क्या यह थर्मोकोल से नकली शक्कर बनाने का वीडियो है; जानिए सच…

Consumer Safety Fact Check False Social

यह दावा गलत है। यह वीडियो में थर्मोकोल रीसाइकिल यानी पुनर्चक्रण कैसे की जाती है वो दिखाया है।

खाने पीने की चीजों में मिलावट जैसे गंभीर मामले खबरों में अकसर आते रहते है। सोशल मीडिया पर भी इन दिनों एक वीडियो के माध्यम से कथित तौर पर थर्मकॉल से कैसे नकली शक्कर बनाई जाती है वो दिखाने का दावा किया जा रहा गया है। 

किसी छोटी फैक्टरी में काम कर रहे मजदूरों का वीडियो शेयर करके कैप्शन में लिखा है कि “ “सावधान…थर्माकोल को पीसकर, उसमें चाशनी मिलाकर नकली शक्कर बनाते कुछ नए वैज्ञानिक

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

कीवर्ड सर्च करने से हमें आंत्रप्रेन्योर इंडिया टीवी नामक वैरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 19 अक्टूबर 2020 को प्रसारित एक वीडियो मिला। इसको देखने पर हमने पाया कि इसमें दिखाये गये दृश्य वायरल हो रहे वीडियो से मिलते-जुलते है। 

यूट्यूब वाले वीडियो में आप देख सकते है कि माइक्रो गार्टेक्स इंडस्ट्रिज़ नामक एक कंपनी के मालिक शांतिलाल जैन उनके थर्मोकोल रिसाइक्लिंग के व्यावसाय और प्लांट के बारे में जानकारी दे रहे है। 

इसमें उन्होंने थर्मोकोल कैसे रीसाइकिल करते है, इस व्यवसाय को कितनी जगह, कितने कर्मचारी, कितनी रकम लगेगी यह बताया है। 

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फैक्ट क्रेसेंडो ने शांतिलाल जैन के बेटे स्वयं जैन से बात की। हमने उनको वायरल हो रहा यह वीडियो भेजा तो उन्होंने बताया कि यह थर्मोकोल रीसाइक्लिंग का वीडियो है। 

वायरल हो रहे वीडियो लोग थर्मोकोल की रिसाइक्लिंग कर रहे है। और उससे वे प्लास्टिक के दाने (Plastic Granules) बना रहे है। चूंकि वे शक्कर के जैसे पारदर्शी दिख रहे है इसलिये लोगों को लग रहा है कि थर्मोकोल से नकली शक्कर बनायी जा रही है। इन प्लास्टिक के दानों से सिर्फ प्लास्टिक की चीज़े ही बनती है। और वीडियो में थर्मोकोल रिसाइक्लिंग की सही प्रकिया बतायी जा रही है। इसलिये इसके साथ किया गया दावा सरासर गलत है,” ऐसा स्वयं जैन ने बताया। 

आपको बता दें माइक्रो गार्टेक्स इंडस्ट्रिज़ कंपनी का थर्मोवेस्ट सोल्युशन्स नामक थर्मोकोल रीसाइक्लिंग का एक प्लांट है। स्वयं जैन ने हमें उस प्लांट की तस्वीर व वीडियो भेजे है।

उन्होंने हमें उनका खुदका एक वीडियो भी भेजा है जिसमें वे थर्मोकोल प्लांट में रीसाइक्लिंग कैसे होती है उसकी जानकारी दे रहे है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की वेबसाईट पर 18 जुलाई 2017 की एक रीपोर्ट मिली। उसमें द हिंदू बिजनेस लाइन का एक समाचार लेख के हवाले से बताया गया है कि सरकार ने संसद को सूचित किया था कि चावल, चीनी और अंडे में प्लास्टिक की उपस्थिति का कोई विशेष मामला देश में पाया नहीं गया।

वायरल हो रहा वीडियो कहाँ से है इस बात की पुष्टि हो नहीं पाई है। हालांकि यह प्रक्रिया थर्मोकोल को रीसाइकिल कर प्लास्टिक के दाने बनाने की है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। इसमें लोग थर्मोकोल की रिसाइक्लिंग कर रहे है। वे थर्मोकोल से नकली शक्कर नहीं बना रहे है।

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Title:क्या यह थर्मोकोल से नकली शक्कर बनाने का वीडियो है; जानिए सच…

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False