यह तस्वीर 1978 में हुये अमृतसर हिंसा में मरे लोगों के अंतिम संस्कार की है। इसका शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु से कोई संबन्ध नहीं है।

शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के अंतिम संस्कार की तस्वीर बोलकर एक फोटो वायरल हो रहा है।
इसके साथ यूज़र ने लिखा है,“23 मार्च 1931 बलिदानी सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के अंतिम संस्कार की दुर्लभ तस्वीर कोटिशः नमन। विनम्र श्रद्धांजलि।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने इस तस्वीर की जाँच गूगल रिवर्स इमेज सर्च कर की। हमें यही तस्वीर Panthic नामक एक वेबसाइट पर प्रकाशित की हुई मिली। इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह तस्वीर वर्ष 1978 में अमृतसर में हुए अंतिम संस्कार की है।
यही तस्वीर Babushahi.com, The Shaheeds of Amritsar, Discoversikhism.com पर प्रकाशित की हुई मिली।

13 अप्रैल 1978 को संत निरंकारी मिशन और पारंपरिक सिखों के बीच हिंसा हुई थी। जिसमें सोलह लोगों की मौत हुई थी। उनमें से तेरह पारंपरिक सिख थे और तीन संत निरंकारी मिशन के लोग थे।
अमृतसर में अखण्ड कीर्तनी जत्था अपना वार्षिक वैसाखी समागम आयोजित करने के लिये एकत्रित हुआ था। तभी उन्हें यह संदेश मिला कि नाकली निरंकारी गुरबचन सिंह के अनुयायी अमृतसर में जुलूस निकाल रहे थे और सतगुरु के खिलाफ नारे लगा रहे थे और सिख धर्म का अपमान कर रहे थे।
इसके बाद पारंपरिक सिख संत निरंकारी मिशन के लोगों के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे और दोनों गुटों के बीच हिंसा हो गयी। इस घटना में मारे गये लोगों का अंतिम संस्कार 15 अप्रैल 1978 को लगभग पच्चीस से तीस हजार लोगों की भीड़ के सामने गुरुद्वारा रामसर साहिब के बाहर हुआ।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। यह शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के अंतिम संस्कार की तस्वीर नहीं है। वे 1931 में शहीद हुये थे और यह तस्वीर 1978 में हुये अमृतसर हिंसा की तस्वीर है।

Title:वायरल हो रही तस्वीर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के अंतिम संस्कार की तस्वीर नहीं है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
