोरी करने के लिए उनका मारा गया।
इस पोस्ट को हमारे फैक्ट चेक नंबर(9049053770) पर शेयर करके हमसे तस्वीर की सत्यता के बारे में पूछा गया।
वायरल पोस्ट फेसबुक पर शेयर कर लिखा गया है – तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर से बच्चे के लाश मिली.
अनुसंधान से पता चलता है कि…
रिवर्स इमेज करने पर एक रिपोर्ट मिली जिसमें यह बताया गया है कि यह तस्वीर सीरिया में 21 अगस्त 2013 को हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों की है।

इसके बाद हमने इंटरनेट पर सीरिया के इस रासायनिक हमले के बारे में सर्च किया तो हमें ऐसी बहुत सारी मीडिया रिपोर्टस मिलीं, जिससे साफ है कि तस्वीर भारत की नहीं बल्कि सीरिया की है।
इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यूएस गवर्नमेंट के शुरुआती जांच के अनुसार, इस हमले में करीब 426 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि सीरिया में मेन अपोजिशन गठबंधन ने कहा था कि कुल 1300 से ज्यादा लोगों की इस हमले में जान गई है।
द इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उस समय आरोप लगाए गए थे कि यह हमला सरकारी बलों द्वारा किया गया था, जिसे सीरिया सरकार ने खारिज किया था और विपक्षी समूहों को दोषी ठहराया था।
हमें वायरल तस्वीर अन्य खबरों में भी मिलीं, जो अलग-अलग एंगल से ली गई है, लेकिन एक ही कमरे की थीं, जिसमें इन बच्चों के शव देखे जा सकते हैं।
वायरल तस्वीर सीएनएन के यूट्यूब चैनल पर मिली। वायरल हो रही तस्वीर को वीडियो के 1 मिनट 28 सेकेंड में देखा जा सकता है।
वहीं अमेरिकन वेबसाइट स्नोप्स ने 2016 में इस तस्वीर की जांच की थी, जब इसे थाईलैंड में अंग तस्करी के झूठे दावे के साथ साझा किया जा रहा था।
तमिलनाडु पुलिस को एक कंटेनर से बच्चे के लाश मिलने की खबर हमने गूगल पर सर्च किया लेकिन हमें इस तरह की कोई खबर प्रकाशित हुई नहीं मिली। वायरल खबर फर्जी है।
निष्कर्ष-
तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि तमिलनाडु में बच्चों के शवों को कंटेनर से बरामद करने वाला दावा फर्जी है। यह विडियो सीरिया में साल 2013 में हुए रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों का है।

Title:सीरिया में हुए कैमिकल अटैक की तस्वीर तमिलनाडु में बच्चों के अंग चुराने के दावे से वायरल
Fact Check By: Saritadevi SamalResult: False
