
हालही में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सोशल मंचो पर कई तस्वीरें व वीडियो वायरल होते चले आ रहे है। फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी किसान आंदोलन से जुड़े ऐसे कई गलत दावों का अनुसंधान कर उनकी सच्चाई आप तक पहुंचाई है। वर्तमान में एक तस्वीर इंटरनेट काफी चर्चा में है, तस्वीर में आपको काले कपड़े का एक बैनर दिखेगा जिस पर लिखा है, “न मोदी, न योगी, न जय श्रीराम, देश पर राज करेगा मज़दूर- किसान।“ तस्वीर के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक यह तस्वीर वर्तमान में चल रहे किसान बिल के विरोध में हो रहे आंदोलन से है।
वायरल पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
“बात किसान बिल और किसानों के मुद्दों को लेकर शुरू हुई और कहाँ पहुँच गयी। किसान आंदोलन की आड़ में ये सब हो रहा है। “
इस तस्वीर को सोशल मंचो पर काफी वायरल किया गया है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही तस्वीर 2018 में ए.आई.के.एस.सी.सी द्वारा आयोजित किसान मुक्ति मार्च से है। इस तस्वीर का वर्तमान में किसान बिल के खिलाफ हो रहे आंदोलन से कोई संबन्ध नहीं है।
जाँच की शुरूवात हमने वायरल हो रही तस्वीर में लिखे हुए शीर्षक को कीवर्ड सर्च के माध्यम से खोजने की कोशिश की तो परिणाम में हमें नवजीवन का एक समाचार लेख मिला जो 30 नवंबर 2018 को प्रकाशित किया गया था। उस समाचार लेख में कई तस्वीरें प्रकाशित की गयी है और उनमें वायरल हो रही तस्वीर भी प्रकाशित की गयी है। समाचार लेख के मुताबिक, 2018 में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति (ए.आई.के.एस.सी.सी) के नेतृत्व में देश भर से किसान आंदोलन के तहत पहुँचे। किसानों ने फसल की कीमत और कर्ज़ माफी की मांग को लेकर किसान मुक्ति मार्च किया था।
इसके पश्चात हमने कीवर्ड सर्च के माध्यम से उपरोक्त तस्वीर के संबन्ध में और अधिक जानकारी हासिल करने की कोशिश की। हमें ऐसे कई समाचार लेख मिले जो नवंबर 2018 में हुए किसान आंदोलन के विषय में जानकारी दे रहे है। समाचार लेखों के मुताबिक
नवंबर 2018 में देश के कई राज्यों से जैसे पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तसगड़, तमिल नाडू, पश्चिम बंगाल, उडिसा से हज़ारों की तादाद में किसान दिल्ली में इकट्ठा हुए थे। हाथों में लाल झंडा व बैनर लिए किसान पूर्व दिल्ली के इंद्रप्रस्थ पार्क से मार्च करते हुए मध्य दिल्ली में स्थित राम लीला मैदान पहुँचे। किसानों ने उस दौरान सरकार के सामने अपनी मांगे रखते हुए किसान मुक्ति मार्च किया था।
तदनंदर अधिक जाँच करने पर हमें द प्रिंट द्वारा यूट्यूब पर २९ नवंबर २०१८ को अपलोड किया एक वीडियो मिला जिसके शीर्षक में लिखा है “रामलीला मैदान की तरफ हज़ारों किसानों का मार्च।”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे को गलत पाया है। वायरल हो रही तस्वीर 2018 में हुए किसान मुक्ति मार्च से सम्बंधित है। इस तस्वीर का वर्तमान में किसान बिल के खिलाफ हो रहे आंदोलनों से कोई संबन्ध नहीं है।

Title:2018 में हुये किसान मुक्ति मार्च से जुड़ी तस्वीर को वर्तमान किसान बिल के खिलाफ हो रहे आंदोलन का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
