
२९ जुलाई २०१९ को हेबा अहमद नामक एक फेसबुक यूजर ने कारवां डेली नामक एक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित एक खबर पोस्ट की थी, २९ जुलाई २०१९ को कारवां डेली ने एक खबर प्रकाशित की थी , जिसमे लिखा गया है कि “यूपी में जय श्री राम कहने से इंकार करने पर मुस्लिम लड़के को लगाई गई आग”। साथ ही खबर में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में एक १५ वर्षीय मुस्लिम लड़के को चार लोगों ने आग लगा दी जब लड़के ने “जय राम” का जाप करने से इनकार कर दिया | यह घटना रविवार रात को हुई और लड़के को वाराणसी के कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है | ६० फीसदी जलने वाले लड़के की हालत गंभीर बताई गई है | पीड़ित ने अस्पताल से कैमरे पर यह बयान देते हुए कहा कि उन्हें तब आग लगा दी गई जब उन्होंने “जय श्री राम” का जाप करने से इनकार कर दिया | इस घटना को कई प्रमुख मीडिया संगठनों ने प्रकाशित किया है जिसके चलते इस दावे को काफ़ी तेजी से सोशल मीडिया के मंचों पर साझा किया जा रहा है |
फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक | कारवां डेली | आर्काइव पोस्ट
संशोधन से पता चलता है कि..
जांच की शुरुआत हमने इस खबर को गूगल पर ढूँढने से की जिससे हमें पता चला की इस खबर को काफ़ी मीडिया संगठनों ने प्रकाशित किया है परंतु इस खबर की सत्यता को साबित करते हुए कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है |
इसके पश्चात खबर में दी गई जानकरी अनुसार हमने चंदौली के एस.पी संतोष कुमार सिंह से बात की, उन्होंने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर किये गए दावें बिलकुल काल्पनिक और आधारहीन है | असल में हुआ ऐसा था कि कल करीब ५:३० बजे के आस पास डायल १०० को सुचना मिली की किसी लड़के को जला दिया गया है, डायल १०० जब उसके घर पे पहुँची तो वे उस पीड़ित युवक को हॉस्पिटल लेकर गए और पीड़ित के भाई थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराने गए | एफआईआर में उन्होंने यह लिखा कि मन्द्रजपुर में किसी यादव के लड़कों ने उनके भाई को खेत में लेके जाके जला दिया | पीड़ित द्वारा घर पर दी गई जानकारी के आधार पर उनके भाई ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद मैं उससे जिला हस्पताल में मिलने गया तो पता चला कि पीड़ित ने डॉक्टर को बताया कि चार लड़के थे जिसमे से एक ने कहा कि “जा सुनील मिटटी का तेल लेके आ” और इसे आग लगा दो और इसी दौरान हमारे पास एक आरोपी का नाम आया जो सुनील नामक युवक था, हमने उसे पूछा की घटना कहा हुई थी तो उसने बताया कि छातम गावं में हुई थी, इसके बाद पीड़ित ने दुसरे पुलिस अफसर को बताया कि यह घटना उनके साथ दुधियापुर में हुई थी -जब वह टहलने से लिए बाहर गया था, तब अचानक ही कहीं से मुँह पर कपड़ा लपेटे बाइक पर सवार चार लड़के आये और उसे ज़बरदस्ती उठाकर भतीजा मोड़ लेकर गए और आग लगा दी | पीड़ित द्वारा घटना स्थल का विवरण अलग अलग था | ये तीनों जगह तीन अलग अलग दिशाओं में हैं | हमने तीनों जगह की तलाशी की ताकि हमें कोई सुबूत जैसे की कोई जला हुआ कपड़ा या चप्पल मिल जाए परंतु हमें कुछ भी नही मिला | शाम के ३ बजे तक सब कुछ ठीक था परंतु शाम तक उसे लोगों ने सिखा दिया कि इस घटना के साथ जय श्री राम के नारे की कहानी जोड़ दी जाये और इसी कहानी को मुख्य धारा मीडिया द्वारा चलाया गया। अब उसके बाद हमने तलाशी शुरू की तो हमें दी गई जानकरी के अनुसार पीड़ित जलने के बाद चल कर अपने घर तक आया था, तो हमने उसके घर तक आने वाली सारे संभावित रास्तों पर सीसीटीवी कैमरा ढूँढना शुरू किया, ताकि हमें घटनास्थल का पता लगे | तीनों रास्तों में कई लोगों द्वारा उनके घर के सामने लगे गई सीसीटीवी से हमें कुछ भी नही मिला तो हमने आखरी चौथी रास्ते की कैमरा भी चेक करने का सोचा, इस रस्ते का नाम पीड़ित द्वारा बिलकुल भी उल्लेख नही किया गया है परंतु यह रास्ता भी उसके घर तक जाता है | उस गली में जैसवाल जी का मकान था और उस घर में सीसीटीवी लगा हुआ था, कैमरे पर हमें दिखाई दिया कि सुबह ५ बजके १४ मिनट पर यह युवक पश्चिम दिशा से आ रहा था, हम उस दिशा में गए ताकि हमें कोई जला हुआ कपड़ा या कोई और सुबूत मिले | हम १ किलोमीटर तक गए तो हम नेशनल हाईवे २ पर पहुचे, वहां हमें एक मज़ार मिली जिसके गेट पर ही अद्जले कपड़े पड़े हुए थे और मज़ार के