
सोशल मीडिया पर एक वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि वीडियो में भाजपा के विधायक अनिल उपाध्याय अपना बयान दे रहे है, इस वीडियो में कथित भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय, सरकार की आलोचना कर रहे हैं और सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरआई) के खिलाफ खड़े हैं | २:२३ मिनट की क्लिप में एक मंच पर बैकग्राउंड में एनआरसी का पोस्टर लगा हुआ देखा जा सकता है |
वीडियो में वे कहते है कि “आज हमसे पूछा जा रहा है, की आपके बुज़ुर्गों का सबूत क्या है? अरे दिल्ली में इतनी बड़ी सात बारा है ना मुसलामानों की… डेक्कन का चार मीनार पी.आर कार्ड है ना मुसलामानों का…|”
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय..अब मोदी इनके भाषण के बारें में क्या कहेंगे |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने इन्विड टूल के मदद से यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें एक यूट्यूब वीडियो प्राप्त हुआ | इस वीडियो से हमें पता चला कि वीडियो में दिखाये गये व्यक्ति वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के नेता फारुक अहमद है |
हमें २० दिसंबर, २०१९ को अपलोड किये गये वायरल क्लिप का यूट्यूब पर एक लम्बा वर्शन मिला, जिसके कैप्शन में लिखा गया है कि “२० दिसंबर को नांदेड़ में ग्रांट धरना प्रदर्शन में फरूख अहमद का पूरा भाषण |” २५ सेकंड के टाइमस्टैम्प में एक टिकर को देखा जा सकता है जो प्रवक्ता की पहचान “प्रदेश प्रवक्ता फारुक अहमद, वी.बी.ए, महाराष्ट्र” के रूप में करता है |
इसके आलावा, हमें २० दिसंबर, २०१९ को नांदेड़, महाराष्ट्र में आयोजित एंटी-सीएए विरोध पर एक समाचार रिपोर्ट मिली |
लोकमत | आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक
हमने वायरल वीडियो से फारुक अहमद के चेहरे की विशेषताओं की तुलना एक अन्य वीडियो के साथ की, जहां वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को वी.बी.ए नेता के रूप में संबोधित कर रहे थे और पाया कि दोनों तस्वीरों में एक ही व्यक्ति हैं |
इसके बाद हमने अनिल उपाध्याय नामक कथित भाजपा विधायक के बारे में गूगल पर सर्च किया परिणाम में हमें MyNeta.info वेबसाइट का लिंक मिला | हमने MyNeta डेटाबेस पर खोजा तो पाया की अनिल उपाध्याय नाम का कोई भाजपा विधायक नहीं है | इसी नाम से दो व्यक्तियों का प्रोफाइल हमें मिला | पहला- जोधपुर के एक बीएसपी नेता डॉ अनिल उपाध्याय, जिन्होंने २०१८ में राजस्थान से चुनाव लड़ा | दूसरा प्रोफाइल लखनऊ से निर्दलीय उम्मीदवार अनिल कुमार उपाध्याय, जिन्होंने २००७ और २०१२ में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था | लेकिन इनमें से कोई भाजपा नेता नहीं है |
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निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | महराष्ट्र के वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के नेता फारुक अहमद के एक वीडियो को गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि वह भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय हैं | अनिल उपाध्याय नाम का कोई भाजपा विधायक नहीं है |
२०१९ के लोक सभा चुनाव के दौरान हमें ऐसे कई वीडियो मिले जो कि विधायक अनिल उपाध्याय के नाम से या तो कांग्रेस या भाजपा के विरुद्ध भ्रामक अफवाह के रूप में फैलाये जा रहे थे |
इन फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है |
Read- क्या भाजपा के विधायक अनिल उपाध्याय दलित लड़कों को पीट रहे है?
Read- काल्पनिक चरित्र भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय के नाम का एक नया वीडियो हुआ वायरल |
