मलमूत्र बहाने के लिए खोदी गयी नाली के घटना को सांप्रदायिक दावे के साथ किया वायरल

Communal False

रानीखेत के एसएचओ ने स्पष्ट किया कि वीडियो में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है, और न ही ये शख्स बांग्लादेशी है। विरोधी और आरोपी एक ही समुदाय के हैं। मलमुत्र बहाने के लिए शख्स ने नाली खोली थी जिसके विरोध में पड़ोसी ने ये वीडियो बनाया था।

सोशल मीडिया पर 2 मिनट 20 सेकेंड का वीडियो वायरल हो रहा है , जिसमें एक मुस्लिम शख्स को खुदाई करते देखा जा सकता है। वायरल वीडियो के साथ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम जबरदस्ती सरकारी जमीन कब्जा कर रहे हैं। और साफ पानी में गटर का पानी मिला रहे हैं। इसका विरोध हिंदुओं ने किया तो मुसलमान जान से मारने की धमकी दे रहा है।

वायरल वीडियो में जब वीडियो बनाने वाला मुस्लिम शख्स को रोकता है तो जवाब में वह मुस्लिम व्यक्ति किसी से भी न डरने और जा कर शिकायत कर देने का ताव देता है। उसने उलटे शिकायत करने गए व्यक्ति को गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए कहा, “तू है कौन ? तेरे बाप की जमीन है?” वह बाकी लोगों को बुला कर लाने का भी ताव देता है। 

वायरल वीडियो को साथ यूजर्स ने लिखा है- उत्तराखंड की खूबसूरत वादी रानीखेत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानो का सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने की हिम्मत देखिये, स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो गाली गलौच और जान से मारने की धमकी, साफ पानी में गटर का पानी मिला रहा है ये मुसलमान।

ट्विटरआर्काइव 

वहीं अन्य एक यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है- *हिंदुओ की पवित्र और सुंदर देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरत वादी रानीखेत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानो का सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने की हिम्मत देखिये, स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो गाली गलौच और जान से मारने की धमकी, आम आदमी के पीने के साफ पानी में गटर…

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए अलग-अलग कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर वायरल वीडियो से जुड़े खबर ढूंढने की कोशिश की। परिणाम में हमें हरिनायक पेज पर प्रकाशित खबर मिली। 22 अपेरल को प्रकाशित खबर के मुताबिक यह मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सैनिक क्षेत्र में बनी अस्थाई बस्ती का है। 

सैनिक क्षेत्र कैंटोमेंट बोर्ड के पास मुस्लिम समाज के कुछ लोग रह रहे हैं। नदी में गंदगी के साथ मल-मूत्र बहाने का आरोप में स्थानीय शख्स ने वीडियो बानाई थी। वीडियो में दिख रहे शख्स पर आरोप था कि नदी में गंदे पानी जबर दस्ती बहा रहा था। स्थानीय व्यक्ति ने उसे रोका तो उसने सरकारी जमीन का हवाला दिया।

वीडियो वायरल होते ही अल्मोड़ा पुलिस ने शुक्रवार यानी 21 अप्रैल, 2023  को अपने एक ट्वीट में बताया कि नाली को पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है और संबंधित आरोपित पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। 

https://twitter.com/uttarakhandcops/status/1648915478205861888

वहीं खबर के मुताबिक कुछ नेटीजेंस उत्तराखंड पुलिस के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इस जुर्माने को छोटी सज़ा बताई। इसके बाद अगले दिन 22 अप्रैल 2023  को अल्मोड़ा पुलिस ने आरोपित पर FIR दर्ज कर के कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी है।

घटना में कोई सांप्रदायक कोण नहीं, ना ही कोई बांगलादिशी है – एसएचओ नासिर हुसैन

वायरल वीडियो की स्पष्टीकरण के लिए हमने रानीखेत के एसएचओ नासिर हुसैन से संपर्क करने पर उन्हौंने हमें स्पष्ट किया कि घटना में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है। वीडियो में दिख रहा शख्स और वीडियो बना रहा शख्स एक ही समुदाय के हैं। सूचना मिलते ही शिकायत की गई शख्स के खिलाफ कार्यवाही की गई है। संबंधित आरोपित पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। 

दरअसल वीडियो बनाने वाला शख्स किराएदार अब्दुल नाम है और वीडियो में दिख रहा उसका पडोसी कराम तउल्ला(ताता) है। अब्दुल नसीम सराना गार्डन में अब्दुल स्लाम के मकान पर किराएदार के तौर पर रहता है। घटना 14 अप्रैल का है। कराम तउल्ला उस दिन अपनी गटर का पानी खुले में मल मूत्र का नाली बनाकर आर्मी की जमीन पर बहा रहा था, जिसके बगल में पानी का धार है। इस पानी के धार से गर्मी के दिनों लोग और पशु वहां से पानी पीते हैं। और इस गन्दे पानी से बीमारी फैल सकती है। इसको लेकर अब्दुल नसीम ने विरोध करते हुए वीडियो बनाया था। जिसके बाद कराम तउल्ला उर्फ ताता ने उसे और उसकी पत्नी शबनम से गाली गलोज किया था। 

कराम तउल्ला के खिलाफ अब्दुल नसीम ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस द्वारा खुदाई की गई नाली को पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है। घटना में कोई बांग्लादेशी या फिर सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वायरल दावा झूठ है।

उन्होंने हमारे साथ एफआईआर की कॉपी साझा किया है। जिसके नीचे देखा जा सकता है।

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निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो में कोई सामप्रदाक एंगल नहीं है। वीडियो बनाने वाला शख्स औऱ वीडियो में दिख रहा शख्स दोनो एक ही समुदाय के हैं। घटना में कोई बांगलादेशी नहीं है।

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Title:मलमूत्र बहाने के लिए खोदी गयी नाली के घटना को सांप्रदायिक दावे के साथ किया वायरल

Fact Check By: Sarita Samal 

Result: False