अन्दर उसकी दो चप्पल बड़े व्यवस्थित तरीके से रखी हुई थी मनो की जैसे जब कोई मंदिर में पूजा करने जाए तो जैसे चप्पल उतार के जाता है | इसी दौरान मज़ार के पास हमारी छानबीन को लेकर लगी भीड़ को देखकर एक न्यूज़ पेपर बाटने वाला हॉकर आगे आया और हमें बताया कि सुबह उसने एक आदमी को आग में लिप्त मज़ार से निकलते हुए दिखा, उसे लागा की यह आदमी पागल है और यह हॉकर उसके पीछे १०० मीटर तक गया परंतु बारिश के वजह से आग बुझ गई थी तो यह लड़का वापस चला गया | २०१६ में पीड़ित के परिवार के साथ किसी यादव और सुनील का आपसी झगड़ा हुआ था जिसके कारण उसका नाम लिया गया | यह घटना किसी अंधश्रद्धा या तांत्रिक साधना के कारण हुई थी, इस समय पर लोग तांत्रिक साधना करने जाते है | पीड़ित के घर से हमें मिटटी के तेल भी मिला, जो पीड़ित को जलाने के लिए इस्तेमाल किया गया था | परिवार वालों से हमें पता चला की पीड़ित रोज़ के समय से पहले ही उठकर निकल गया | अब या तो घर पे कोई तनाव के कारण यह घटना घटी है या फिर अंधश्रद्धा के कारण यह घटना हुई है | घटना के बाद पड़ोस के लोगों ने उसे मन्द्रजपुर से यादव का नाम लेने को कहा जिसके कारण उसने पहले मन्द्रजपुर का नाम लिया और बादमे घटनास्थल का नाम बदलते गया, बनारस हस्पताल पहुचने के चार छः घंटे के बाद मीडिया वालों ने इस घटना को एक सांप्रदायिक रूप दे दिया, साथ ही सोशल मीडिया यूज़रों द्वारा “जय श्री राम” का ट्रेंड बनाकर इस प्रकरण को नेशनल न्यूज़ बनाने की कोशिश की गई है | स्पष्ट रूप से इस घटना के साथ कोई भी सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है | उन्होंने यह भी कहा कि लड़के को ४५ प्रतिशत जली हुई अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था” |
उन्होंने कहा कि इस घटना के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर चंदौली और सैयदराजा छेत्र के इन्स्पेक्टर एस पी सिंह हैं,व विवेचना अभी भी जारी है पर ये स्पष्ट है कि प्राथमिक जाँच में किसी भी प्रकार का कोई साम्प्रदायिक जुड़ाव नहीं है।
एएनआई यूपी ने इस घटना को रिपोर्ट करते हुए एक ट्वीट जारी किया जिसमे लिखा गया है कि “एसपी चंदौली का कहना है कि लड़के ने अलग-अलग बयान दिए हैं जो जांच में झूठे पाए गए, चश्मदीद ने उसे अकेले जालते हुए देखा” |
Chandauli: Family of a 17-yr-old boy, Khalid, alleged he was set ablaze by some people when he refused to chant ‘Jai Sri Ram’.SP Chandauli says that boy has given different statements which were found to be false in investigation, eye witness saw him setting himself ablaze.(28.7) pic.twitter.com/KpfaepUGBj
— ANI UP (@ANINewsUP) July 29, 2019
एसपी के बयान को चंदौली पुलिस ने एक विडियो के रूप में फेसबुक पर पोस्ट किया है |
साथ ही चंदौली पुलिस ने उनके अधिकारिक ट्विटर हअकाउंट पर भी इस घटना का स्पष्टीकरण दिया है और कहा है कि “कृपया गलत अफवाह एवं भ्रामक व असत्य खबरें प्रचारित व प्रसारित न करें थाना सैयदराजा क्षेत्र के अन्तर्गत एक लड़के के साथ हुयी आगजनी की घटना के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक चन्दौली का वक्तव्य दिये गये लिंक को टच कर देखें” |
एक दूसरे ट्वीट में चंदौली पुलिस ने DSP त्रिपुरारी पांडे द्वारा पूछताछ का एक वीडीयो साझा किया है, इस वीडीयो को साझा करते हुये ये लिखा है कि कैसे कुछ व्यक्तियों द्वारा घटना को विशेष रूप देने का प्रायः किया गया था
उत्तर प्रदेश की UPpolicefactcheck @UPPviralcheck द्वारा भी इस घटना के तथ्य एक ट्वीट के माध्यम से दिया गया है
एक दूसरे ट्वीट में चन्दौली पुलिस ने यह चेतावनी जारी की है की, अगर कोई भी सोशल मीडिया यूज़र इस प्रकरण को साम्प्रदायिक रूप दे कर फैलाने की कोशिश करता हुआ पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ उचित विधिक कार्यवाही की जाएगी।
निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट में किये दावे को गलत पाया है क्योंकि इस युवक को किसी सांप्रदायिक मुद्दे के कारण नही जलाया गया, उसके जलने के पीछे पुलिस का शक है कि या तो यह घटना अंधश्रद्धा के कारण हुई है या फिर किसी घरेलु मतभेद के कारण हुई होगी |

Title:यूपी पुलिस की प्राथमिक जाँच के अनुसार इस प्रकरण का किसी भी साम्प्रदायिक मुद्दे से जुड़ाव नहीं है।
Fact Check By: Aavya RayResult: False
