पुरानी, असंबंधित तस्वीरों को कश्मीरियों की भूख से मृत्यु होने का दावा करते हुए फैलाया जा रहा है |

False Political

२९ अगस्त २०१९ को “मजनू भाई” नामक एक फेसबुक यूजर ने तीन तस्वीरें पोस्ट की है, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “हाथ में पत्थर सबको दिखता था | अफसोस भूख से मर रहे कश्मीरी किसी को नजर नहीं आ रहे | #Savekashmir | तस्वीर में हम मृत व्यक्तियों व उनके दुखी परिवारों को देख सकते है | इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें कश्मीर की वर्तमान स्थिति की है, जहाँ लोग भूख से मर रहे है परन्तु यह बात किसी को नज़र नही आ रही है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट २३०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी | 

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुआत हमने तीनों तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की | हमें पता चला की यह तस्वीरें पुरानी है और कश्मीर की वर्तमान स्थिति से सम्बंधित नही है | निचे आप रिवर्स इमेज सर्च किये जाने के बाद का परिणाम देख सकते है | 

पहली तस्वीर का परिणाम

हमने पाया कि यह तस्वीर १६ अगस्त २०१६ को राइजिंग कश्मीर द्वारा प्रकाशित की गयी थी | मध्य कश्मीर के बीरवाह इलाके में सरकारी बलों की गोलीबारी में पांच नागरिकों की मौत हो गई थी | रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में फैली अशांति के दौरान यह घटना घटित हुई थी | रिपोर्ट में मारे गए युवकों की पहचान हजारीपोरा के मोहम्मद अशरफ वानी, जावेद अहमद नाजर, मंज़ूर अहमद लोन और जावेद अहमद शेख के रूप में की गई थी और कहा गया था कि मारे गए युवकों के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए थे |

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दूसरी तस्वीर का परिणाम

हमने पाया कि यह तस्वीर २५ नवम्बर २०१८ को कैपिटल न्यूज़ द्वारा प्रकाशित की गई थी | रिपोर्ट के अनुसार यह तस्वीर एएफपी द्वारा ली गई थी, जो घाटी में रविवार को हुए हादसे के बाद किए गए अंतिम संस्कार की है | इस घटना में शोपियां में आठ लोग मारे गए, जिनमें छह कथित आतंकवादी, एक सैनिक और एक किशोर नागरिक शामिल थे | 

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२५ नवम्बर २०१८ को एएफपी द्वारा प्रकाशित खबर को आप निचे पढ़ सकते है |

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तीसरी तस्वीर का परिणाम

हमने पाया कि यह तस्वीर २८ जनवरी २०१८ को “द वायर” द्वारा प्रसारित की गई थी | खबर के मुताबिक, कश्मीर के शोपियां जिले में कक्षा ९ के छात्र १५ वर्षीय उमर कुमार की सुरक्षा बलों द्वारा गोलीबारी में गोली लगने से मौत हो गई | रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तस्वीर रुयुटर्स द्वारा खिंची गयी है, फोटो में उसकी शोकग्रस्त बहन को दिखाया गया है, जिसने अपने भाई की स्कूल यूनिफॉर्म शर्ट पकड़कर रो रही है |

आर्काइव लिंक 

इस तस्वीर को डीएनए ने ४ मार्च २०१८ को उनकी खबर में भी इस्तेमाल किया था |

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | उपरोक्त तस्वीरें कश्मीर में भूख से मार रहे लोगों की नही है | यह तस्वीरें पुरानी है और कश्मीर के वर्तमान स्थिति से संबंधित नहीं है |

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Title:पुरानी, असंबंधित तस्वीरों को कश्मीरियों की भूख से मृत्यु होने का दावा करते हुए फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False