वर्तमान में इजरायल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे तनाव के चलते सोशल मंचों पर कई वीडियो व तस्वीरें वायरल होती चली आ रही है। फैक्ट क्रेसेंडो ने इनमें से कुछ वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाई है। इन दिनों इंटरनेट पर ऐसी ही एक तस्वीर काफी तेज़ी से साझा की जा रही है, तस्वीर एक समाचार लेख की है जिसमें आप एक शख्स को खड़े हुये देख सकते है व उसके सर पर आप हमास का हेडबैंड पहना हुआ देख सकते है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ए.पी न्यूज़ के एक रिपोर्टर टी.वी पर लाइव आने से पहले हामस के समर्थन में पहना हुआ हेडबैंड निकालना भूल गया।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

“यह सच्चाई है कि एक शांतिदूत सिर्फ शांतिदूत ही है वह प्रेस रिपोर्टर पुलिस अधिकारी नेता मंत्री बाद में हैअंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस का रिपोर्टर लाइव आ गया लेकिन लाइव आने के पहले उसने हमास के सदस्यों द्वारा सर पर बांधे जाने वाली बैंड हटाना भूल गया और इस तरह से एसोसिएटेड प्रेस का असली चेहरा पूरी दुनिया ने देख लियाइजराइल ने जो अल जजीरा का दफ्तर उड़ाया उसी बिल्डिंग में एसोसिएटेड प्रेस काफी दफ्तर था उसे भी उड़ा दिया। अब तमाम पत्रकार जो इसराइल को नसीहत दे रहे थे कि उसने मीडिया पर हमला किया है वह इस पर क्यों खामोश हैं कि एक पत्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया के डेढ़ सौ से ज्यादा देशों में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास का सदस्य है। वैसे किसी दिन रवीश कुमार भी हिज्बुल मुजाहिदीन का पट्टा बांधना निकालना भूल जाएंगे और लाइव नजर आएंगे। जे.पी सिंह।”

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यह तस्वीर इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही खबर फर्ज़ी है। जिस वैबसाइट ने इस खबर को प्रकाशित किया है, वह सारे लेख मज़ाक के तौर पर लिखते है।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रही तस्वीर को गौर से देखकर की, परिणाम में हमें वायरल हो रही तस्वीर पर द बेबीलोन बी.कॉम लिखा हुआ दिखा। इसको ध्यान में रखते हुये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें द बेबीलोन बी.कॉम पर वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा यही लेख प्रकाशित किया हुआ मिला।

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इसके बाद हमने उस वेबसाइट को खंगाला तो हमने वहाँ पाया कि, “बेबीलोन बी दुनिया का सबसे बेहतरीन व्यंग्य वेबसाइट है, जो अपने सभी सत्य दावों में पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण है। हम ईसाई सामग्री, राजनीतिक सामान और रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में व्यंग्य लिखते हैं।“

उपरोक्त दी गयी जानकारी से हमें यह समझ आया कि वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा समाचार लेख द बेबीलोन बी नामक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था और इस वेबसाइट पर जो भी लेख प्रकाशित किये जाते है वे मज़ाक/व्यंग्य के तौर पर किये जाते है।

तदनंतर हमने वायरल हो रहे शख्स की तस्वीर को गूगल रीवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक इनके चेहरे से मिलती एक सदृश्य तस्वीर अल जज़िरा द्वारा 6 फरवरी 2011 को प्रकाशित की गयी मिली।

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आप नीचे दिये गये तुलनात्मक विश्लेषण में वायरल हो रही तस्वीर व मूल तस्वीर में अंतर देख सकते है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत है। वायरल हो रही खबर फर्ज़ी है। जिस वैबसाइट ने इस खबर को प्रकाशित किया है, वह सारे लेख मज़ाक/व्यंग्य के तौर पर लिखते है।

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Title:हमास समर्थन हेडबैंड पहनकर गाजा में ध्वस्त ईमारत के सामने से लाइव रिपोर्टिंग करते ए.पी न्यूज़ रिपोर्टर की ख़बर फर्जी है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False