
१६ नवंबर २०१८ को अंकित पटेल नामक फेसबुक यूजर द्वारा साझा की गई पोस्ट की दो तस्वीरें काफ़ी चर्चा में रही व यह पोस्ट करीब ७० हजार बार साझा की गयी है | तस्वीरों के हैडलाइन में कहा गया है कि “मोदीजी को बधाई हो! भाजपा के विधायक सुधीर गाडगिल की कार से २० हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गयी है | ये खबर आग की तरह फैला दो क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं” | हैडलाइन के नीचे दी गई दो तस्वीरों में से पहली तस्वीर में कुछ अफसर, सरकारी कर्मचारी जैसे दिखने वाले लोग एक पुलिस सिपाही के साथ एक गाड़ी के सामने खड़े दिखाई देते है | दूसरी तस्वीर में ५००-२००० के नए नोटों के बंडल बक्सों में रखे दिखते है |
इस पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने पहले गूगल सर्च किया व भारतीय जनता पार्टी से सुधीर गाडगिल नाम के कोई विधायक हैं या नहीं यह जानने की कोशिश की | पता चला कि सुधीर गाडगिल महाराष्ट्र के सांगली से बीजेपी के विधायक हैं | यानि जो नाम बताया जा रहा है वो असली है, लेकिन जो कहानी बताई जा रही है वो कितनी सही है इसके लिए हमने अधिक जांच पड़ताल की |
मूल तस्वीर में जो नोटों के बंडल दिखाए गए है, उसका स्क्रीन शॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज करने पर हमने पाया कि यह तस्वीर आयकर विभाग द्वारा दिल्ली में की गई एक कार्रवाई की है | आयकर विभाग ने १७ नवंबर २०१७ को नई दिल्ली में छापा मारा था । को-लोकेशन मामले में ओपीजी समूह से संबंधित चल रही खोजों के दौरान, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के दलाल संजय गुप्ता के दिल्ली आवास पर छापे मारे गए और उपरोक्त तस्वीर उसी छापे के दौरान हासिल की गयी ११ करोड़ रुपये की है | काफ़ी प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों ने इस खबर को प्रकाशित किया था | साथ ही तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की दोस्त वी. के. शशिकला के घर जब छापा मारा गया था तब भी इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था जिसका फैक्ट चेक करने के बाद यह तस्वीर उस छापे की नहीं होने कि बात स्पष्ट होती है |
TimesofIndia | आर्काइव लिंक
Indiatoday | आर्काइव लिंक
इससे हम इस निष्कर्ष पर आ गए की उपरोक्त पैसों की बंडल की तस्वीर २०००० करोड़ की नही है व विधायक सुधीर गाडगिल के गाड़ी से नहीं मिली है, जैसा कि हैडलाइन में दावा किया गया है |
अब बात करते है दुसरी तस्वीर की | हमने गाड़ी के सामने खड़े लीगों की तस्वीर का स्क्रीन शॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज किया |
जांच करने पर हमें पता चला कि १४ नवंबर २०१६ को महाराष्ट्र के परभणी से एक बोलेरो गाड़ी सांगली जा रही थी, जिसकी उस्मानाबाद के तुलजापुर शहर के पास तलाशी ली गई | गाड़ी में से जो कैश मिला उसे जब्त कर लिया गया | लेकिन यहां गाड़ी से २० हजार करोड़ नहीं, बल्कि सिर्फ ६ करोड़ रुपए मिले थे | इस बात को विभिन्न मीडिया संगठनों ने भी प्रकाशित किया था |
TheIndianExpress | आर्काइव लिंक
अधिक जांच करने पर पता चला कि यह पैसा सांगली अर्बन बैंक का था, जिसके अध्यक्ष गणेश गाडगिल है, जो भाजपा के सांगली से विधायक सुधीर गाडगिल के भाई है । दरअसल जिस वक्त रकम जब्त की गई उस समय गाड़ी में बैंक का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था और न ही कोई सुरक्षाकर्मी | लेकिन गणेश गाडगिल का दावा है कि गाड़ी बैंक की थी और ड्राइवर के पास आईडी थी | रकम से जुड़े सारे कागजात भी गाड़ी में थे | हमे यह भी पता चला कि जो नोट जब्त किए गए वो २ हजार के नए नोट नहीं बल्कि ५०० – १००० और १०० रुपए के नोट थे | इस बात को मीडिया संगठनों ने भी प्रकाशित किया है |
ABP Majha | आर्काइव लिंक
ABP News | आर्काइव लिंक
यानि पहला दावा कि पैसे बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल का है यह गलत साबित होता है क्योंकि पैसा सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गाडगिल जिसके अध्यक्ष है उस सांगली अर्बन बैंक का है |
निष्कर्ष: तथ्यों कि जाच करने पर हमने पाया कि :
- तस्वीरों की हैडलाइन गलत है क्योंकि पैसा सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गडगिल के अध्यक्षता वाली सांगली अर्बन बैंक का है|
- तस्वीरों में दिखाई देते पैसों के बंडल असल में दिल्ली में हुई आयकर विभाग के छापे में जब्त किये थे |
- पहली तस्वीर में गणेश गाडगिल की गाड़ी है जिसमे ६ करोड़ रुपये मिले थे और वह रकम सांगली अर्बन बैंक की है | यह रकम व गाड़ी सुधीर गाडगिल की नहीं है, जैसा कि हैडलाइन में दावा किया गया है |
जांच के पश्चात हमने दोनों तस्वीरों को तथा हैडलाइन को गलत पाया है |

Title:क्या बीजेपी के विधायक सुधीर गाडगिल की गाड़ी से २० हजार करोड़ पकड़े गए?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
