पिछले वर्ष बांगलादेश के चटगांव में एक महिला पर हुये हमले को वर्तमान बंगाल हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Coronavirus False

पश्चिम बंगाल में हुये चुनाव व उनके परिणामों के आने के बाद वहाँ कथित तौर पर हो रही हिंसा से जुडे वीडियो व तस्वीरें इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहे हैं। ऐसी कई तस्वीरें व वीडियो गलत दावों के साथ साझा किये जा रहे है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसी कई खबरों का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाई है, वर्तमान में एक जख्मी महिला की तस्वीर को सोशल मंचों पर इस दावे के साथ वायरल किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद महिला इस महिला से मारपीट की गई है।

वायरल हो रही तस्वीर के शीर्षक में लिखा है,

 आबरू लूट गयीं बंगाल की क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है। धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही है।“

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फेसबुक |आर्काइव लिंक

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही पश्चिम बंगाल से नहीं बल्की बांगलादेश के चटगांव की है। तस्वीर में दिख रही महिला पर कुछ लोगों ने उनकी पैतृक संपत्ति को लेकर हमला किया था।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रीवर्स इमेज सर्च कर की, परिणाम में हमें बांग्लादेश हिंदू रक्षा परिषद नामक एक फेसबुक पेज पर यही तस्वीर 4 नवंबर 2020 को प्रकाशित की हुई मिली। इस फेसबुक पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, “मुझे हिंदू यातना के लिए न्याय चाहिएचटगांव जिले के हत्ज़ारी थाने में अमन बाज़ार के पूर्व की ओर युगीर हाट में ज़मीन हड़पने वाले गरीब हिन्दू परिवारों पर हमला कर रहे हैं और ज़मीन जब्त कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों द्वारा राज्य को और कितने सताए जाएंगे?”

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इसके पश्चात उपरोक्त फेसबुक पोस्ट में दी गयी जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया, परिणाम में हमें देश1.कॉम द्वारा 4 नवंबर 2020 को प्रकाशित किया हुआ एक लेख मिला। लेख के मुताबिक “चटगांव-हत्जारी अमान बाज़ार में, ज़मीन पर कब्जा करने वालों ने पूर्वी दिघी के युगिर हट में पैतृक संपत्ति को ज़ब्त कर लिया और आतंकवादी ताकतों द्वारा किये गये एक आश्चर्यजनक हमले में अनामिका दास नामक एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी व उनको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था।

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इसके बाद गूगल पर अधिक कीवर्ड सर्च करने पर हमें चटगांव प्रतिदिन द्वारा 5 नवंबर 2020 को एक समाचार लेख प्रकाशित किया हुआ मिला जिसमें लिखा है, पिछले वर्ष1 नवंबर को, स्थानीय रूबेल, शाकिब, अरमान, उस्मान, मोर्शेड और 7/8 के नेतृत्व में अन्य लोगों ने वायरल हो रही तस्वीर में दिख रही अनामिका दास के घर के कुछ हिस्सों को तोड़ना शुरू कर दिया और घर में रह रहे लोगों पर हमला भी किया। इसके बाद इनके खिलाफ हथजारी पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज करायी गयी थी।

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अधिक जाँच करने पर हमें बांगलादेश के एक हिंदू कार्यकर्ता राजू दास द्वारा 4 नवंबर 2020 को किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें वायरल हो रही तस्वीर प्रकाशित की गयी है। उस ट्वीट के शीर्षक में लिखा है, “3/11/2020 को, जमीन डाकू एम.डी रुबेल और उसके आतंकवादी बलों ने बांग्लादेश के चटगांव के हत्जारी पुलिस स्टेशन, अमन बाज़ार के ईस्ट युगीर हाट में एक गरीब हिंदू परिवार पर हमला किया। भूमि डाकू एम.डी रूबेल लंबे समय से पीड़िता के स्थान पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा था।“

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इस सन्दर्भ में हमें पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा इस वर्ष 6 मई को किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने वायरल हो रही तस्वीर को प्रकाशित कर यह स्पष्ट किया कि यह महिला के साथ घटी घटना पिछले वर्ष बांगलादेश की है व इस महिला पर हमला उसकी जमीन के चलते हुआ था।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि तस्वीर के साथ हो रहा उपरोक्त दावा गलत है। तस्वीर में दिख रही महिला पश्चिम बंगाल से नहीं बल्की बांगलादेश के चटगांव से है जहाँ इस महिला पर कुछ लोगों ने उसकी पैतृक संपत्ति को लेकर हमला किया था।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. गोबर से बने दो उपलों के साथ १० ग्राम घी को जलाने से ऑक्सीन नहीं बनती है, ये दावे सरासर गलत व भ्रामक हैं।

२. केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका से प्राप्त हुई मदद को वापस भेजने की ख़बरें फर्जी व भ्रामक हैं।

३. कोरोना की पुष्टि/ अपुष्टि मात्र सांस रोकने के परीक्षण से नहीं होती है|

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Title:पिछले वर्ष बांगलादेश के चटगांव में एक महिला पर हुये हमले को वर्तमान बंगाल हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False