देशभर में कोरोना की दूसरी लहर के चलते कोरोना संक्रमितों की संख्या पूरे देश में काफी तेज़ी से बढ़ रही हैं, इस दूसरी लहर में कोरोना से मृत होने वाले लोगों की भी संख्या में भी काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है, और आये दिन ख़बरों में मृत शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाइन में घंटों लगे हुए देखा जा सकता है। इस महामारी के दौर में सोशल मंचों पर कई भ्रामक व गलत जानकारी वाले वीडियो, तस्वीरें व पोस्ट भी साझा किये जा रहें है, जिनमें कोरोना से सम्बंधित गलत जानकारियां इन मंचों पर साझा की जा रहीं हैं, इन्हीं सब के बीच एक खबर इंटरनेट पर काफी वायरल होती दिख रही है जिसका दावा है कि राजस्थान सरकार द्वारा जारी एक सर्कुलर के मुताबिक अंतिम संस्कार के लिए 4 दिन पहले एस.डी.एम को सूचना देना अनिवार्य है।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

राजस्थान सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि अंतिम संस्कार के लिए 4 दिन पहले एसडीएम को सूचना देना अनिवार्य है। लगता है कोरोना के साथ साथ राजस्थान में पागलपन की लहर भी चल रही है।“

आपको बता दें कि इस खबर के साथ एक समाचार लेख की भी तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें यह दावा लिखा हुआ है।

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इस दावे को इंटरनेट पर काफी तेज़ से साझा किया जा रहा है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है। राजस्थान सरकार द्वारा जारी किये गये कोविड के दिशानिर्देशों में ऐसी कोई सूचना नहीं दी गयी है।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर किया, परिणाम में हमें ऐसा कोई समाचार लेख नहीं मिला जो इस बात की पुष्टि करता तो कि राजस्थान सरकार द्वारा जारी एक सर्कुलर के मुताबिक अंतिम संस्कार के लिए 4 दिन पहले एस.डी.एम को सूचना देना अनिवार्य है।

इसके बाद हमने वायरल हो रहे दावे के साथ वायरल हो रहे समाचार लेख की तस्वीर को गौर से देखा तो हमें ऊपर की ओर दैनिक भास्कर लिखा हुआ दिखा। इसको ध्यान में रखकर हमें गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित किया गया लेख मिला। उस लेख को हमने खंगाला तो वहाँ हमें वायरल हो रही तस्वीर में लाल घेरे के अंदर लिखी हुई सूचना नहीं दिखायी दी।

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तदनंतर हमने राजस्थान सरकार के आधिकारिक वैबसाइट पर उनके द्वारा जारी किये गये कोविड के दिशा निर्देशों की खोज की व उन्हें ठीक से पढ़ा, परंतु वहाँ भी हमें वायरल हो रहे दावे में दी गयी सूचना लिखी हुई नहीं मिली। मूल सर्क्युलर में लिखा है कि अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे लोगों को फेस मास्क पहनना, सामाजिक दूरी व थर्मल स्केनिंग करना अनिवार्य है व हेंडवॉश और सेनेटाईजर का इस्तेमाल करना भी अनिवार्य है। सर्क्यूलर में ये भी लिखा है कि अतिंम संस्कार में 20 से अधिक लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं है।

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तत्पश्चात उपरोक्त दावे के सन्दर्भ में अधिक जानकारी पाने व उसकी सच्चाई जानने के लिए फैक्ट क्रेसेंडो ने राजस्थान के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के संयुक्त निदेशक गोविंद पारीक से संपर्क किया, उनके द्वारा हमें बताया गया कि, “वायरल हो रहा दावा सरासर गलत है। ये बात संभव नहीं है कि चार दिन पहले अंतिम संस्कार की सूचना दी जाये। राजस्थान सरकार ने ऐसा किसी भी संर्क्यूलर में नहीं लिखा है।“

इसके पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के दफ्तर में संयुक्त सचिव शाहीन अली खान से संपर्क किया, उन्होंने भी इस दावे को गलत बताया व कहा कि, “वायरल हो रहा दावा बिलकुल फर्जी है। राजस्थान सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों में अंतिम संस्कार के चार दिन पहले एस.डी.एम को सूचना देना अनिवार्य है, इस प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गयी है।“

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत है| राजस्थान सरकार द्वारा जारी किये गये कोविड के दिशा निर्देशों में ऐसी कोई सूचना नहीं दी गयी है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. हरियाणा के करनाल में हुई एक वैब सीरिज़ की शूटिंग के वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

२. टाइल फैक्टरी में सामान्य बीमार मजदूरों के इलाज के वीडियो को महाराष्ट्र में करोना की भयावह स्थिति का बता वायरल किया जा रहा है।

३. किसानों द्वारा भाजपा विधायक अरुण नारंग की पिटाई के वीडियो को शिया नेता वसीम रिजवी का बताया जा रहा है|

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Title:राजस्थान सरकार के नाम से अंतिम संस्कार को लेकर जारी सर्कुलर फर्जी है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False