साबरमती नदी के पास रखी दशमा मूर्तियों को गणेश की मूर्तियों के रूप में साझा करते हुए, पुराना वीडियो प्रसारित किया जा रहा है |

False National

८ सितम्बर २०१९ को “Edgar Percy Braganzaनामक एक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “यह अहमदाबाद का साबरमती नदी का किनारा है | यहाँ गणपति विसर्जन की अनुमति नहीं है, इसलिए लोगों ने उन्हें फुटपाथ पर छोड़ दिया है | भगवान के लिए इतना!” गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के पास सड़क के किनारे रखी गणेश की मूर्तियों का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है | इस वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि गुजरात में लोगों को गणपति के मूर्तियों को विसर्जित करने की अनुमति नहीं है इसलिए, उन्होंने इन मूर्तियों को सड़क पर इस तरह से छोड़ दिया है | इस वीडियो को गणपति उत्सव और विसर्जन के संदर्भ में साझा किया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ७३० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव वीडियो 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुआत हमने इस वीडियो को इन्विड टूल का इस्तेमाल करते हुए छोटे कीफ्रेम्स में तोड़ा व गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, परिणाम से हमें कुछ ट्वीट मिले, ११ अगस्त २०१९ को, अहमदाबाद नगर निगम (ए.एम.सी) के आयुक्त विजय नेहरा ने नागरिकों द्वारा नदी में दशमा देवी की मूर्तियों को विसर्जित नहीं करने व साबरमती नदी को साफ रखने की पहल के बारे में ट्वीट किया था | नागरिकों द्वारा सड़क पर छोड़ी गई मूर्तियों की छवियों को पोस्ट करते हुए, उन्होंने(आयुक्त विजय नेहरा) कहा, “दशामा देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के बजाय, उन्होंने सम्मानपूर्वक उन्हें नदी के घाट में छोड़ दिया गया है !!”

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उन्होंने आगे कहा कि निगम “स्वच्छ साबरमती” अभियान के तहत कई महीनों से नागरिकों के व्यवहार परिवर्तन पर काम कर रहे थे और विसर्जन के लिये कई कृत्रिम तालाब भी बनाए गए है |

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विजय नेहरा ने ११ अगस्त २०१९ को एक ट्वीट के माध्यम से इस वीडियो का एक दूसरा भाग भी अपलोड किया था | ट्वीट में लिखा गया है कि “@AmdavadAMC हमारी अपील का जवाब देने और #SwachSabarmati होने में मदद करने के लिए इन सभी नागरिकों को धन्यवाद |”

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उपरोक्त ट्वीट से ये स्पष्ट होता है कि यह वीडियो गणपति विसर्जन से सम्बंधित नही है, वीडियो में दर्शायी गयी मूर्ती दशामा देवी की है | यह वीडियो गणेश चतुर्थी और गणेश विसर्जन के पहले खिची गयी है |

विजय नेहरा ने ९ सितम्बर २०१९ को उनके द्वारा की गयी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है कि “मैंने इन तस्वीरों को एक महीने पहले साझा किया था | फिरसे रीट्वीट कर रहा हूँ क्योंकि सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को और इनसे जुड़े वीडियो को गलत संदर्भ में प्रसारित किया जा रहा है |” इस ट्वीट के माध्यम से उन्होंने सोशल मीडिया पर किये गये दावो को खरीज किया है |

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इसके पश्चात ९ सितम्बर २०१९ को विजय नेहरा ने एक ट्वीट के माध्यम से यह कहा है कि “अहमदाबाद शहर के नागरिक से आग्रह करता हूँ कि १२ सितंबर २०१९ यानी गणेश विसर्जन या अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन न करें |” उन्होंने बताया कि इन मूर्तियों को साबरमती नदी को प्रदूषित किए बिना विसर्जित करने के लिए ६१ से अधिक कुंड (विसर्जन तालाब) बनाये गये हैं |

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इसके पश्चात हमें अहमदाबाद नगर निगम के कमिश्नर विजय नेहरा से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि “सोशल मिडिया में कुछ वीडियो गलत तरीके से वायरल हो रहे है, मैं लोगो से अपील करता हूँ की आप ऐसे वीडीयो से भ्रमित न हो |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | अहमदाबाद नगर निगम नागरिकों से जल प्रदूषण को कम करने के लिए नदी में देवी-देवताओं की मूर्तियों को विसर्जित नहीं करने हेतु सक्रिय रूप से आग्रह कर रहा है | ए.एम.सी द्वारा की गई पहल को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है | एक महीने पुराने वीडियो जिसमे अहमदाबाद शहर के नगर निगम के नेतृत्व में एक पहल के तहत साबरमती नदी के तट के पास देवी दशामा की मूर्तियों को सड़क किनारे रखा गया था, इसे अब सोशल मीडिया यूजर द्वारा गणेश विसर्जन की मूर्तियों के रूप में साझा किया जा रहा है |

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Title:साबरमती नदी के पास रखी दशमा मूर्तियों को गणेश की मूर्तियों के रूप में साझा करते हुए, पुराना वीडियो प्रसारित किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False