२८ जुलाई २०१९ को फेसबुक पर ‘Mohammmd Owais Yuva Kranti’ नामक एक फेसबुक यूजर द्वारा एक वीडीयो साझा किया गया है, जिसमें एक गुस्साई भीड़ एक युवक को डंडे से पीट रही है, पोस्ट के विवरण में लिखा है – “#MobLynching .... बैंगलोर...... से दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है जहां एमबीए के स्टूडेंट फारूख को बेदर्दी से भीङ के द्वारा मार दिया गया है | मानवता खत्म हो चुकी है इंसानियत शर्मसार है | #StopLynchings #Bangalore |” पोस्ट के द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि – यह वीडियो बैंगलोर में हालही में हुए एक Mob Lynching का है | क्या सच में बैंगलोर में कोई ऐसा हादसा हुआ है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले साझा वीडियो का स्क्रीन शॉट लेकर ‘गूगल रिवर्स इमेज सर्च’ में ढूंढा |

इस अनुसंधान में हमें YouTube पर Puber Kalom नामक एक यूजर द्वारा १८ सितम्बर २०१८ को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जो उपरोक्त वीडियो से हुबहू मिलता-जुलता है | इस वीडियो के शीर्षक में ‘Muslim man lynched in BJP ruled Manipur state’ लिखा हुआ है और इस वीडियो के विवरण में लिखा है - A young Muslim management student was lynched by mobs in BJP ruled Manipur state for allegedly stealing motorbike. 5 people have been arrested who were involved in the lynching case.

इस विवरण का सरल हिंदी में अनुवाद : एक मुस्लिम MBA छात्र को भाजपा शासित राज्य मणिपुर में भीड़ द्वारा मार डाला गाया।

इसके बाद हमने गूगल पर ‘Man beaten to death in Manipur’ कीवर्ड्स को ढूंढा, तो हमें २०१८ के इस ख़बर से सम्बंधित कई ख़बरें मिलीं।

इन ख़बरों के अनुसार १३ सितम्बर २०१८ को मणिपुर के इम्फाल जिले के थरोइजम गांव मे सुबह के ३:३० बजे, २६ वर्षीय फ़ारूक़ खान नामक एक MBA छात्र को बाइक चोरी के संदेह में गांव वालों ने पीट पीटकर मार डाला | युवक थौबल जिले में स्थित लिलोंग गांव का निवासी था। इस मामले में पुलिस ने ५ लोगों को गिरफ़्तार किया था | इन ख़बरों को पूरा पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

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इसके बाद हमने इम्फाल के SP मेघाचन्द्रा कोंजेन्गबम से सम्पर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि “यह घटना १३ सितम्बर २०१८ की है जब फ़ारूक़ अपने दो दोस्तों के साथ एक बिना नंबर प्लेट की गाड़ी से इम्फाल जिले के थरोइजम गांव में तड़के पहुँचा था, गाड़ी में कोई नंबर प्लेट ना होने के वजह से गांव वाले इन तीनो पर संदेह करने लगे कि ये तीनो गाँव में गाड़ी चोरी करने के इरादे से आये होंगे, इस पर जब गाँव वालों ने इन तीनों को घेरा तो फ़ारूक़ के दोनों दोस्त तो भागने में कामयाब रहे, मगर फ़ारूक़ “एक बहुत ही सज्जन व्यक्ति” होने के कारण गांव वालों को समझाने की कोशिश करता रहा | मगर गांव वाले उसकी एक ना सुनी और उसे मारने लगे, और इसी के चलते फ़ारूक़ की जान चली गयी | यह सरासर Mob Lynching का केस था, मगर इस में कोई भी राजनितिक व धार्मिक दल शामिल नहीं था | इम्फाल की सरकार ने इस हादसे के बहुत पहले, Mob Lynching के खिलाफ एक अध्यादेश (ordinance) भी जारी किया था | इस मामले में ५ से अधिक व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गाया था और कुछ अपराधी भागने में भी कामयाब हुए, मगर इस घटना पर बहुत ही सख़्त कार्यवाही हुई थी |”

इसके पश्चात हमने बैंगलोर पुलिस से भी इस वाइरल वीडीयो के सम्बंध में जानकारी लेनी चाही, बैंगलोर पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने हमें बताया गया कि पिछले एक वर्ष से ना तो ऐसी कोई वारदात घटी है और ना ही इस तरीक़े का कोई अभियोग किसी भी थाने में पंजीकृत हुआ है, यह बात सरासर झूठ है कि बैंगलोर में ऐसी कोई Mob Lynching की घटना हुई है।

इन आधिकारिक स्पष्टीकरणों से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट मे साझा किया गया वीडियो एक पुराना वीडीयो है और इस वीडीयो का बैंगलोर से कोई सम्बंध नहीं है, २०१८ को मणिपुर के इम्फाल में हुई घटना को ग़लत तरीक़े से वर्तमान में हुई बैंगलोर की घटना बता कर फैलाया जा रहा हैl

जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘यह वीडियो बैंगलोर में हाल ही में हुई एक Mob Lynching का है |’ ग़लत है |

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Title:यह वीडियो बैंगलोर से है, जहाँ भीड़ ने MBA के छात्र फ़ारूक़ को पीट-पीट कर मार डाला ? जानिये सच |

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False