७ जुलाई २०१९ को आनंद दमदयाल नामक एक फेसबुक यूजर ने एक विडियो पोस्ट किया था, विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि ईरान के यूवक ने मक्का मे दूध चढाया ओर बोला हमारे पूर्वज हिन्दू थे और ये पवित्र शिवलिंग है ,क्या ये सत्य खबर है अगर हाँ तो तो जय श्री राम #पेज़_को_लाईक_करें_अपने_विचार_कमेंट_करें_शेयर_भी_करें |

यह वीडियो यह कहते हुए वायरल हुआ है कि एक ईरानी व्यक्ति काबा पर दूध डाल रहा है और दावा कर रहा है कि उनके पूर्वज हिंदू थे | साथ ही यहे भी दावा किया गया है कि मक्का का काबा असल में पवित्र शिवलिंग है | काबा को इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है | वीडियो में, एक आदमी जो पूरी सफेद रंग के कपडे पहना हुआ है, काला और सुहेरी रंग का कपडा जिसे काबा को ढकने में इस्तेमाल किया जाता है, उस पर एक तरल डालते हुए देखा जा सकता है | इसके बाद हम उसे अरबी भाषा में कुछ चिल्लाते हुए सुन सकते है | ऐसा करने के बाद, वहा मौजूद भक्तों के एक समूह ने उन्हें और स्थल को घेर लिया, जिससे बड़ी भीड़ मौके पर एकत्र हो गई | इस विडियो को १००० से ज्यादा व्यूज मिल चुकी है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

क्या वास्तव में ईरान के युवक ने मक्का के काबा को शिवलिंग मानते हुए उसपर दूध चढ़ाया? हमने इस विडियो की सच्चाई जानने की कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुआत हमने इस विडियो को यूट्यूब पर ढूँढने से की | “काबा पर आदमी दूध फेकते हुए” जैसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हुए हमें २ साल पुराना एक विडियो मिला | इस विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “एक आदमी ने काबा के सामने खुद को आग लगाने की कोशिश की” | यह विडियो ७ फरवरी २०१७ को प्रकाशित किया गया था | विवरण में लिखा गया है कि “समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने काबा पर एक व्यक्ति को पेट्रोल डालते देखा | उसने पुलिस को सतर्क कर दिया, जिसने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया | घटना सोमवार सुबह ११ बजे की है | मई २०१६ में, पुलिस ने एक आत्मघाती हमलावर को मदीना में पैगंबर की मस्जिद तक पहुंचने से रोक दिया, जिससे हमलावर और चार सैन्यकर्मी मारे गए | इस विडियो में साफ़ साफ़ लिखा गया है की यह व्यक्ति काबा पर पेट्रोल डालने गया था | नीचे दिया गया विडियो इसी वायरल विडियो का दुसरे एंगल से लिया गया व्यू है | वही आदमी को पुलिस द्वारा ले जाते हुए देखा जा सकता है |

वीडियो को ध्यान से देखने पर, यह देखा जा सकता है कि तरल पदार्थ वास्तव में दूध नहीं है बल्कि पेट्रोल है | अगर यह दूध होता तो इसका रंग सफ़ेद होता |

यही वायरल वीडियो जून २०१८ में भी एक बार डेली टाइम्स द्वारा ट्वीट किया गया था | ट्वीट में लिखा गया है कि “एक आदमी को पवित्र काबा में पेट्रोल फेंकते हुए पकड़ा गया” | हमें इस विडियो के संदर्भ में डेली टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर भी मिला जिसमें पूरी घटना का वर्णन किया गया है |

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने इस घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्टस को ढूँढा | ८ फरवरी २०१७ को डेली एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि, एक तीर्थयात्री ने कहा था कि उसने काबा पर एक व्यक्ति को बोतल से पेट्रोल निकालते हुए देखा था और टाकिफ़री भावों का उच्चारण करते हुए भी सुना था | “मैंने तुरंत उसे पकड़ लिया और मेरे आसपास के लोगों से सहायता माँगा | सुरक्षाकर्मी घटनास्थल के तरफ आय और उसे दूर ले गए " तीर्थयात्री ने वीडियो में दृश्य का वर्णन करते हुए कहा | खबर में वीडियो में दिखाए गए व्यक्ति की पहचान सऊदी नागरिक के रूप में की गई है |

डेली एक्सप्रेस | आर्काइव लिंक

गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि काबा के बगल में जिस आदमी को उन्होंने गिरफ्तार किया था, वह खुद को मारने की कोशिश कर रहा था और पवित्र काबा को आग लगाने की कोशिश नहीं कर रहा था, जैसा कि बताया गया था | यह खबर डेली पाकिस्तान से भी प्रकाशित किया है |

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह एक पुराना वीडियो है जो फरवरी २०१७ की घटना है जब एक साऊदी व्यक्ति ने मक्का में काबा पर पेट्रोल फेंका और फिर उसके साथ खुद को जलाकर आत्महत्या करने की कोशिश की | इस विडियो को गलत दावें के साथ वायरल किया जा रहा है | यह विडियो किसी ईरानी आदमी का काबा को शिवलिंग समझते हुए दूध चढ़ाने का नहीं है |

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Title:यह व्यक्ति साऊदी से है और इसने काबा पर दूध नहीं पेट्रोल फैंका था।

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False