सपा समर्थकों पर लाठीचार्ज के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो 2020 का है, जिसे हाल की घटना बता कर भ्रामक दावा पेश किया जा रहा है।

इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसमें कुछ पुलिस कर्मियों को कुछ लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में जमीन पर कुछ लोग उठते बैठते दिखाई देते हैं। इस बीच पुलिस उन पर लाठीचार्ज करती है और उनके चिल्लाने की आवाज़ सुनाई देती है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह हाल का वीडियो है, जहां पर नमाज़वादियों पर यूपी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। वहीं वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है…
नामजवादियों की कुटाई जिन्हें रंग से दिक्कत थी बाबा जी की पुलिस उन्हें अब बिना रंग के लाल कर रही है..!!
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो से की-फ्रेम्स को लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट यूपी तक के यूट्यूब चैनल पर मिली। यहां पर वीडियो को 7 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था। इसके साथ दी गई जानकारी के अनुसार, ‘लखनऊ में NEET-JEE की परीक्षा को स्थगित करने को लेकर बवाल हुआ था, जिसमें समाजवादी पार्टी की छात्र सभा के सैकड़ों कार्यकर्ता गवर्नर हाउस के सामने इकट्ठा हो गए थें बैनर-पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थें।
सर्च करने पर हमें दावे से सम्बंधित एक रिपोर्ट नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी मिली। 27 अगस्त 2020 की इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले हिस्से को भी शेयर किया गया है। जबकि खबर के अनुसार, ‘लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। JEE और NEET परीक्षा टालने की मांग करते हुए एसपी कार्यकर्ता राज भवन के पास इकट्ठा हुए थे। तभी पुलिस की कार्यकर्ताओं से भिड़ंत हो गई थी। पुलिस ने लाठियां बरसाते हुए उन्हें वहां से हटा दिया गया था। इस घटना में कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था। इस घटना पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पुलिस की कार्रवाई को निर्मम और निंदनीय करार दिया था।
खोज करने के दौरान हमें वायरल पोस्ट का खंडन यूपी पुलिस के फैक्ट चेक एक्स हैंडल पर भी शेयर किया हुआ मिला। इसमें स्पष्ट किया गया है कि, ‘यह वीडियो सन 2020 में JEE और NEET की परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर कानून व्यवस्था प्रभावित करने वाले व्यक्तियों पर पुलिस द्वारा किए गए आवश्यक बल प्रयोग का है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं’। इसलिए स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो हाल का नहीं बल्कि पुराना वीडियो है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से पता चलता है कि वायरल वीडियो हालिया नहीं है बल्कि साल 2020 का वीडियो है। यह उस समय का वीडियो है जब लखनऊ में NEET-JEE की परीक्षा को स्थगित करने को लेकर सपा की छात्र सभा के सैकड़ों कार्यकर्ता गवर्नर हाउस के सामने इकट्ठा हो गए थे, और उस समय पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। उसी वीडियो को अभी का बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

Title:लखनऊ में हुए एक पुराने लाठीचार्ज का वीडियो, सपा समर्थकों से जोड़ कर हाल की घटना के रूप में वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: Missing Context
