
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वाईरल हो रहा है, इस वीडियो में एक व्यक्ति को यह दावा करते हुए सुना जा सकता है कि उसे उसकी पहचान की वजह से कुछ लोग भारत का झंडा लगाने से रोक रहे हैं | व्यक्ति का दावा है कि उसे न केवल भारत का झंडा लगाने से रोका गया, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की गई है | इस वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि यह घटना उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से है जहाँ मुसलमान मोहल्ले में एक व्यक्ति को भारत का झंडा लहराने से मना किया गया है और पाकिस्तान का झंडा लहराने को कहा गया है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “यह उत्तर प्रदेश मुरबदाद इलाके से है जहाँ जिहादी पाकिस्तान के प्रति अपना प्रेम दिखा रहे है | इन्हें तुर्रंत अरेस्ट कर लेना चाहिए | पाकिस्तान के नारे भारत में लगा रहे है और दूसरी ताराग CAA में पाकिस्तान के मुसलमानों के नाम की मांग करते है |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को ध्यान से सुनने व देखने से की , हमें वायरल वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते हुये सुनाई दिया कि, “कौन-कौन मारेगा मुझे। मुझे जान से मार दो। देखो जी पूरा मोहल्ला आ गया। ये हमारे झंडा लगाने पर……हम हिंदुस्तानी नहीं है क्या। हम झंडा न लगावे अपने घर पर। ये हमें मार रहे हैं, पीट रहे हैं, बोल रहे हैं पाकिस्तानी झंडा लगाओ। हम पाकिस्तानी है क्या?”
इस घटना से संबंधित जानकारी हमने ट्विटर एडवांस्ड सर्च पर ढूँढी, जिसके परिणाम से हमें मोरादाबाद पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा प्रकाशित स्पष्टीकरण मिला | मुरादाबाद पुलिस की तरफ से वायरल वीडियो में किए गए दावे का खंडन करते हुए कहा गया है कि
“सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में वीडियो बनाने वाले ने आरोप लगाया है कि उसके घर पर झंडा लगाने को लेकर पड़ोसियों द्वारा आपत्ति की जा रही है। पुलिस द्वारा जांच में पाया गया कि झंडा लगाने का विरोध करने वाली बात झूठी है। दो पक्षों में रास्ते में भैंस को बांधने को लेकर विवाद था, जिसे झंडा लगाने का विवाद बताकर प्रचारित कर दिया गया |”
पुलिस ने वीडियो बनाकर डालने वाले व्यक्ति का भी बयान जारी किया है, जिसमें यह व्यक्ति कह रहा है कि यह भैंस बांधने को लेकर किया गया विवाद था और उस घर के उपर झंडा पहले से ही लगा हुआ है | मुरादाबाद पुलिस ने उस घर के ऊपर लहराते हुये ध्वज के साथ एक वीडियो भी अपलोड किया है, जो उपरोक्त व्यक्ति के बयान से मेल खाता है |
तद्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने मोरादाबाद के एस.एस.पी अमित पाठक से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि
“सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को एक गलत दावा करते हुए फैलाया जा रहा है , वास्तव में यह वीडियो शबलू नामक व्यक्ति ने पोस्ट किया था | शबलू और उसका परिवार सड़क पर अपनी भैंसें बांधते थे। शबलू के चचेरे भाई के बेटे इरशाद को सड़क पार करते समय समस्या का सामना करना पड़ा और भैंस को सड़क पर रखे जाने को लेकर दोनों परिवारों में विवाद हो गया। हमने एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें अबुल कलाम खुद कहते हैं कि उन्होंने एक गलत धारणा बनाई थी क्योंकि वह व्यक्तिगत विवाद के कारण नाराज थे। वह यह भी कबूल करता है कि उसने खुद अपने कपड़े फाड़े थे | वह भारतीय ध्वज काफी समय से उसी जगह पर है और ध्वज का विवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है |”
इसके आलावा हमने गलशहीद थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी अजयपाल सिंह से संपर्क किया, उन्होंने बताया कि, “ यह घटना करीब एक हफ्ते पहले की है, जिसमें पुलिस की तरफ से कार्रवाई की जा चुकी है। घर पर तिरंगा लगाये जाने से रोकने की बात गलत है | यह रास्ते में भैंस बांधने से जुड़ा विवाद था। यह पूरी घटना दो परिवार के बीच हुए आपसी विवाद से संबंधित है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह विवाद राष्ट्रीय ध्वज लगाने की वजह से नहीं हुआ, बल्कि भैंस को रास्ते में बांधने की वजह से हुआ था | यह पूरी घटना दो परिवार के बीच हुए आपसी विवाद से संबंधित है |

Title:मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुये एक निजी झगडे को समुदाय व राष्ट्रीय ध्वज से जोड़ गलत संदर्भ के साथ फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
