१९ जून २०१९ को “सुवर्ण मेघ” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक विडियो पोस्ट किया | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “प्रकृति सर्वशक्तिमान है ! ९ जून २०१९ को इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा में माउंट सिनाबंग में ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान आसमान में ७ किलोमीटर की ऊंचाई तक मोटी राख का ढेर फेका | ज्वालामुखी के आस-पास रहने वाले निवासियों से आग्रह किया गया था कि राख की बारिश होने पर मास्क का उपयोग किया जाए और नदियों के किनारे रहने वालों को बारिश के दौरान ठंडे लावा बाढ़ की चेतावनी दी गई थी | किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी | ११ जून २०१९ |”

इस विडियो में हम एक समुद्र के तल से ज्वालामुखी को विस्फोट होते हुए देख सकते है | इस विस्फोट के कारण हम घरों पर भरी मात्रा में राख की परत भी देख सकते है | इस विडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि ९ जून २०१९ को इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा में माउंट सिनाबंग में ज्वालामुखी के विस्फोट को दर्शाता है | यह विडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है व तेजी से साझा किया जा रहा है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव विडियो

क्या वास्तव में यह विडियो ९ जून २०१९ को इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा के माउंट सिनाबंग में हुए ज्वालामुखी के विस्फोट का है? हमने इस विडियो की सच्चाई जानने की कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि...

जांच की शुरुआत हमने इस विडियो को इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए छोटे कीफ्रेम्स में तोडा | इन कीफ्रेम को हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया | परिणाम से हमें ११ अक्टूबर २०१७ को एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित खबर मिली | खबर के अनुसार एक ऑस्ट्रेलियाई भूविज्ञानीक और उत्पादकों की एक टीम ने "न्यूजीलैंड के ऑकलैंड के तट पर सुमद्र सतह के नीचे एक विशाल ज्वालामुखी विस्फोट का एक वीडियो सिमुलेशन बनाया, यह दिखाने के लिए कि वह कितने विनाशकारी हो सकते हैं" | सिमुलेशन कोई स्थिति या प्रक्रिया की नकल है | वीडियो के निर्माताओं ने कहा: "यह अनुमानित अनुक्रम एक निर्मित सेट में ऑकलैंड के लाउंज रूम के एक खिड़की से दृश्य को अनुकरण करने के लिए डिज़ाइन किया गया था |

एक्सप्रेस | आर्काइव लिंक

१२ अक्टूबर २०१७ को इस वीडियो को ऑकलैंड वॉर मेमोरियल म्यूजियम नाम के एक यू-ट्यूब चैनल द्वारा अपलोड किया गया था | विडियो के विवरण में लिखा गया है कि यह एक शैक्षिक सिमुलेशन है, जो ज्वालामुखी के विस्फोट को ऑकलैंड संग्रहालय ज्वालामुखी गैलरी में चित्रित किया गया है |

दुसरे की फ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें परिणाम से द सन नामक एक वेबसाइट पर प्रकाशित खबर मिली | खबर के कहा गया है कि वीडियो वास्तव में एक सिमुलेशन है जिसे २०१७ में विक्टोरिया विश्वविद्यालय में किए गए एक संशोधन प्रकल्प के रूप में बनाया गया था |

द सन | आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने गूगल सर्च के माध्यम से यह ढूँढा कि क्या इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा में माउंट सिनाबंग में ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ | परिणाम से हमें द गार्डियन द्वारा प्रसारित यू-ट्यूब विडियो मिला | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि इंडोनेशिया के माउंट सिनाबंग में विस्फोट के दौरान विशाल परिमाण से राख आसमान की तरफ उछली | विवरण में लिखा गया है कि ९ जून २०१९ को विस्फोट के दौरान आकाश में राख की धारा ७ किलोमीटर ऊँची थी |

हमें १० जून २०१९ को इंडिपेंडेंट द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार माउंट सिनाबंग ने रविवार को नौ मिनट के लिए ज्वालामुखी से निकला राख का धुआं आसमान में बहुत ऊँचा गया, जिससे द्वीप के निवासियों में दहशत फैल गई |

इंडिपेंडेंट | आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह स्पष्ट है कि पानी के नीचे के ज्वालामुखी विस्फोट को दिखाने वाले वायरल वीडियो का इंडोनेशियाई विस्फोट से कोई लेना-देना नहीं है | वायरल विडियो २०१७ को ऑकलैंड में किया गया एक सिमुलेशन है |

Avatar

Title:क्या यह विडियो इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा में माउंट सिनाबंग में हुए ज्वालामुखी के विस्फोट का है?

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False